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जब शारदा सिन्हा गारी गाने लगीं तो स्वामी रामभद्राचार्य मुंह छिपाकर हंसने लगे थे, देखिए बक्सर का लगाव

शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन हो चुकी हैं. स्वामी रामभद्राचार्य को गारी सुनाने का एक प्रकरण उनके निधन के बाद वायरल हो रहा है-

जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह
जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 7, 2024, 1:54 PM IST

बक्सर : बिहार कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा अब हमलोगों के बीच नहीं हैं. पूरा देश उनको नमन कर है, श्रद्धांजलि दे रहा है. उनकी यादों को, उनकी बातों को साझा कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत पहुंचा बक्सर के एमपी हाई स्कूल जहाँ शारदा सिन्हा के पिताजी प्राध्यापक थे.

जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह : बक्सर में शारदा सिन्हा का अंतिम आगमन साल 2022 में हुआ था, जब यहाँ अंतरराष्ट्रीय संत समागम हुआ था. शारदा सिन्हा और देश के जाने माने संत स्वामी रामभद्राचार्य की मुलाकात हुई थी. और वे स्वामी जी को मिथिला की तरफ से अपना सुप्रसिद्ध गारी 'रामजी से पुछेली जनकपुर की नारी, बताव बबुआ लोगवा देत काहे गारी' गाकर सुनाईं थी. इस गारी (रिवायती गीत) को सुनकर स्वामी रामभद्राचार्य ने अपना मुंह छिपाकर हंसने लगे.

गारी सुनकर जब जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह (ETV Bharat)

बक्सर में बीता बचपन : उन दिनों के बारे में बताते हुए एमपी हाई स्कूल के प्राचार्य विजय मिश्रा कहते हैं कि बात 60 और 70 के दशक की है, जब सुखदेव ठाकुर इस विद्यालय में एक शिक्षक के रूप सेवा दिए. स्वाभाविक है कि पिता के साथ शारदा सिन्हा का पूरा परिवार यहां रहता था. इसकी चर्चा जब कभी भी शारदा सिन्हा बक्सर आती थीं तो करती थीं. आपको बता दें कि बक्सर के एमपी हाई स्कूल में शारदा सिन्हा का बचपन गुजारा था.

''बक्सर के एमपी हाई स्कूल में सुखदेव ठाकुर और उनके परिवार जिसमें उनकी बेटी शारदा सिन्हा रहा करती थीं. एमपी हाई स्कूल का एकलव्य हॉस्टल जो इस समय वर्तमान में है, वह तब शिक्षकों का आवास हुआ करता था. इसी एकलव्य हॉस्टल में शिक्षक के रूप में सुखदेव कुमार ठाकुर 70 के दशक में अपने पूरे परिवार के साथ रहा करते थे. यहीं पर एमपी हाई स्कूल के प्रांगण में शारदा सिन्हा और उनके पूरे परिवार ने अपने जीवन व्यतीत किया था.''- विजय मिश्रा, प्राचार्य, एमपी हाई स्कूल

एमपी हाई स्कूल जहां बीता शारदा सिन्हा का बचपन (ETV Bharat)

शारदा सिन्हा के निधन से बक्सर भी शोकाकुल : प्राचार्य विजय मिश्रा ने कहा कि 2022 में जब बक्सर में अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन हुआ था, तब कार्यक्रम में शारदा सिन्हा बक्सर पहुँची थीं. उस वक्त उन्होंने कुछ भी लेने से कह कर मना कर दिया कि हमारा इस धरती से विशेष नाता रहा है. शारदा सिन्हा की मौत के बाद बक्सर एमपी हाई स्कूल परिवार शोकाकुल है.

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जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह : बक्सर में शारदा सिन्हा का अंतिम आगमन साल 2022 में हुआ था, जब यहाँ अंतरराष्ट्रीय संत समागम हुआ था. शारदा सिन्हा और देश के जाने माने संत स्वामी रामभद्राचार्य की मुलाकात हुई थी. और वे स्वामी जी को मिथिला की तरफ से अपना सुप्रसिद्ध गारी 'रामजी से पुछेली जनकपुर की नारी, बताव बबुआ लोगवा देत काहे गारी' गाकर सुनाईं थी. इस गारी (रिवायती गीत) को सुनकर स्वामी रामभद्राचार्य ने अपना मुंह छिपाकर हंसने लगे.

गारी सुनकर जब जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह (ETV Bharat)

बक्सर में बीता बचपन : उन दिनों के बारे में बताते हुए एमपी हाई स्कूल के प्राचार्य विजय मिश्रा कहते हैं कि बात 60 और 70 के दशक की है, जब सुखदेव ठाकुर इस विद्यालय में एक शिक्षक के रूप सेवा दिए. स्वाभाविक है कि पिता के साथ शारदा सिन्हा का पूरा परिवार यहां रहता था. इसकी चर्चा जब कभी भी शारदा सिन्हा बक्सर आती थीं तो करती थीं. आपको बता दें कि बक्सर के एमपी हाई स्कूल में शारदा सिन्हा का बचपन गुजारा था.

''बक्सर के एमपी हाई स्कूल में सुखदेव ठाकुर और उनके परिवार जिसमें उनकी बेटी शारदा सिन्हा रहा करती थीं. एमपी हाई स्कूल का एकलव्य हॉस्टल जो इस समय वर्तमान में है, वह तब शिक्षकों का आवास हुआ करता था. इसी एकलव्य हॉस्टल में शिक्षक के रूप में सुखदेव कुमार ठाकुर 70 के दशक में अपने पूरे परिवार के साथ रहा करते थे. यहीं पर एमपी हाई स्कूल के प्रांगण में शारदा सिन्हा और उनके पूरे परिवार ने अपने जीवन व्यतीत किया था.''- विजय मिश्रा, प्राचार्य, एमपी हाई स्कूल

एमपी हाई स्कूल जहां बीता शारदा सिन्हा का बचपन (ETV Bharat)

शारदा सिन्हा के निधन से बक्सर भी शोकाकुल : प्राचार्य विजय मिश्रा ने कहा कि 2022 में जब बक्सर में अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन हुआ था, तब कार्यक्रम में शारदा सिन्हा बक्सर पहुँची थीं. उस वक्त उन्होंने कुछ भी लेने से कह कर मना कर दिया कि हमारा इस धरती से विशेष नाता रहा है. शारदा सिन्हा की मौत के बाद बक्सर एमपी हाई स्कूल परिवार शोकाकुल है.

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