नई दिल्ली: हाल ही में विदेश की यात्रा करने वाले एक संदिग्ध मंकीपॉक्स (Mpox) से संक्रमित युवा रोगी की पहचान की गई है. रोगी को एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. फिलहाल उसकी हालत स्थिर है.एमपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए रोगी के सैंपल का टेस्ट किया जा रहा है.
मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार मैनेज किया जा रहा है और संभावित सोर्स की पहचान करने और देश के भीतर प्रभाव का आकलन करने के लिए उसकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है. यह केस एनसीडीसी द्वारा किए गए रिस्क असेसमेंट के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है.
मामले से निपटने के लिए किए गए उपाय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि मरीज के सैंपल ले लिए गए हैं और यह पता लगाने के लिए टेस्ट किया जा रहा है कि मरीज को एमपॉक्स हुआ है या नहीं. देश इस तरह के अलग-थलग यात्रा से संबंधित मामले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं.
सरकार ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है और यह घटनाक्रम राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए पूर्व जोखिम आकलन के अनुरूप है.
WHO प्रकोप को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 12 अफ्रीकी देशों में प्रकोप को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करने के तीन सप्ताह बाद भारत में संदिग्ध एमपॉक्स मामले का पता चला है. इस पहले अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र और WHO ने शुक्रवार को एमपॉक्स प्रकोप के लिए एक महाद्वीप-व्यापी प्रतिक्रिया योजना शुरू की थी.
अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक डॉ. जीन कासेया के अनुसार, लगभग 600 मिलियन डॉलर के अनुमानित बजट वाली छह महीने की योजना निगरानी, प्रयोगशाला परीक्षण और सामुदायिक जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करेगी.
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