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सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में मस्जिद समिति की याचिका पर आज सुनवाई - SC Gyanvapi - SC GYANVAPI

SC hearing on Masjid committees plea today: सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर आज सुनवाई करेगा.

SC will hear the mosque committee's petition against Gyanvapi today (Photo IANS)
SC ज्ञानवापी के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर आज सुनवाई करेगा (फोटो आईएएनएस)
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By IANS

Published : Apr 1, 2024, 8:19 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा गया है, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई थी.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति देने वाले जिला अदालत के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था.

ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र पर परस्पर विरोधी दावों से जुड़े सिविल कोर्ट में चल रहे एक मामले के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने यह फैसला दिया था. हिंदू पक्ष ने कहा है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार मस्जिद के तहखाने में पूजा-पाठ करता था, मगर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्‍कालीन सरकार ने कथित तौर पर इस पर रोक लगा दी थी.

मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का विरोध किया है और कहा है कि मस्जिद की इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्‍जा रहा है. ज्ञानवापी परिसर पर मुख्य विवाद में हिंदू पक्ष का यह दावा शामिल है कि उस जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था, जिसका एक हिस्‍सा 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन के दौरान नष्ट कर दिया गया था.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल से पहले की है और समय के साथ इसमें कई बदलाव हुए हैं. वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी के अपने आदेश में पुजारियों को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति दी थी. इसके बाद 1 फरवरी की आधी रात को मस्जिद परिसर में धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया था. बाद में दक्षिणी तहख़ाना भक्तों के लिए खोल दिया गया.

वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों ('व्यास जी का तहखाना') में से एक के अंदर पूजा अनुष्ठान के लिए 7 दिनों के भीतर उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी परिसर का दौरा किया था और 'व्यास जी के तहखाने' में पूजा की थी.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद मामला: दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को लेकर सभी थानों को जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा गया है, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई थी.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति देने वाले जिला अदालत के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था.

ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र पर परस्पर विरोधी दावों से जुड़े सिविल कोर्ट में चल रहे एक मामले के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने यह फैसला दिया था. हिंदू पक्ष ने कहा है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार मस्जिद के तहखाने में पूजा-पाठ करता था, मगर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्‍कालीन सरकार ने कथित तौर पर इस पर रोक लगा दी थी.

मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का विरोध किया है और कहा है कि मस्जिद की इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्‍जा रहा है. ज्ञानवापी परिसर पर मुख्य विवाद में हिंदू पक्ष का यह दावा शामिल है कि उस जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था, जिसका एक हिस्‍सा 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन के दौरान नष्ट कर दिया गया था.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल से पहले की है और समय के साथ इसमें कई बदलाव हुए हैं. वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी के अपने आदेश में पुजारियों को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति दी थी. इसके बाद 1 फरवरी की आधी रात को मस्जिद परिसर में धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया था. बाद में दक्षिणी तहख़ाना भक्तों के लिए खोल दिया गया.

वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों ('व्यास जी का तहखाना') में से एक के अंदर पूजा अनुष्ठान के लिए 7 दिनों के भीतर उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी परिसर का दौरा किया था और 'व्यास जी के तहखाने' में पूजा की थी.

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