नई दिल्ली: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. बता दें, उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के प्राधिकारियों से सोमवार को राज्य के सभी मंदिरों में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण पर 'रोक' लगाने के किसी भी मौखिक दिशा निर्देश के आधार पर नहीं बल्कि कानून के अनुसार काम करने को कहा.
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Plea filed in Supreme Court against an order of Tamil Nadu government by which it has allegedly banned live telecast of the "Pran Prathishta" of Lord Ram at Ayodhya in the temples across the State.
— ANI (@ANI) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The government has also banned all kinds of poojas, Archana and Annadanam (poor… pic.twitter.com/JVglDutTeu
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— ANI (@ANI) January 22, 2024
The government has also banned all kinds of poojas, Archana and Annadanam (poor… pic.twitter.com/JVglDutTeuPlea filed in Supreme Court against an order of Tamil Nadu government by which it has allegedly banned live telecast of the "Pran Prathishta" of Lord Ram at Ayodhya in the temples across the State.
— ANI (@ANI) January 22, 2024
The government has also banned all kinds of poojas, Archana and Annadanam (poor… pic.twitter.com/JVglDutTeu
पीठ ने प्राधिकारियों से उन वजहों को रिकॉर्ड में रखने और उन आवेदनों का डेटा बनाए रखने को कहा है जिन्हें मंदिरों में 'पूजा अर्चना' और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण के लिए स्वीकृति दी गयी है. साथ ही जिन्हें अनुमति नहीं दी गयी है, उन्हें भी रिकॉर्ड में रखने को कहा है. पीठ ने याचिका पर तमिलनाडु सरकार से भी 29 जनवरी तक जवाब देने को कहा है. यह याचिका विनोज नामक व्यक्ति ने दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने राज्य के सभी मंदिरों में अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के सीधे प्रसारण पर रोक लगा दी है.
यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार ने इस अवसर पर सभी प्रकार की पूजा और 'अन्नदानम' तथा 'भजनों' पर रोक लगा दी है. बहरहाल, तमिलनाडु के हिंदू धर्म और धर्मार्थ धर्मादा मंत्री पी के शेखर बाबू ने रविवार को कहा था कि श्रीराम की पूजा करने पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. उन्होंने साथ ही कहा कि अन्नदानम और प्रसादम वितरित करने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. उन्होंने इन दावों को फर्जी बताया.