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90 के दशक में स्टेनगन से ताबड़तोड़ फायरिंग, जानें कौन है मुन्ना शुक्ला जिसके नाम से कांपता था बिहार - Munna Shukla

Brij Bihari Prasad Murder Case: चर्चित बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. हम आपको बताते हैं कि यह हत्या कैसे, कब और कहां हुई थी? विस्तार से जानें

MUNNA SHUKLA
बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्र कैद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 3, 2024, 4:43 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 5:14 PM IST

पटना: बिहार की राबड़ी सरकार में मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना सुप्रीम फैसला सुना दिया है. इस फैसले में पूर्व बाहुबली विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बाकी आठ आरोपियों को बरी कर दिया लेकिन, मुन्ना शुक्ला समेत दो लोगों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.

बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्र कैद: इस आरोप में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह भी शामिल थे लेकिन, उनकी रिहाई को बरकरार रखा गया है. आपको यह जान लेना चाहिए कि मुन्ना शुक्ला कौन है? मुन्ना शुक्ला 90 दशक के एक बाहुबली थे.

मुन्ना शुक्ला का बड़ा आपराधिक इतिहास: अपने बाहुबल पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी जीता था. 55 वर्षीय मुन्ना शुक्ला का बड़ा आपराधिक इतिहास रहा है. उतर बिहार में उनकी तूती बोलती थी. उनके भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला का भी अपराध में बड़ा नाम था.

बाहुबली को आजीवन कारावास: एक गैंगवार में छोटन सिंह की हत्या हो गई थी. इस हत्या के बाद आनंद मोहन जब अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे तो गोपालगंज डीएम जी कृष्णाया की हत्या हो गई थी. जिसका आरोप मुन्ना शुक्ला के भाई भुटकुन शुक्ला पर लगा था. जी कृष्णा हत्याकांड में आनंद मोहन को भी आरोपी बनाया गया था जिसमें उन्होंने उम्र कैद की सजा काटी है. अब एक बार फिर से एक बाहुबली नेता को उम्र कैद की सजा मिली है.

MUNNA SHUKLA GETS LIFE IMPRISONMENT
बाहुबली को आजीवन कारावास (ETV Bharat)

आतंक का दशक: ये जान लेना जरूरी है कि इस हत्याकांड को अंजाम कैसे दिया गया था. बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड का जिक्र होता है तो उस समय बिहार के अंडरवर्ल्ड की भी चर्चा शुरू हो जाती है. 90 के दशक में बिहार में माफियाओं का कालजयी काल था. इस दौरान बिहार के अलग-अलग इलाकों में बड़े-बड़े माफिया स्थापित हो चुके थे. तब बिहार में सम्राट अशोक, मुन्ना शुक्ला, बृज बिहारी प्रसाद, राजन तिवारी, सूरजभान सिंह की तूती बोलती थी.

डीडी बनाम बृज बिहारी प्रसाद : भले चंपारण को महात्मा गांधी की कर्मस्थली कहा जाता हो लेकिन, 90 के दशक में यहां माफियाओं का राज था. पूरे चंपारण में देवेंद्र दुबे का एकछत्र राज हुआ करता था. दूर-दूर तक उन्हें कोई चुनौती देने वाला नहीं था. उन पर लगभग 35 हत्याओं का आरोप था. देवेंद्र दुबे को अंडरवर्ल्ड में डीडी के नाम से बुलाया जाता था और उनकी सबसे अच्छी दोस्ती यूपी के आतंक के पर्याय बन चुके प्रकाश शुक्ला से थी.

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55 वर्षीय मुन्ना शुक्ला का आपराधिक इतिहास (ETV Bharat)

रेलवे के ठेके को लेकर थी दोस्ती : यह दोस्ती रेलवे के ठेका के कारण हुई थी. रेलवे और इलाके में वर्चस्व देवेंद्र दुबे का लगातार बढ़ता जा रहा था. 1995 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र दुबे ने बड़ी जीत हासिल की थी. चूंकि देवेंद्र दुबे जेल में रहकर चुनाव लड़े थे और उन पर यह आरोप था कि उन्होंने चुनाव के नॉमिनेशन के दिन 6 लोगों को जहर देकर मार दिया था. इस चुनाव को जिताने में श्री प्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी का अहम रोल माना जाता था.

डीडी के भतीजे ने कसम खायी : इस दरमियान बृज बिहारी प्रसाद देवेंद्र दुबे के बड़े विरोधी बन गए. डीडी चुनाव जीतने के बाद जेल से बाहर आए और 25 फरवरी 1998 को अरेराज ब्लॉक जो कि बृज बिहारी प्रसाद का इलाका था, वहां प्लानिंग करके देवेंद्र दुबे को घेर कर एक-47 से छलनी कर दिया गया. उनकी हत्या का पूरा आरोप बृज बिहारी प्रसाद पर लगा. उस समय बृज बिहारी प्रसाद ऊर्जा मंत्री थे. देवेंद्र दुबे की हत्या के बाद उनका भतीजा मंटू तिवारी जो अंडरवर्ल्ड में अपनी एक अलग पहचान बन चुका था. उसने ऐलान कर दिया कि जब तक वह देवेंद्र दुबे की हत्या का बदला नहीं ले लेगा तब तक शादी नहीं करेगा.

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बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्र कैद (ETV Bharat)

हत्या के लिए यूपी से आया था श्रीप्रकाश शुक्ला : देवेंद्र दुबे की हत्या के महज 3 महीने बाद ही राजद के कद्दावर मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या आईजीआईएमएस में कर दी गई. उस समय बृज बिहारी प्रसाद राबड़ी देवी सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. एडमिशन घोटाले में बृज बिहारी प्रसाद अरेस्ट हो चुके थे. जेल में सीने में दर्द की शिकायत कहकर पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में उनको भर्ती कराया गया था.

राबड़ी सरकार के मंत्री को गोलियों से किया छलनी : बृज बिहारी प्रसाद 13 जून 1998 को आईजीआईएमएस की परिसर में टहल रहे थे. उनके बॉडीगार्ड भी उनके साथ थे. तब अचानक एक एंबेसडर गाड़ी और एक सूमो उनके पास पहुंची. गर्दनीबाग थाना (अब शास्त्रीनगर) कांड संख्या 336/98 में दर्ज FIR में लिखा गया है कि मंटू तिवारी, भूपेंद्र नाथ दुबे, श्रीप्रकाश शुक्ला सहित कई लोग बृजबिहारी प्रसाद और बॉडीगार्ड के पास आ गए. पहले भूपेंद्र नाथ दुबे ने गोली चलाई. उसके बाद मंटू तिवारी ने स्टेनगन से गोली चलानी शुरू कर दी. श्रीप्रकाश शुक्ला ने भी पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग की. उस समय बृज बिहारी प्रसाद और उनके बॉडीगार्ड वहीं गिर गए.

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90 के दशक के बाहुबली हैं मुन्ना शुक्ला (ETV Bharat)

शाम में हुई थी हत्या : चश्मदीद गवाहों के मुताबिक जिन लोगों ने गोलियां चलाई वह बजरंगबली का नारा लगाते हुए एंबेडर और सूमो में सवार होकर निकल गए. उस समय एक न्यूज़ एजेंसी के लिए काम कर रहे और वर्तमान में एक चैनल के लिए कैमरा पर्सन की नौकरी करने वाले वरिष्ठ कैमरामैन दीपक कुमार के मुताबिक जब बृज बिहारी प्रसाद की हत्या हुई थी तो गोलियां चलने की आवाज उनके कानों तक भी गई थी. क्योंकि उनका घर आईजीआईएमएस के ठीक बगल में था. उन्होंने अपना कैमरा उठाया और आईजीआईएमएस की तरफ चले गए.

"जब आईजीआईएमएस के अंदर मैं गया तो घटना कुछ ही देर पहले घटी थी. वहां दो-चार लोग ही थे. मंत्री बृज बिहारी प्रसाद जमीन पर गिरे हुए थे. उनके बगल में उनका बॉडीगार्ड गिरा हुआ था. उस समय यह समझ में नहीं आ रहा था कि अब तक पुलिस क्यों नहीं पहुंची है? चारों तरफ चारों तरफ सन्नाटा था. जो दो-चार लोग ही वहां थे, वह भी कुछ कहने को तैयार नहीं थे." - दीपक कुमार, वरिष्ठ कैमरामैन

डीडी की हत्या आरोप बृज बिहारी पर : दीपक कुमार बताते हैं कि जब कुछ देर हुआ तो वहां पुलिस भी पहुंची और लोगों की भीड़ भी आनी शुरू हो गई. चूंकि उनकी पत्नी शाम के वक्त खाना लेकर आती थी तो वो भी कुछ देर बाद ही आईं. उस समय मोबाइल का युग नहीं था. ऐसे में जैसे-जैसे लोगों को पता चला. वैसे -वैसे भीड़ बढ़नी शुरू हो गई. उन्होंने इस पूरे वाक्य को अपने कमरे में कैद किया था.

हत्याकांड पर लालू की चुप्पी: दीपक कुमार यह भी बताते हैं कि इससे पहले जब फरवरी में देवेंद्र नाथ दुबे की हत्या हुई थी तो उन्होंने उस घटना को भी कवर किया था. तब बृज बिहारी प्रसाद पर हत्या का आरोप लगा था. वो उस समय राजद में थे. तब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से इस बाबत सवाल करने पहुंचे थे कि उनके मंत्री पर हत्या का आरोप लगा है तो उस समय इस घटना को लेकर लालू यादव ने कोई जवाब नहीं दिया था. बाद में बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी मोतिहारी से राजद सांसद बनीं, फिर वो भाजपा से शिवहर से तीन बार सांसद रहीं.

पटना: बिहार की राबड़ी सरकार में मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना सुप्रीम फैसला सुना दिया है. इस फैसले में पूर्व बाहुबली विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बाकी आठ आरोपियों को बरी कर दिया लेकिन, मुन्ना शुक्ला समेत दो लोगों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.

बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्र कैद: इस आरोप में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह भी शामिल थे लेकिन, उनकी रिहाई को बरकरार रखा गया है. आपको यह जान लेना चाहिए कि मुन्ना शुक्ला कौन है? मुन्ना शुक्ला 90 दशक के एक बाहुबली थे.

मुन्ना शुक्ला का बड़ा आपराधिक इतिहास: अपने बाहुबल पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी जीता था. 55 वर्षीय मुन्ना शुक्ला का बड़ा आपराधिक इतिहास रहा है. उतर बिहार में उनकी तूती बोलती थी. उनके भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला का भी अपराध में बड़ा नाम था.

बाहुबली को आजीवन कारावास: एक गैंगवार में छोटन सिंह की हत्या हो गई थी. इस हत्या के बाद आनंद मोहन जब अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे तो गोपालगंज डीएम जी कृष्णाया की हत्या हो गई थी. जिसका आरोप मुन्ना शुक्ला के भाई भुटकुन शुक्ला पर लगा था. जी कृष्णा हत्याकांड में आनंद मोहन को भी आरोपी बनाया गया था जिसमें उन्होंने उम्र कैद की सजा काटी है. अब एक बार फिर से एक बाहुबली नेता को उम्र कैद की सजा मिली है.

MUNNA SHUKLA GETS LIFE IMPRISONMENT
बाहुबली को आजीवन कारावास (ETV Bharat)

आतंक का दशक: ये जान लेना जरूरी है कि इस हत्याकांड को अंजाम कैसे दिया गया था. बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड का जिक्र होता है तो उस समय बिहार के अंडरवर्ल्ड की भी चर्चा शुरू हो जाती है. 90 के दशक में बिहार में माफियाओं का कालजयी काल था. इस दौरान बिहार के अलग-अलग इलाकों में बड़े-बड़े माफिया स्थापित हो चुके थे. तब बिहार में सम्राट अशोक, मुन्ना शुक्ला, बृज बिहारी प्रसाद, राजन तिवारी, सूरजभान सिंह की तूती बोलती थी.

डीडी बनाम बृज बिहारी प्रसाद : भले चंपारण को महात्मा गांधी की कर्मस्थली कहा जाता हो लेकिन, 90 के दशक में यहां माफियाओं का राज था. पूरे चंपारण में देवेंद्र दुबे का एकछत्र राज हुआ करता था. दूर-दूर तक उन्हें कोई चुनौती देने वाला नहीं था. उन पर लगभग 35 हत्याओं का आरोप था. देवेंद्र दुबे को अंडरवर्ल्ड में डीडी के नाम से बुलाया जाता था और उनकी सबसे अच्छी दोस्ती यूपी के आतंक के पर्याय बन चुके प्रकाश शुक्ला से थी.

MUNNA SHUKLA GETS LIFE IMPRISONMENT
55 वर्षीय मुन्ना शुक्ला का आपराधिक इतिहास (ETV Bharat)

रेलवे के ठेके को लेकर थी दोस्ती : यह दोस्ती रेलवे के ठेका के कारण हुई थी. रेलवे और इलाके में वर्चस्व देवेंद्र दुबे का लगातार बढ़ता जा रहा था. 1995 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र दुबे ने बड़ी जीत हासिल की थी. चूंकि देवेंद्र दुबे जेल में रहकर चुनाव लड़े थे और उन पर यह आरोप था कि उन्होंने चुनाव के नॉमिनेशन के दिन 6 लोगों को जहर देकर मार दिया था. इस चुनाव को जिताने में श्री प्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी का अहम रोल माना जाता था.

डीडी के भतीजे ने कसम खायी : इस दरमियान बृज बिहारी प्रसाद देवेंद्र दुबे के बड़े विरोधी बन गए. डीडी चुनाव जीतने के बाद जेल से बाहर आए और 25 फरवरी 1998 को अरेराज ब्लॉक जो कि बृज बिहारी प्रसाद का इलाका था, वहां प्लानिंग करके देवेंद्र दुबे को घेर कर एक-47 से छलनी कर दिया गया. उनकी हत्या का पूरा आरोप बृज बिहारी प्रसाद पर लगा. उस समय बृज बिहारी प्रसाद ऊर्जा मंत्री थे. देवेंद्र दुबे की हत्या के बाद उनका भतीजा मंटू तिवारी जो अंडरवर्ल्ड में अपनी एक अलग पहचान बन चुका था. उसने ऐलान कर दिया कि जब तक वह देवेंद्र दुबे की हत्या का बदला नहीं ले लेगा तब तक शादी नहीं करेगा.

MUNNA SHUKLA GETS LIFE IMPRISONMENT
बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्र कैद (ETV Bharat)

हत्या के लिए यूपी से आया था श्रीप्रकाश शुक्ला : देवेंद्र दुबे की हत्या के महज 3 महीने बाद ही राजद के कद्दावर मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या आईजीआईएमएस में कर दी गई. उस समय बृज बिहारी प्रसाद राबड़ी देवी सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. एडमिशन घोटाले में बृज बिहारी प्रसाद अरेस्ट हो चुके थे. जेल में सीने में दर्द की शिकायत कहकर पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में उनको भर्ती कराया गया था.

राबड़ी सरकार के मंत्री को गोलियों से किया छलनी : बृज बिहारी प्रसाद 13 जून 1998 को आईजीआईएमएस की परिसर में टहल रहे थे. उनके बॉडीगार्ड भी उनके साथ थे. तब अचानक एक एंबेसडर गाड़ी और एक सूमो उनके पास पहुंची. गर्दनीबाग थाना (अब शास्त्रीनगर) कांड संख्या 336/98 में दर्ज FIR में लिखा गया है कि मंटू तिवारी, भूपेंद्र नाथ दुबे, श्रीप्रकाश शुक्ला सहित कई लोग बृजबिहारी प्रसाद और बॉडीगार्ड के पास आ गए. पहले भूपेंद्र नाथ दुबे ने गोली चलाई. उसके बाद मंटू तिवारी ने स्टेनगन से गोली चलानी शुरू कर दी. श्रीप्रकाश शुक्ला ने भी पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग की. उस समय बृज बिहारी प्रसाद और उनके बॉडीगार्ड वहीं गिर गए.

MUNNA SHUKLA GETS LIFE IMPRISONMENT
90 के दशक के बाहुबली हैं मुन्ना शुक्ला (ETV Bharat)

शाम में हुई थी हत्या : चश्मदीद गवाहों के मुताबिक जिन लोगों ने गोलियां चलाई वह बजरंगबली का नारा लगाते हुए एंबेडर और सूमो में सवार होकर निकल गए. उस समय एक न्यूज़ एजेंसी के लिए काम कर रहे और वर्तमान में एक चैनल के लिए कैमरा पर्सन की नौकरी करने वाले वरिष्ठ कैमरामैन दीपक कुमार के मुताबिक जब बृज बिहारी प्रसाद की हत्या हुई थी तो गोलियां चलने की आवाज उनके कानों तक भी गई थी. क्योंकि उनका घर आईजीआईएमएस के ठीक बगल में था. उन्होंने अपना कैमरा उठाया और आईजीआईएमएस की तरफ चले गए.

"जब आईजीआईएमएस के अंदर मैं गया तो घटना कुछ ही देर पहले घटी थी. वहां दो-चार लोग ही थे. मंत्री बृज बिहारी प्रसाद जमीन पर गिरे हुए थे. उनके बगल में उनका बॉडीगार्ड गिरा हुआ था. उस समय यह समझ में नहीं आ रहा था कि अब तक पुलिस क्यों नहीं पहुंची है? चारों तरफ चारों तरफ सन्नाटा था. जो दो-चार लोग ही वहां थे, वह भी कुछ कहने को तैयार नहीं थे." - दीपक कुमार, वरिष्ठ कैमरामैन

डीडी की हत्या आरोप बृज बिहारी पर : दीपक कुमार बताते हैं कि जब कुछ देर हुआ तो वहां पुलिस भी पहुंची और लोगों की भीड़ भी आनी शुरू हो गई. चूंकि उनकी पत्नी शाम के वक्त खाना लेकर आती थी तो वो भी कुछ देर बाद ही आईं. उस समय मोबाइल का युग नहीं था. ऐसे में जैसे-जैसे लोगों को पता चला. वैसे -वैसे भीड़ बढ़नी शुरू हो गई. उन्होंने इस पूरे वाक्य को अपने कमरे में कैद किया था.

हत्याकांड पर लालू की चुप्पी: दीपक कुमार यह भी बताते हैं कि इससे पहले जब फरवरी में देवेंद्र नाथ दुबे की हत्या हुई थी तो उन्होंने उस घटना को भी कवर किया था. तब बृज बिहारी प्रसाद पर हत्या का आरोप लगा था. वो उस समय राजद में थे. तब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से इस बाबत सवाल करने पहुंचे थे कि उनके मंत्री पर हत्या का आरोप लगा है तो उस समय इस घटना को लेकर लालू यादव ने कोई जवाब नहीं दिया था. बाद में बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी मोतिहारी से राजद सांसद बनीं, फिर वो भाजपा से शिवहर से तीन बार सांसद रहीं.

Last Updated : Oct 3, 2024, 5:14 PM IST
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