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'कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज की - Adani Hindenburg controversy

SC on Adani Hindenburg controversy: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 3 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाले मामले में जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जयसवाल द्वारा दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया.

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सुप्रीम कोर्ट (ANI)
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By Sumit Saxena

Published : Jul 15, 2024, 6:55 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग केस में फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 3 जनवरी के फैसले के संबंध में रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि नहीं थी. इस मामले में 3 जनवरी को सुनाए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की ओर से स्‍टॉक प्राइस में हेरफेर के आरोपों की जांच SIT या CBI को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 3 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाले मामले में जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जयसवाल द्वारा दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता ने समीक्षा याचिका में तर्क दिया था कि जब तक सेबी जांच के निष्कर्ष सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट नहीं किए जाते तब तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि कोई नियामक विफलता नहीं थी.

शीर्ष अदालत ने एक आदेश में, जो 8 मई को पारित किया गया था लेकिन हाल ही में अपलोड किया गया था, कहा 'समीक्षा याचिका का अध्ययन करने के बाद, रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं है. इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने कहा, लंबित आवेदन, यदि कोई हो, निपटाया जाए.'

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि ऐसे पर्याप्त कारण हैं जिनके लिए शीर्ष अदालत द्वारा 3 जनवरी को पारित आदेश की समीक्षा की आवश्यकता है. याचिका में तर्क दिया गया कि आदेश में स्पष्ट त्रुटियां थीं और सेबी की नियामक विफलताओं को नजरअंदाज किया गया था.याचिका में तर्क दिया गया था कि सेबी ने आरोपों के बाद की गई 24 जांचों की स्थिति के बारे में अदालत को अपडेट किया लेकिन किसी भी निष्कर्ष या की गई कार्रवाई के विवरण का खुलासा नहीं किया.

शीर्ष अदालत ने 3 जनवरी को कहा था कि सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की 24 में से 22 जांच पूरी कर ली है. अदालत के समक्ष सेबी का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए आश्वासन की पृष्ठभूमि में, शीर्ष अदालत ने बाजार नियामक को दो लंबित जांचों को शीघ्रता से अधिमानतः तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था. जनवरी 2023 में अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया था.

ये भी पढ़ें: अडाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, मुंद्रा जमीन मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग केस में फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 3 जनवरी के फैसले के संबंध में रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि नहीं थी. इस मामले में 3 जनवरी को सुनाए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की ओर से स्‍टॉक प्राइस में हेरफेर के आरोपों की जांच SIT या CBI को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 3 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाले मामले में जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जयसवाल द्वारा दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता ने समीक्षा याचिका में तर्क दिया था कि जब तक सेबी जांच के निष्कर्ष सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट नहीं किए जाते तब तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि कोई नियामक विफलता नहीं थी.

शीर्ष अदालत ने एक आदेश में, जो 8 मई को पारित किया गया था लेकिन हाल ही में अपलोड किया गया था, कहा 'समीक्षा याचिका का अध्ययन करने के बाद, रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं है. इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने कहा, लंबित आवेदन, यदि कोई हो, निपटाया जाए.'

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि ऐसे पर्याप्त कारण हैं जिनके लिए शीर्ष अदालत द्वारा 3 जनवरी को पारित आदेश की समीक्षा की आवश्यकता है. याचिका में तर्क दिया गया कि आदेश में स्पष्ट त्रुटियां थीं और सेबी की नियामक विफलताओं को नजरअंदाज किया गया था.याचिका में तर्क दिया गया था कि सेबी ने आरोपों के बाद की गई 24 जांचों की स्थिति के बारे में अदालत को अपडेट किया लेकिन किसी भी निष्कर्ष या की गई कार्रवाई के विवरण का खुलासा नहीं किया.

शीर्ष अदालत ने 3 जनवरी को कहा था कि सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की 24 में से 22 जांच पूरी कर ली है. अदालत के समक्ष सेबी का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए आश्वासन की पृष्ठभूमि में, शीर्ष अदालत ने बाजार नियामक को दो लंबित जांचों को शीघ्रता से अधिमानतः तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था. जनवरी 2023 में अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया था.

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