नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के बाहर की सड़क को जनता के लिए खोलने पर रोक लगा दी. इससे पहले पंजाब औ हरियाणा हाई कोर्ट ने परीक्षण के आधार पर इस सड़क को लोगों के लिए खोलने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को नोटिस भी जारी किया. बेंच ने कहा कि यह सड़क खतरे की आशंका के कारण 1980 के दशक से बंद है और केंद्र और पंजाब सरकार दोनों इस सड़क खोलने का विरोध करती रही हैं.
राजीव गांधी की हत्या का दिया हवाला
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के निर्देश पर रोक लगाने पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) हटाए जाने पर राजीव गांधी की हत्या का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि आप उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से अवगत हैं, जब राजीव गांधी के लिए एसपीजी हटा ली गई थी. इस कदम का किसी के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
हाई कोर्ट के टिप्पणी पर जताई आपत्ति
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हाल के वर्षों में आतंकवाद फिर से बढ़ रहा है और हमारी खुफिया बिल्डिंग पर ग्रेनेड फेंके गए. मेहता ने खुफिया रिपोर्टों के संबंध में हाई कोर्ट की कुछ टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई. मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट कैसे कह सकता है कि खुफिया रिपोर्टें काल्पनिक हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा जवाब
इस पर पीठ ने कहा कि ये टिप्पणियां अनावश्यक नहीं थीं, लेकिन जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए. पीठ ने कहा कि कोई भी नहीं चाहता कि कोई भी अप्रिय घटना हो. इसके बाद अदालत ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासन से मामले पर 2 सितंबर तक जवाब मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'नोटिस जारी करें, परीक्षण के आधार पर सड़क खोलने के निर्देश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है, लेकिन हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका की कार्यवाही जारी रह सकती है.'
1980 से बंद है सड़क
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने सुखना झील को नयागांव से जोड़ने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के बाहर 500 मीटर की दूरी को परीक्षण के आधार पर खोलने का निर्देश दिया था. यह क्षेत्र 1980 के दशक से जनता के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता है.