नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के खिलाफ टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया.
जस्टिस बेला त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया. पीठ ने अगस्त में मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी. फिलहाल मामले में विस्तृत फैसला आने का इंतजार है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बनर्जी का प्रतिनिधित्व किया.
हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती
बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. बता दें कि बनर्जी ने ईडी के समन को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें नई दिल्ली में नहीं बल्कि उनके गृह नगर कोलकाता में पेश होना चाहिए.
अभिषेक बनर्जी की दलील
सुनवाई के दौरान अभिषेक बनर्जी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि उसे इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या केंद्रीय एजेंसी पैन-इंडिया जूरिस्डिक्शन क्षेत्र ग्रहण कर सकती है.
उन्होंने कहा कि PMLA की धारा 50 की कथित आड़ में किसी भी व्यक्ति को उसकी पसंद के स्थान पर तलब कर सकती है और पीएमएलए में गवाह या आरोपी को बुलाने की कोई प्रक्रिया नहीं है. लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले बनर्जी ने जोर देकर कहा था कि यह व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का घोर हनन होगा
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