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ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका क्यों नहीं दायर की? सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से पूछा सवाल - delhi excise policy case - DELHI EXCISE POLICY CASE

सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील से पूछा कि उन्होंने अधीनस्थ अदालत में जमानत याचिका दायर क्यों दाखिल नहीं की.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 29, 2024, 5:04 PM IST

नई दिल्ली: आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से पूछा कि आपने अधीनस्थ अदालत में जमानत के लिए अर्जी क्यों नहीं दाखिल की? इस पर वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है.

सिंघवी ने कहा कि वह केजरीवाल की अंतरिम रिहाई के लिए दबाव बना रहे हैं, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. उनका कहना है कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी की तारीख 21 मार्च 2024 है. सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले आबकारी घोटाले से संबंधित विशाल दस्तावेज़ केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से नहीं जोड़ते थे.

सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले में सीबीआई द्वारा तीन अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किए हैं इनमें से किसी में केजरीवाल का नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 दस्तावेजों में भी केजरीवाल का नाम नहीं है. 11 बयान ऐसे हैं, जो केजरीवाल को फंसाते नहीं हैं. इस मामले के तथ्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 8-10 दस्तावेजों में केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है और 15 बयानों में केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार जिस बयान को बनाया गया है वह बयान पिछले साल जुलाई में दर्ज किया गया था और ईडी ने उनके मुवक्किल को मार्च, 2024 में गिरफ्तार किया है. किसी भी दस्तावेज़ में उनके मुवक्किल पर आरोप नहीं लगाया गया है और वह मार्च, 2024 तक संदिग्ध नहीं थे.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल से मिलकर आतिशी बोलीं- CM ने दिल्लीवालों का पूछा हाल, सुनीता केजरीवाल भी रहीं साथ

नई दिल्ली: आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से पूछा कि आपने अधीनस्थ अदालत में जमानत के लिए अर्जी क्यों नहीं दाखिल की? इस पर वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है.

सिंघवी ने कहा कि वह केजरीवाल की अंतरिम रिहाई के लिए दबाव बना रहे हैं, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. उनका कहना है कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी की तारीख 21 मार्च 2024 है. सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले आबकारी घोटाले से संबंधित विशाल दस्तावेज़ केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से नहीं जोड़ते थे.

सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले में सीबीआई द्वारा तीन अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किए हैं इनमें से किसी में केजरीवाल का नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 दस्तावेजों में भी केजरीवाल का नाम नहीं है. 11 बयान ऐसे हैं, जो केजरीवाल को फंसाते नहीं हैं. इस मामले के तथ्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 8-10 दस्तावेजों में केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है और 15 बयानों में केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार जिस बयान को बनाया गया है वह बयान पिछले साल जुलाई में दर्ज किया गया था और ईडी ने उनके मुवक्किल को मार्च, 2024 में गिरफ्तार किया है. किसी भी दस्तावेज़ में उनके मुवक्किल पर आरोप नहीं लगाया गया है और वह मार्च, 2024 तक संदिग्ध नहीं थे.

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