नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 जून के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल के साथ हर दिन घटनाएं घट रही हैं और उच्च न्यायालय का फैसला आया है, जिसमें सभी तरह के मुद्दे शामिल हैं.
सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, जबकि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन्होंने कहा कि उन्हें उचित विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देनी होगी.
सिंघवी ने न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ के समक्ष दलील दी कि 'मैं वापस लेने की स्वतंत्रता चाहता हूं, लेकिन 21 जून के आदेश (उच्च न्यायालय द्वारा) और 25 जून के आदेश (उच्च न्यायालय द्वारा पारित) दोनों को चुनौती देने की स्पष्ट स्वतंत्रता चाहता हूं.'
सर्वोच्च न्यायालय ने सिंघवी को जमानत आदेश के क्रियान्वयन को निलंबित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 25 जून के आदेश को चुनौती देने के लिए नई याचिका दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की. ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि '25 जून को स्थगन आवेदन पर अंतिम आदेश पारित किया गया था. याचिकाकर्ता की ओर से पेश ए एम सिंघवी ने याचिका वापस लेने की मांग की है, ताकि नई याचिका दायर की जा सके. इसी प्रार्थना को रखते हुए और 25 जून के आदेश को चुनौती देने की प्रार्थना को जोड़ते हुए... विशेष अनुमति याचिका को वापस लिया गया मानकर खारिज किया जाता है.'
उच्च न्यायालय ने 25 जून को केजरीवाल के पक्ष में दिए गए जमानत आदेश पर रोक लगाने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था कि अवकाशकालीन न्यायाधीश ने शराब नीति घोटाला मामले में रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों पर उचित रूप से विचार नहीं किया.
24 जून को, सर्वोच्च न्यायालय ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक के खिलाफ उनकी याचिका पर उन्हें तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी और मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की.