अमेठी : यूपी एसटीएफ ने सुल्तानपुर डकैती में शामिल रहे बदमाश अनुज प्रताप सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया. सोमवार की सुबह हुई इस घटना के बाद पिता ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए. कहा कि ठाकुर के एनकाउंटर से अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई. जिनके ऊपर एक से दो मुकदमे हैं उनका एनकाउंटर किया जा रहा है, जबकि 35 से 40 केस वालों का कुछ नहीं हो रहा है.
अमेठी के मोहनगंज इलाके के गांव जनापुर के रहने वाले अनुज के पिता धर्मराज सिंह राशन कोटेदार हैं. वह खेती भी करते हैं. उनकी शिक्षामित्र पत्नी का दो साल पहले बीमारी से निधन हो चुका है. अनुज परिवार का बड़ा बेटा था. अब एक बेटी रह गई है. वह अभी पढ़ाई कर रही है. अनुज ने पिछले साल ही बीए पास कर अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था.
पिता बोला-सूरत में केवल एक केस था : बेटे के एनकाउंटर पर पिता धर्मराज सिंह का दर्द छलक उठा. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'अनुज प्रताप सिंह मेरा लड़का था. उसका सूरत में केवल एक ही केस था. और बाकी सुल्तानपुर में नाम था. पुलिस ने एनकाउंटर करके उसे मृत घोषित कर दिया. हम लोगों को कोई भी जानकारी अभी इस विषय में नहीं है. 3 मई को अनुज गांव आया था. 4 जून को गया था'.
एक-दो केस वालों का एनकाउंटर करा रही सरकार : डकैती में शामिल मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि सरकार केवल जाति विशेष का एनकाउंटर करवा रही है. इस सवाल पर धर्मराज सिंह ने कहा कि 'चलो अखिलेश यादव जी की इच्छा तो पूरी हो गई. ठाकुर के एनकाउंटर से उनकी इच्छा पूरी हो गई. अब ठाकुर का भी एनकाउंटर हो गया. जिसके पास 35 से 40 केस हैं, उनका एनकाउंटर नहीं हो रहा है. जिसके पास एक-दो केस हैं उनका एनकाउंटर किया जा रहा है. सरकार की मर्जी है, जो मर्जी वो कराए'.
सुल्तानपुर में हुई थी बड़ी डकैती : 28 अगस्त को सुल्तानपुर के मेजरगंज ठठेरी बाजार में भरतजी सर्राफ के यहां डकैती हुई थी. 5 नकाबपोश बदमाश एक के बाद एक करके दुकान में घुस गए थे. इसके बाद तमंचे के बल पर डरा-धमका कर 2 बैग में कुछ ही मिनट में डेढ़ करोड़ रुपये के सोने-चांदी के जेवरात भरकर फरार हो गए थे. घटना में शामिल मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया था. कुछ आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ लिया था. वहीं वारदात में शामिल जौनपुर के मंगेश यादव का एनकाउंटर कर दिया गया था.
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
तथाकथित एनकाउंटर में जिस युवा मंगेश यादव का जीवन चला गया, उसके शोक-संतप्त परिवार का कहना है कि पुलिस मंगेश को 2 सितंबर को ले गयी थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर दिखाया गया।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 13, 2024
इस प्रकरण की गहन जाँच और सख़्त कार्रवाई ही क़ानून-व्यवस्था में जनता के खोये हुए विश्वास को वापस ला सकती… pic.twitter.com/7wnWnlJ5NE
मंगेश के परिजनों से मिले थे अखिलेश : इस एनकाउंटर के बाद सियासत शुरू हो गई थी. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर जाति देखकर एनकाउंटर कराने का आरोप लगाया था. उन्होंने एसटीएफ को स्पेशल ठाकुर फोर्स तक कह डाला था. इसके बाद सपा मुखिया ने एक प्रतिनिधिमंडल भी मंगेश के घर भेजा था. मछली शहर की सांसद भी परिजनों से मिली थीं. खुद सपा मुखिया ने भी परिजनों से मुलाकात की थी.
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