ETV Bharat / bharat

दिल्ली के मेडिकल स्टूडेंट्स को भरना होगा 15 से 20 लाख रुपए का बॉन्ड, जानिए कब से लागू होगा नियम - Delhi Medical Students

Delhi Medical Students: दिल्ली में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए जल्द ही एक नया नियम बनने जा रहा है जिसके तहत UGऔर PG की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब दाखिले के समय 15 से 20 लाख रूपये का बॉन्ड भरना होगा. पढ़कर आप भी चौंक गए होंगे जानिए इस फैसले के पीछे की वजह

दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों में स्टूडेंट्स को भरना होगा बॉन्ड
दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों में स्टूडेंट्स को भरना होगा बॉन्ड (SOURCE: ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 25, 2024, 8:59 AM IST

Updated : Sep 25, 2024, 9:50 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों से यूजी और पीजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब दाखिले के समय 15 से 20 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तक दिल्ली के अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट (जेआर) और सीनियर रेजिडेंट (एसआर) डॉक्टर के पद पर सेवाएं देनी होंगी. जो छात्र अपना कोर्स (एमबीबीएस या पीजी) पूरा करने के बाद एक साल तक दिल्ली के अस्पतालों में सेवाएं नहीं देना चाहेंगे उन्हें बॉन्ड की राशि का भुगतान करना होगा. यह व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू होगी. इससे संबंधित आदेश उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी कर दिया है.

इस विज्ञापन में कहा गया
जारी ऐड में कहा गया है कि उपराज्यपाल अखिल भारतीय कोटा और राज्य कोटा के स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों के लिए दिल्ली के चिकित्सा संस्थानों में अपना पाठ्यक्रम (इंटर्नशिप अवधि सहित) पूरा करने के बाद एक साल का सेवा बांड शुरू करने की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसके तहत स्नातक व स्नातकोत्तर (सुपर-स्पेशलिटी कोर्स सहित) उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से एक साल के लिए दिल्ली सरकार के तहत चिकित्सा संस्थानों में सेवा करनी होगी.

दिल्ली के मेडिकल स्टूडेंट्स को भरना होगा 15 से 20 लाख रुपए का बॉन्ड
दिल्ली के मेडिकल स्टूडेंट्स को भरना होगा 15 से 20 लाख रुपए का बॉन्ड (SOURCE: ETV BHARAT)

इस तरह लागू होगी व्यवस्था
यूजी/पीजी छात्रों को संबंधित मेडिकल कॉलेज/संस्थान में प्रवेश के समय स्नातक पाठ्यक्रम के लिए 15 लाख रुपये और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (सुपर-स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों सहित) के लिए 20 लाख रुपये का बॉन्ड प्रस्तुत करना होगा, जो उस स्थिति में जब्त हो जाएगा, जब छात्र अनिवार्य सेवा अवधि से बाहर निकलना चाहेगा. यूजी उत्तीर्ण को जेआर के पद के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा और पीजी उत्तीर्ण को एसआर के पद के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा और उन्हें सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के मामले में उचित वेतन वृद्धि के साथ जेआरएस/एसआर को दिए जाने वाले वजीफे के बराबर राशि का भुगतान किया जाएगा. उत्तीर्ण यूजी/पीजी छात्रों को सोसाइटी अस्पतालों सहित दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में पहले से उपलब्ध जूनियर रेजिडेंट/सीनियर रेजिडेंट के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की आवश्यकता के अनुसार उन्हें उन्हीं अस्पतालों में या अन्य अस्पतालों में पदस्थापित किया जा सकता है.

डीन एमएएमसी की अध्यक्षता में गठित समिति लेगी निर्णय
डीन मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) की अध्यक्षता में एक समिति सोसाइटी अस्पतालों सहित दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में जेआर/एसआर के पहले से उपलब्ध पदों का आकलन करने के बाद, यदि आवश्यक हो तो जेआरएस/एसआर के अतिरिक्त पदों की आवश्यकता का आकलन करेगी. यदि आवश्यक हो तो ऐसे अतिरिक्त पद संबंधित मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों में बनाए जाएंगे जहां पाठ्यक्रम प्रदान किए जाते हैं, जहां से इन जेआरएस/एसआर की सेवाओं को दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में डायवर्टेड क्षमता (एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल) में तैनात किया जा सकता है.

यह अनिवार्य एक वर्षीय सेवा बांड इस आदेश के जारी होने के पश्चात अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगा. जब तक एक वर्ष का सेवा बांड लागू नहीं हो जाता, तब तक उत्तीर्ण होने पर वर्तमान छात्रों को ऊपर निर्धारित पारिश्रमिक के अनुसार, दिल्ली सरकार के अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों में जूनियर/एसआर के रिक्त पदों पर काम करने का पहला अवसर स्वेच्छा से दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- नजफगढ़, साउथ जोन और करोल बाग में तेजी से फैल रहा डेंगू, 23 दिन में दिल्ली में 651 मरीज

ये भी पढ़ें- दिल्ली में बढ़े डेंगू के मरीज, प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों से यूजी और पीजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब दाखिले के समय 15 से 20 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तक दिल्ली के अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट (जेआर) और सीनियर रेजिडेंट (एसआर) डॉक्टर के पद पर सेवाएं देनी होंगी. जो छात्र अपना कोर्स (एमबीबीएस या पीजी) पूरा करने के बाद एक साल तक दिल्ली के अस्पतालों में सेवाएं नहीं देना चाहेंगे उन्हें बॉन्ड की राशि का भुगतान करना होगा. यह व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू होगी. इससे संबंधित आदेश उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी कर दिया है.

इस विज्ञापन में कहा गया
जारी ऐड में कहा गया है कि उपराज्यपाल अखिल भारतीय कोटा और राज्य कोटा के स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों के लिए दिल्ली के चिकित्सा संस्थानों में अपना पाठ्यक्रम (इंटर्नशिप अवधि सहित) पूरा करने के बाद एक साल का सेवा बांड शुरू करने की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसके तहत स्नातक व स्नातकोत्तर (सुपर-स्पेशलिटी कोर्स सहित) उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से एक साल के लिए दिल्ली सरकार के तहत चिकित्सा संस्थानों में सेवा करनी होगी.

दिल्ली के मेडिकल स्टूडेंट्स को भरना होगा 15 से 20 लाख रुपए का बॉन्ड
दिल्ली के मेडिकल स्टूडेंट्स को भरना होगा 15 से 20 लाख रुपए का बॉन्ड (SOURCE: ETV BHARAT)

इस तरह लागू होगी व्यवस्था
यूजी/पीजी छात्रों को संबंधित मेडिकल कॉलेज/संस्थान में प्रवेश के समय स्नातक पाठ्यक्रम के लिए 15 लाख रुपये और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (सुपर-स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों सहित) के लिए 20 लाख रुपये का बॉन्ड प्रस्तुत करना होगा, जो उस स्थिति में जब्त हो जाएगा, जब छात्र अनिवार्य सेवा अवधि से बाहर निकलना चाहेगा. यूजी उत्तीर्ण को जेआर के पद के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा और पीजी उत्तीर्ण को एसआर के पद के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा और उन्हें सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के मामले में उचित वेतन वृद्धि के साथ जेआरएस/एसआर को दिए जाने वाले वजीफे के बराबर राशि का भुगतान किया जाएगा. उत्तीर्ण यूजी/पीजी छात्रों को सोसाइटी अस्पतालों सहित दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में पहले से उपलब्ध जूनियर रेजिडेंट/सीनियर रेजिडेंट के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की आवश्यकता के अनुसार उन्हें उन्हीं अस्पतालों में या अन्य अस्पतालों में पदस्थापित किया जा सकता है.

डीन एमएएमसी की अध्यक्षता में गठित समिति लेगी निर्णय
डीन मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) की अध्यक्षता में एक समिति सोसाइटी अस्पतालों सहित दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में जेआर/एसआर के पहले से उपलब्ध पदों का आकलन करने के बाद, यदि आवश्यक हो तो जेआरएस/एसआर के अतिरिक्त पदों की आवश्यकता का आकलन करेगी. यदि आवश्यक हो तो ऐसे अतिरिक्त पद संबंधित मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों में बनाए जाएंगे जहां पाठ्यक्रम प्रदान किए जाते हैं, जहां से इन जेआरएस/एसआर की सेवाओं को दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में डायवर्टेड क्षमता (एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल) में तैनात किया जा सकता है.

यह अनिवार्य एक वर्षीय सेवा बांड इस आदेश के जारी होने के पश्चात अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगा. जब तक एक वर्ष का सेवा बांड लागू नहीं हो जाता, तब तक उत्तीर्ण होने पर वर्तमान छात्रों को ऊपर निर्धारित पारिश्रमिक के अनुसार, दिल्ली सरकार के अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों में जूनियर/एसआर के रिक्त पदों पर काम करने का पहला अवसर स्वेच्छा से दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- नजफगढ़, साउथ जोन और करोल बाग में तेजी से फैल रहा डेंगू, 23 दिन में दिल्ली में 651 मरीज

ये भी पढ़ें- दिल्ली में बढ़े डेंगू के मरीज, प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Sep 25, 2024, 9:50 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.