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DU के सीट आवंटन के आधार पर सातों छात्रों को एडमिशन दे सेंट स्टीफेंस कॉलेज: दिल्ली HC - STEPHENS COLLEGE ADMISSION ISSUE

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 7, 2024, 9:58 AM IST

Updated : Sep 7, 2024, 12:10 PM IST

DU admission row: एडमिशन को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के बीच विवाद चल रहा है. इन सबके बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्रों के हित में फैसला सुनाया है. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने सात छात्रों को राहत देते हुए सेंट स्टीफेंस को डीयू द्वारा सीटों के आवंटन के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने का निर्देश दिया है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों के हित में सुनाया फैसला
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों के हित में सुनाया फैसला (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के आवंटन के मुताबिक सात छात्रों को अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला दे. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने ये आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का सेंट स्टीफेंस ने इसके पहले कभी विरोध नहीं किया. बता दें कि इन सातों छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने सीयूईटी के रिजल्ट के आधार पर सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिला के लिए सीट का आवंटन किया था. लेकिन सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने इन छात्रों को दाखिला नहीं दिया था. जिसके बाद छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

सुनवाई के दौरान सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से सिंगल गर्ल चाइल्ड को अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला देने के लिए कोटा देने का फैसला समानता के अधिकार का उल्लंघन है. सेंट स्टीफेंस कॉलेज की ओर से पेश वकील रोमी चाको ने कहा था कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 15(3), 15(5) और 30 का उल्लंघन है.

DU का सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा समानता के अधिकार का उल्लंघन है, सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में दी दलील

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या इसके पहले सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की नीति का कभी विरोध किया है. तब चाको ने कहा था कि कॉलेज ने इस नीति का कभी विरोध तो नहीं किया है लेकिन वो ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है. क्योंकि, ये साफ नहीं है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी किस आधार पर इसे लागू कर रही है. उन्होंने कहा था कि अगर एक सिंगल गर्ल चाइल्ड के दाखिले की बात हो कॉलेज को कोई समस्या नहीं है. लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी कह रही है कि अगर 13 प्रोग्राम हैं तो 13 सिंगल गर्ल चाइल्ड का दाखिला करना होगा. ऐसा करना कानून सम्मत नहीं है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वकील मोहिंदर रुपल ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि कॉलेज ने कभी भी इसके पहले इस नीति का विरोध नहीं किया है. तब कोर्ट ने कहा कि कॉलेज को इस नीति का विरोध अलग से करना चाहिए था. कॉलेज की दलील थी कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का कोई कानूनी आधार नहीं है और जब कानूनी आधार नहीं है तो इसको लागू कैसे किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- DU में समलैंगिक छात्र-छात्राओं का छलका दर्द; कहा- 'हम भी समाज का हिस्सा, हमारे साथ न हो भेदभाव'

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के आवंटन के मुताबिक सात छात्रों को अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला दे. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने ये आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का सेंट स्टीफेंस ने इसके पहले कभी विरोध नहीं किया. बता दें कि इन सातों छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने सीयूईटी के रिजल्ट के आधार पर सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिला के लिए सीट का आवंटन किया था. लेकिन सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने इन छात्रों को दाखिला नहीं दिया था. जिसके बाद छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

सुनवाई के दौरान सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से सिंगल गर्ल चाइल्ड को अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला देने के लिए कोटा देने का फैसला समानता के अधिकार का उल्लंघन है. सेंट स्टीफेंस कॉलेज की ओर से पेश वकील रोमी चाको ने कहा था कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 15(3), 15(5) और 30 का उल्लंघन है.

DU का सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा समानता के अधिकार का उल्लंघन है, सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में दी दलील

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या इसके पहले सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की नीति का कभी विरोध किया है. तब चाको ने कहा था कि कॉलेज ने इस नीति का कभी विरोध तो नहीं किया है लेकिन वो ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है. क्योंकि, ये साफ नहीं है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी किस आधार पर इसे लागू कर रही है. उन्होंने कहा था कि अगर एक सिंगल गर्ल चाइल्ड के दाखिले की बात हो कॉलेज को कोई समस्या नहीं है. लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी कह रही है कि अगर 13 प्रोग्राम हैं तो 13 सिंगल गर्ल चाइल्ड का दाखिला करना होगा. ऐसा करना कानून सम्मत नहीं है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वकील मोहिंदर रुपल ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि कॉलेज ने कभी भी इसके पहले इस नीति का विरोध नहीं किया है. तब कोर्ट ने कहा कि कॉलेज को इस नीति का विरोध अलग से करना चाहिए था. कॉलेज की दलील थी कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का कोई कानूनी आधार नहीं है और जब कानूनी आधार नहीं है तो इसको लागू कैसे किया जा सकता है.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 12:10 PM IST
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