श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों को जून तक पूरा किया जा सकता है, जबकि प्रमुख और व्यस्ततम सड़कों को भी पूरा किए जाने की संभावना है. ऐसे में आने वाले हफ्तों में लोगों को स्पष्ट बदलाव दिखाई देगा. ये बातें स्मार्ट सिटी के सीईओ और नगर निगम श्रीनगर के कमिश्नर डॉ. ओवैस अहमद ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता परवेज उद दीन से खास बातचीत के दौरान व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि शुरुआत में केवल 98 परियोजनाएं थीं, लेकिन बाद में श्रीनगर शहर में और अधिक निर्माण कार्य शुरू किए गए हैं. अधिकांश प्रमुख परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, अब केवल लगभग 50 निर्माण कार्य शेष हैं, जो वर्तमान में निर्माणाधीन हैं और काम तेजी से चल रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि करागर-एसएमएचएस व्यस्त सड़क जल निकासी व्यवस्था को भी दुरुस्त कर दिया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि इस सड़क पर कुछ ही दिनों में मैग्डैमाइजेशन का काम शुरू किया जा रहा है. इसी तरह आने वाले सप्ताह में डलगेट श्रीनगर रोड पर भी मैग्डैमाइजेशन प्रक्रिया शुरू हो रही है. उक्त सड़कों पर आवागमन करने वाले आम लोगों की परेशानी के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में डॉ. ओवैस अहमद ने कहा कि सर्दी और व्यस्त सड़कों के कारण कार्य एजेंसियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि इसके चलते काम में काफी देरी हो गई है. ऐसे में प्रमुख निर्माण परियोजनाएं इस महीने के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है. आपसी समन्वय की कमी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी को यह काम सौंपा गया है, वह न सिर्फ नाली निर्माण के लिए जिम्मेदार है, बल्कि सड़क निर्माण के लिए भी यूईईडी विभाग काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि विभागों के बीच भले ही तालमेल की कमी हो, लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर चल रहे काम के दौरान इसका खास ख्याल रखा जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके. स्मार्ट सिटी बसों से श्रीनगर शहर में परिवहन व्यवस्था में सुधार के बारे में बात करते हुए सीईओ स्मार्ट सिटी डॉ. ओवैस अहमद ने कहा कि श्रीनगर शहर और उपनगरों में ई-बसों की शुरूआत से सार्वजनिक परिवहन सेवा में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि आम यात्री सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाते हैं जो हमारे लिए अच्छी बात है. आम लोगों की इस सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए श्रीनगर शहर में और अधिक ई-बसें लाई जा रही हैं.