ETV Bharat / bharat

मरणोपरांत पीएचडी की डिग्री : भावुक हुई पत्नी बोली- 'पति का सपना पूरा हुआ'

PhD degree awarded: गुजरात में पीएचडी के एक छात्र को मरणोपरांत पीएचडी की उपाधि दी गई. ये पल उस छात्र की पत्नी के लिए भावुक कर देने वाला था. उन्होंने कहा कि 'पति का सपना पूरा हो गया.'

PhD degree awarded
राज्यपाल आचार्य देवव्रत
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 16, 2024, 8:16 PM IST

गिरसोमनाथ: श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 16वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने संस्कृत विषय के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के कुल 697 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं. जिसमें शास्त्री, आचार्य और पीएचडी स्तर की डिग्रियां शामिल हैं.

संस्कृत भाषा में विशेष योगदान के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कुल 31 छात्रों को स्वर्ण और रजत पदक से भी सम्मानित किया गया. विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा में किए गए अध्ययन की सराहना की.

पहली मरणोपरांत उपाधि: संस्कृत विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी छात्र को मरणोपरांत उपाधि प्रदान की गई. मूल रूप से प्राची निवासी और संस्कृत विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र जयेश मेहता को मरणोपरांत उपाधि दी गई. जयेश मेहता की पीएचडी करने के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई थी.

मृत्यु से पहले जयेश मेहता ने विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं और उन्हें दिए गए असाइनमेंट को विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया था. यही वजह है कि जयेश मेहता को कुलाधिपति आचार्य देवव्रत की विशेष स्वीकृति से डिग्री के लिए योग्य माना गया. जयेश की पत्नी हिरल मेहता को जयेश मेहता की पीएचडी से सम्मानित किया गया.

1
1

आज मेरे दिवंगत पति का पीएचडी करने का सपना पूरा हो गया है. मैं श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय को धन्यवाद देना चाहती हूं...हीरल मेहता

श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल के महासचिव दशरथ जादव ने कहा कि स्वर्गीय जयेश मेहता ने अपनी पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आचार्य देवव्रत की विशेष स्वीकृति से उनको डिग्री के लिए योग्य माना गया. आज उनकी पत्नी हिरल मेहता को जयेश मेहता की पीएचडी से सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें

Watch: शोध छात्र अखिल खर्च पूरा करने के लिए कॉलेज कैंटीन में करते हैं काम, रोज बनाते हैं 300 पराठे

गिरसोमनाथ: श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 16वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने संस्कृत विषय के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के कुल 697 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं. जिसमें शास्त्री, आचार्य और पीएचडी स्तर की डिग्रियां शामिल हैं.

संस्कृत भाषा में विशेष योगदान के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कुल 31 छात्रों को स्वर्ण और रजत पदक से भी सम्मानित किया गया. विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा में किए गए अध्ययन की सराहना की.

पहली मरणोपरांत उपाधि: संस्कृत विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी छात्र को मरणोपरांत उपाधि प्रदान की गई. मूल रूप से प्राची निवासी और संस्कृत विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र जयेश मेहता को मरणोपरांत उपाधि दी गई. जयेश मेहता की पीएचडी करने के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई थी.

मृत्यु से पहले जयेश मेहता ने विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं और उन्हें दिए गए असाइनमेंट को विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया था. यही वजह है कि जयेश मेहता को कुलाधिपति आचार्य देवव्रत की विशेष स्वीकृति से डिग्री के लिए योग्य माना गया. जयेश की पत्नी हिरल मेहता को जयेश मेहता की पीएचडी से सम्मानित किया गया.

1
1

आज मेरे दिवंगत पति का पीएचडी करने का सपना पूरा हो गया है. मैं श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय को धन्यवाद देना चाहती हूं...हीरल मेहता

श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल के महासचिव दशरथ जादव ने कहा कि स्वर्गीय जयेश मेहता ने अपनी पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आचार्य देवव्रत की विशेष स्वीकृति से उनको डिग्री के लिए योग्य माना गया. आज उनकी पत्नी हिरल मेहता को जयेश मेहता की पीएचडी से सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें

Watch: शोध छात्र अखिल खर्च पूरा करने के लिए कॉलेज कैंटीन में करते हैं काम, रोज बनाते हैं 300 पराठे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.