जयपुर: दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित अर्जुन को दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ का इंजेक्शन शनिवार को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में लगाया गया. इसके बाद अब अर्जुन आम बच्चों की तरह जिंदगी जी सकेगा. जयपुर के जेके लोन अस्पताल के चिकित्सक डॉ. प्रियांशु माथुर ने अर्जुन को जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगाया. दरअसल, क्राउड फंडिंग के माध्यम से यह पैसा इकट्ठा किया गया था. अर्जुन की मदद के लिए आमजन और NGO भी आगे आए थे. जोलगेनेस्मा इंजेक्शन जेके लोन अस्पताल पहुंचा. इंजेक्शन लगने से पहले अर्जुन के प्री-टेस्ट और पेपर वर्क कंप्लीट किया गया.
ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा : डॉ. प्रियांशु माथुर का कहना है कि अर्जुन को इंजेक्शन लगा दिया गया है और अगले 24 घंटों तक चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. दरअसल, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक जेनेटिक बीमारी है. इसके कारण मरीज का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा. समय के साथ साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आना शुरू हो जाते हैं और इस बीमारी से जान जाने का भी खतरा बना रहता है.
दवा कंपनी ने कीमत की आधी : इस इंजेक्शन की कीमत तकरीबन 16 करोड़ रुपये है, लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध करवाने वाली दवा कंपनी ने इसकी कीमत आधी कर दी है. इसके बाद तकरीबन साढ़े 8 करोड़ में यह इंजेक्शन अर्जुन के इलाज के लिए उपलब्ध कराया गया है. इससे पहले ह्रदयांश के केस में भी कंपनी ने इस इंजेक्शन की कीमत आधी कर दी थी. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक अनुवांशिक बीमारी है, जिससे रीढ़ की हड्डी और नसें प्रभावित होती हैं. इस बीमारी का इलाज जोलगेनेस्मा इंजेक्शन के द्वारा किया जाता है और इस इंजेक्शन की कीमत करोड़ों रुपये होती है.
कर्मचारी भी आगे आए : दरअसल, अर्जुन की मां पूनम जांगिड़ शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला सहायक पद पर कार्यरत हैं. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और एजुकेशन सेक्रेट्री कृष्ण कुणाल की पहल पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने भी अपने विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों से बच्चों की इलाज के लिए मदद करने की अपील की थी. इसके बाद तकरीबन 1 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक का फंड जुटाया गया है. इसके अलावा जून-जुलाई माह के वेतन से 60 रुपये देने की अपील भी की गई थी.