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राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी ने जलियांवाला बाग के शहीदों को दी श्रद्धांजलि - Jallianwala Bagh Massacre - JALLIANWALA BAGH MASSACRE

Prez Murmu- PM Modi Pay Homage To Jallianwala Bagh Martyrs: जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल, 1919 की घटना है. ब्रिटिश सैनिकों ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग नामक एक जगह पर निहत्थे भारतीयों की भीड़ पर गोलीबारी की. इस घटना में भारी संख्या में लोग मारे गए और घायल हुए.

President Murmu, PM Modi paid tribute to the martyrs of Jallianwala Bagh
राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी ने जलियांवाला बाग के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 13, 2024, 11:30 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन शहीदों की देशभक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. राष्ट्रपति ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, 'जलियांवाला बाग में मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि! स्वराज के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने वाली उन सभी महान आत्माओं के प्रति देशवासी सदैव ऋणी रहेंगे. मुझे विश्वास है कि उन बलिदानियों की देश-भक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को सदा प्रेरित करती रहेगी.'

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'जलियांवाला बाग नरसंहार के सभी वीर शहीदों को देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से कोटि-कोटि नमन.' जलियांवाला बाग नरसंहार पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था. यह हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है.

13 अप्रैल 1919 को क्या हुआ था?: वह बैसाखी का दिन था जब लगभग 20,000 लोग दो नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन की गिरफ्तारी का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए पंजाब के अमृतसर में छह से सात एकड़ में फैले जलियांवाला बाग में एकत्र हुए थे. बिना किसी चेतावनी के ब्रिटिश सैनिकों ने खुली जगह में निहत्थे भारतीयों की भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई सौ लोग मारे गए और कई सैकड़ों घायल हो गए. गोलीबारी बंद करने के बाद सैनिक मृतकों और घायलों को छोड़कर तुरंत वहां से चले गए. यह भारत के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, इसने भारत-ब्रिटिश संबंधों पर एक स्थायी निशान छोड़ दिया.

ये भई पढ़ें- जलियांवाला बाग हत्याकांड पर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने मांगी माफी, बताया- इतिहास का 'काला दिन'

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन शहीदों की देशभक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. राष्ट्रपति ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, 'जलियांवाला बाग में मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि! स्वराज के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने वाली उन सभी महान आत्माओं के प्रति देशवासी सदैव ऋणी रहेंगे. मुझे विश्वास है कि उन बलिदानियों की देश-भक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को सदा प्रेरित करती रहेगी.'

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'जलियांवाला बाग नरसंहार के सभी वीर शहीदों को देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से कोटि-कोटि नमन.' जलियांवाला बाग नरसंहार पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था. यह हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है.

13 अप्रैल 1919 को क्या हुआ था?: वह बैसाखी का दिन था जब लगभग 20,000 लोग दो नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन की गिरफ्तारी का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए पंजाब के अमृतसर में छह से सात एकड़ में फैले जलियांवाला बाग में एकत्र हुए थे. बिना किसी चेतावनी के ब्रिटिश सैनिकों ने खुली जगह में निहत्थे भारतीयों की भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई सौ लोग मारे गए और कई सैकड़ों घायल हो गए. गोलीबारी बंद करने के बाद सैनिक मृतकों और घायलों को छोड़कर तुरंत वहां से चले गए. यह भारत के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, इसने भारत-ब्रिटिश संबंधों पर एक स्थायी निशान छोड़ दिया.

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