कोटा. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IITs) में प्रवेश के लिए हर साल जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED) आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN) से कैंडिडेट क्वालीफाई करते हैं, लेकिन जेईई एडवांस्ड में हर साल ही कुछ बदलाव होते हैं, जिनमें परीक्षा पैटर्न व मार्किंग स्कीम में बदलाव से लेकर इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ तक का नियम लागू है. यहां तक की इसकी आयोजन एजेंसी भी हर साल नई आईआईटी होती है. इसीलिए इस परीक्षा को विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक माना जाता है. इस परीक्षा के इतिहास में आज तक कोई भी कैंडिडेट परफेक्ट स्कोर नहीं बना पाया है.
पैटर्न नहीं होता है पहले से घोषित : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का पैटर्न जेईई मेन व नीट यूजी प्रवेश परीक्षाओं की तरह पहले घोषित नहीं होता और यही इस परीक्षा की सबसे बड़ी खूबी है. हर साल इस प्रवेश परीक्षा का परीक्षा पैटर्न बदलता है. बीते सालों के प्रश्न यहां रिपीट नहीं होते. फैक्ट व फार्मूला आधारित प्रश्न भी यहां नहीं पूछे जाते है. परीक्षा में सदैव क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन ही पूछे जाते हैं. इस कारण इस परीक्षा में अभी तक कोई कैंडिडेट 100 फीसदी अंक नहीं ला पाया है. इसलिए जेईई एडवांस्ड 2024 के परीक्षा पैटर्न को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं. प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, निगेटिव मार्किंग व पूर्णांकों को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है.
पूर्णांक नहीं बदले, प्रश्न हुए कम : देव शर्मा ने बताया कि बीते 3 सालों 2021, 2022 व 2023 में जेईई एडवांस्ड के प्रश्न पत्र के पूर्णांक 360 रहे, लेकिन प्रश्नों की संख्या व परीक्षा-पैटर्न अलग-अलग रहा. साल 2022 में पेपर-1 व पेपर-2 में 57-57 प्रश्न थे, यानी कुल 114 प्रश्न पूछे गए थे. जबकि 2023 में पेपर-1 व पेपर-2 में 54-54 प्रश्न थे, यानी कि 108 प्रश्न पूछे गए थे. हालांकि इससे पहले 2020 में 396 और 2019 में 372 अंक का प्रश्न पत्र था.
इंडिविजुअल सब्जेक्ट कट ऑफ का नियम : जेईई एडवांस्ड में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ का नियम भी लागू है. इसके लिए कैंडिडेट को जेईई मेन के माइंडसेट से बाहर निकलना होगा. वहां पर ऐसा कोई नियम नहीं था. इसमें यदि विद्यार्थी को फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स में से किसी एक विषय में भी इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ से कम अंक प्राप्त होते हैं, तो उसे असफल करार दिया जाएगा. इंडिविजुअल्स सब्जेक्ट कट ऑफ क्लियर होने के बाद ही एग्रीगेट कट ऑफ के आधार पर कैंडिडेट की सफलता व असफलता का निर्णय होगा.
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इस तरह से समझें इंडिविजुअल कट ऑफ को : देव शर्मा ने बताया कि इस नियम के अनुसार फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स प्रत्येक सब्जेक्ट में कैंडिडेट को 10 फीसदी से ज्यादा अंक होने चाहिए, जबकि तीनों सब्जेक्ट में मिलाकर 35 फीसदी से ज्यादा अंक चाहिए. जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट के लिए सब्जेक्ट के अनुसार 10 फीसदी और एग्रीगेट 35 फीसदी कटऑफ चाहिए. ईडब्ल्यूएस व ओबीसी के लिए 9 व 31.5 फीसदी है, जबकि एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी कैंडिडेट के लिए महज मात्र 5 व 17.5 फीसदी कटऑफ है.
छंटनी होकर आते हैं स्टूडेंट्स : देव शर्मा ने बताया कि जेईई एक्जाम में साल 2022 में 1.6 लाख थे. जबकि 2023 में 1.89 लाख और इस साल 2024 में 1.91 लाख है, जबकि जेईई मेन के टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई हुए थे. जेईई मेन में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 10 से 14 लाख के बीच है. इसलिए छंटनी होकर ही कैंडिडेट एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई होते हैं.
बीते 5 सालों के टॉपर्स के अंक :
साल | टॉपर | पूर्णांक | प्राप्त अंक | |
2023 | वाविलाला चिदविलास रेड्डी | 360 | 341 | |
2022 | आरके शिशिर | 360 | 314 | |
2021 | मृदुल अग्रवाल | 360 | 348 | |
2020 | चिराग फ्लोर | 396 | 352 | |
2019 | कार्तिकेय गुप्ता | 372 | 346 |