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'जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे गई तो समाज...', आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का दावा - RSS CHIEF MOHAN BHAGWAT

नागपुर में 'कथले कुल सम्मेलन' में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत जनसंख्या वृद्धि दर पर बड़ा बयान दिया है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 1, 2024, 2:53 PM IST

Updated : Dec 1, 2024, 10:10 PM IST

मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को परिवार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा.

नागपुर में 'कथले कुल सम्मेलन' में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'कुटुम्ब' समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक यूनिट है. उन्होंने कहा, "जनसंख्या में कमी चिंता का विषय है, क्योंकि लोकसंख्या शास्त्र कहता है कि अगर हम 2.1 से नीचे चले गए तो वह समाज नष्ट हो जाएगा, उसे कोई नष्ट नहीं करेगा, वह खुद ही नष्ट हो जाएगा."

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "हमें दो से अधिक की जरुरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), यही जनसंख्या विज्ञान कहता है. यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए."

शमिका रवि का बयान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य अर्थशास्त्री शमिका रवि ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की कि भारत के तीन-चौथाई से अधिक राज्यों में प्रजनन दर अब जनसंख्या स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक स्तर से कम है. ऐसे में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मतदाताओं से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान कर रहे हैं.

बच्चे पैदा करने के प्रोत्साहन
हाल ही में आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में बढ़ती उम्रदराज आबादी के प्रभावों के प्रति लोगों को आगाह किया. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है, जो जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से पहले की नीतियों को पलट देगा.

यह भी पढ़ें- चक्रवात 'फेंगल' पुडुचेरी के पास स्थिर, अगले तीन घंटे में कमजोर पड़ने की संभावना: आईएमडी

मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को परिवार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा.

नागपुर में 'कथले कुल सम्मेलन' में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'कुटुम्ब' समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक यूनिट है. उन्होंने कहा, "जनसंख्या में कमी चिंता का विषय है, क्योंकि लोकसंख्या शास्त्र कहता है कि अगर हम 2.1 से नीचे चले गए तो वह समाज नष्ट हो जाएगा, उसे कोई नष्ट नहीं करेगा, वह खुद ही नष्ट हो जाएगा."

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "हमें दो से अधिक की जरुरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), यही जनसंख्या विज्ञान कहता है. यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए."

शमिका रवि का बयान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य अर्थशास्त्री शमिका रवि ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की कि भारत के तीन-चौथाई से अधिक राज्यों में प्रजनन दर अब जनसंख्या स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक स्तर से कम है. ऐसे में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मतदाताओं से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान कर रहे हैं.

बच्चे पैदा करने के प्रोत्साहन
हाल ही में आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में बढ़ती उम्रदराज आबादी के प्रभावों के प्रति लोगों को आगाह किया. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है, जो जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से पहले की नीतियों को पलट देगा.

यह भी पढ़ें- चक्रवात 'फेंगल' पुडुचेरी के पास स्थिर, अगले तीन घंटे में कमजोर पड़ने की संभावना: आईएमडी

Last Updated : Dec 1, 2024, 10:10 PM IST
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