हैदराबाद: सोशल मीडिया के दौर में रील का क्रेज हर जगह फैल रहा है. बहुत से युवा और परिवार इसकी बुरी लत का शिकार हो रहे हैं. शादीशुदा महिलाओं को भी रील की लत लग रही है. ऐसे में पारिवारिक कलह की घटनाएं भी सामने आ रही हैं.
हैदराबाद शहर की एक महिला ने हाल ही में महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति उसे परेशान कर रहा है. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि पति ने पत्नी को अक्सर रील बनाने और बच्चों पर ध्यान न देने के लिए डांटा था, जबकि महिला ने शिकायत की कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता है. पुलिस का कहना है कि महिला द्वारा जरूरत से ज्यादा रील बनाने और परिवार का ख्याल न रखने की घटनाएं बढ़ रही हैं.
एक अन्य घटना में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी. वह इस बात से नाराज था कि रील की लत के कारण पत्नी उसका और उसकी बेटी का ख्याल नहीं रख रही थी और खाना भी नहीं बना रही थी. मां की मौत और पिता के जेल जाने से दो साल की बच्ची अब अनाथ हो गई और सरकारी केयर होम में रखा गया है.
वहीं, फॉलोअर्स बढ़ाने और स्टार बनने के लिए रील का क्रेज नए-नए अपराधों की धकेलता है. वहीं, खतरनाक स्टंट में कई युवकों की जान भी चली जाती है. इंस्टाग्राम पर रील बनाने के लिए हैदराबाद के दो युवक दोपहिया वाहन चोर बन गए. बेगमपेट पुलिस की पूछताछ में युवकों ने खुलासा किया कि रील बनाने के लिए उन्हें महंगी बाइक की जरूरत थी. हयातनगर में दो युवकों ने बाइक पर स्टंट करने और रील बनाने की कोशिश की. बाइक से गिरने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई. दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया.
रील की तलह शराब और जुए की तरह...
मनोचिकित्सकों का कहना है कि सोशल मीडिया की लत शराब और जुए की लत के शिकार लोगों जैसी ही है. कहा जाता है कि हर किसी की किसी न किसी रूप में एक खास पहचान होनी चाहिए, यह भावना लगातार बनी रहती है. अगर पोस्ट करने के तुरंत बाद लाइक और वीडियो नहीं आते हैं, तो वे दबाव में आ जाते हैं. बाइक पर स्टंट करना, ऊंची जगह से कूदने का वीडियो बनाना, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना, जरूरत न होने पर भी अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करना इस श्रेणी में आते हैं.
15-25 साल की उम्र के लोगों में रील का क्रेज...
पुलिस का कहना है कि इस रील के क्रेज में पड़ने वाले ज्यादातर लोग 15-25 साल से कम उम्र के होते हैं. बाइक रेसिंग, स्टंट करते समय, पीछे से ट्रेन आने पर खड़े होने, लटके होने का नाटक करते हुए और सेल्फी लेते समय दुर्घटनावश मृत्यु हो जाना. दक्षिण मध्य रेलवे में हर साल करीब 500-700 लोग ट्रेन दुर्घटनाओं में मरते हैं. इनमें से कम से कम 10 प्रतिशत लोग ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर सेल्फी और वीडियो बनाते समय फिसलकर खंभों से टकराकर मर जाते हैं.
मनोचिकित्सक गौतमी नागभैरव ने कहा कि डिजिटल साक्षरता की कमी भी सोशल मीडिया की लत का कारण बनती है. एक और समस्या यह है कि हर कोई पहचान बनाने के पीछे भागता है. अगर इससे बचना है तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल तभी करें जब जरूरी हो. जब बच्चों को फोन दिया जाए तो उन्हें देखना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं. सीमाएं तय होनी चाहिए. अगर परिवार का कोई सदस्य फोन का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल कर रहा है, तो सीमाएं स्पष्ट रूप से बताई जानी चाहिए.
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