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नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आरक्षण का मामला: हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी हरियाणा सरकार - Nayab Saini On Job Reservation

Nayab Saini On Job Reservation: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. अब हाई कोर्ट के फैसले को हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.

Social and economic reservation
Social and economic reservation (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 1, 2024, 10:27 AM IST

Updated : Jun 1, 2024, 11:29 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. हरियाणा सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था. इसके तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो, तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था. जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.

हाई कोर्ट के फैसले के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे हरियाणा के सीएम: हाई कोर्ट के फैसले पर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने कहा है कि वो हाई कोर्ट को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अन्त्योदय के इस संकल्प को पूरा करने की यह लड़ाई जारी रहेगी.

सीएम ने सोशल मीडिया X पर किया पोस्ट: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा "समाज के गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग को आगे लाने के लिए अतिरिक्त 5 नंबर देने की एक महत्वाकांक्षी योजना हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई थी। जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट ने निर्णय दिया और इसे निरस्त कर दिया गया। हरियाणा सरकार के नाते हम संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के तहत इस लड़ाई को जारी रखेंगे और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। गरीबों, कमज़ोर और वंचितों को न्याय दिलाने की यह लड़ाई हरियाणा सरकार अंतिम विकल्प तक लड़ती रहेगी।"

मनोहर लाल ने भी दी प्रतिक्रिया: हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा "हम अंत्योदय के संकल्प को लेकर चले थे और इस संकल्प को पूरा करने के लिए ही समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े और कमजोर वर्ग को अतिरिक्त 5 अंक दिए जाने की योजना बनाई गई थी जिसे हाई कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। कानून की अपनी प्रक्रिया और मर्यादाएं हैं। पर अन्त्योदय के इस संकल्प को पूरा करने की यह लड़ाई जारी रहेगी। मैं हरियाणा परिवार के अपने उन सभी गरीब, कमजोर और विधवा माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूँ कि उन्हें इस योजना का लाभ मिला था उन्हें न्याय दिलाने के लिए हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।"

हाई कोर्ट में लगाई गई थी याचिका: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक और आर्थिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण दिया है. इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था, जो गलत है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आरक्षण को निरस्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सामाजिक-आर्थिक आधार पर लागू आरक्षण को हाईकोर्ट ने ठहराया असंवैधानिक, रुकी भर्तियों का रास्ता साफ - Haryana Socio Economic Reservation

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. हरियाणा सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था. इसके तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो, तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था. जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.

हाई कोर्ट के फैसले के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे हरियाणा के सीएम: हाई कोर्ट के फैसले पर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने कहा है कि वो हाई कोर्ट को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अन्त्योदय के इस संकल्प को पूरा करने की यह लड़ाई जारी रहेगी.

सीएम ने सोशल मीडिया X पर किया पोस्ट: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा "समाज के गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग को आगे लाने के लिए अतिरिक्त 5 नंबर देने की एक महत्वाकांक्षी योजना हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई थी। जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट ने निर्णय दिया और इसे निरस्त कर दिया गया। हरियाणा सरकार के नाते हम संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के तहत इस लड़ाई को जारी रखेंगे और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। गरीबों, कमज़ोर और वंचितों को न्याय दिलाने की यह लड़ाई हरियाणा सरकार अंतिम विकल्प तक लड़ती रहेगी।"

मनोहर लाल ने भी दी प्रतिक्रिया: हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा "हम अंत्योदय के संकल्प को लेकर चले थे और इस संकल्प को पूरा करने के लिए ही समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े और कमजोर वर्ग को अतिरिक्त 5 अंक दिए जाने की योजना बनाई गई थी जिसे हाई कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। कानून की अपनी प्रक्रिया और मर्यादाएं हैं। पर अन्त्योदय के इस संकल्प को पूरा करने की यह लड़ाई जारी रहेगी। मैं हरियाणा परिवार के अपने उन सभी गरीब, कमजोर और विधवा माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूँ कि उन्हें इस योजना का लाभ मिला था उन्हें न्याय दिलाने के लिए हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।"

हाई कोर्ट में लगाई गई थी याचिका: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक और आर्थिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण दिया है. इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक का लाभ देने का प्रावधान किया गया था, जो गलत है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आरक्षण को निरस्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सामाजिक-आर्थिक आधार पर लागू आरक्षण को हाईकोर्ट ने ठहराया असंवैधानिक, रुकी भर्तियों का रास्ता साफ - Haryana Socio Economic Reservation

Last Updated : Jun 1, 2024, 11:29 AM IST
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