चमोली: एक ओर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं तो वहीं हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए भी तैयारी जारी हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा दुर्गम स्थानों से होकर पूरी होती है. हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुल रहे हैं. कपाट खुलने से पहले वहां की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि हेमकुंड साहिब में 12 से 15 फीट तक ऊंची बर्फ जमी हुई है.
हेमकुंड साहिब में जमी है 15 फीट बर्फ: गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब इस समय लगभग 12 से 15 फीट बर्फ से ढका हुआ है. यहां स्थित झील भी बर्फ की सफेद चादर जैसी दिख रही है. अटलकुटी ग्लेशियर जो हेमकुंड साहिब से लगभग दो किलोमीटर पहले है, वहां से बर्फ काटकर रास्ता बनाना पड़ता है. बर्फ हटाने की सेवा पारंपरिक रूप से भारतीय सेना द्वारा प्रदान की जाती है. भारतीय सेना अपने इस अभियान में लगने को पूरी तरह तैयार है.
25 मई को खुल रहे हैं हेमकुंड साहिब के कपाट: हेमकुंड गुरुद्वारा ट्रस्ट के मुताबिक, इस साल सेना के जवानों को 15 अप्रैल को घाघरिया के लिए रवाना होना था, जहां वे गुरुद्वारा परिसर में अपना बेस बनाते और हर दिन ऊपर जाकर बर्फ काटने का काम शुरू करते. लेकिन 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग के कारण, गुरुद्वारा ट्रस्ट के अनुरोध पर यह काम सेना अब 20 अप्रैल से शुरू करेगी. हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने की तिथि घोषित हो चुकी है. इस साल हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुल रहे हैं.
10 मई से शुरू हो रही है चारधाम यात्रा: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है. 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धामों के कपाट खुलेंगे. 12 मई को भू बैकुंठ मोक्ष धाम बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. चारधाम यात्रा 2024 के लिए तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2024 से शुरू हो चुका है. पहले दिन सिर्फ 9 घंटे में ही 2 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है.
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