नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यह आरोप लगाने के लिए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की आलोचना की कि बीजेपी सरकार के 'नारी शक्ति' के नारे वास्तविक कार्रवाई के बिना शब्द बनकर रह गए हैं. कांग्रेस की महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना के बाद स्मृति ईरानी ने उनकी जमकर खिंचाई की. स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में जयराम रमेश को गांधी परिवार का 'दरबारी' करार दिया.
उन्होंने आगे कहा,'बहुत लंबे समय से भारत के असली उत्तराधिकारियों के भेष में राजवंशीय शासकों ने इसकी संपत्ति को लूटा है. उनके पतन के बाद भी उनके दरबारी महिलाओं के कल्याण के लिए भाजपा सरकार के प्रयासों को कमजोर करने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं.' सोमवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पिछले 10 वर्षों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर 'भारी विफलताओं' का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि जून 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने से 'महिलाओं के लिए 10 साल का अन्याय' खत्म हो जाएगा. 10 साल से डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने केवल 'अक्षमता, उदासीनता, मानसिकता और महिला विरोधी रवैया देखा है. कांग्रेस के आरोप के बाद स्मृति ईरानी ने एक्स पर एक लंबा मैसेज थ्रेड पोस्ट करते हुए कहा, 'जब मूर्ख दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं, तो वे वास्तव में प्रकट होते हैं कि वे कितने मूर्ख हैं.
अपने शाश्वत उत्तराधिकारी का पक्ष लेने के एक जबरदस्त और कुछ हद तक दयनीय प्रयास में एक निश्चित दरबारी ने अनजाने में अपनी स्पष्ट अक्षमता को उजागर कर दिया है. बौद्धिकता की आड़ में उनके गुमराह प्रयासों के परिणामस्वरूप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की भूमिका और जनादेश की शर्मनाक गलत व्याख्या हुई है.
उन्होंने कहा, 'फिर भी यहां एक सूत्र हैं जो उनकी लापरवाही को संबोधित करता है और उनकी अज्ञानता को उजागर करता है, विशेष रूप से भाजपा सरकार द्वारा नारी शक्ति के लिए किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के संदर्भ में. उन्होंने कहा कि अयोग्य दरबारी एनसीआरबी डेटा पर प्रकाश डालते हैं और मोदी सरकार की पहलों की स्पष्ट रूप से अनदेखी करते हैं. जिसने महिलाओं को साहसपूर्वक अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया है. साथ ही साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए जोरदार प्रयासों का नेतृत्व किया है.
स्मृति ईरानी ने कहा कि भूलने की बीमारी के निर्लज्ज प्रदर्शन में वह यूपीए द्वारा निर्भया फंड की स्थापना को स्वीकार करते हैं. फिर भी इस स्पष्ट तथ्य को आसानी से छोड़ दिया गया कि 2014 तक इस फंड से एक भी रुपया लगाया नहीं गया था. उन्होंने कहा, '2014 के बाद मोदी शासन के तहत निर्भया फंड के माध्यम से देश भर में कुल 40 परियोजनाएं शुरू की गई.
वित्त वर्ष 2023-24 तक, कुल 7212.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत का उपयोग केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कार्यान्वित पहलों पर पहले ही किया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'दरबारी (जयराम रमेश पढ़ें) को भी यह जानकर खुशी होगी कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) जैसा बुनियादी उपाय भी पूरी तरह से मोदी शासन द्वारा लागू किया गया.' 112-ईआरएसएस नंबर अब सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सक्रिय है, इसने 30.34 करोड़ से अधिक कॉलों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया है. इसके अतिरिक्त, 2015 से निर्भया फंड के तहत महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल) चालू हैं.
उन्होंने कहा कि 181-डब्ल्यूएचएल ने 1.39 करोड़ से अधिक कॉलों को हैंडल किया. 71.31 लाख से अधिक महिलाओं को मदद दी गई. निर्भया फंड के तहत परियोजनाओं की सूची व्यापक है, जिसमें वन स्टॉप सेंटर, हर पुलिस स्टेशन में महिला हेल्पडेस्क और महिलाओं और बच्चों के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना शामिल है.
स्मृति ईरानी ने कहा, 'भाजपा सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड यूपीए प्रशासन की निष्क्रियता के बिल्कुल विपरीत है, जो न केवल संख्या बल्कि मोदी के शासन के तहत सक्रिय शासन और ठोस बदलाव को दर्शाता है.' जयराम रमेश पर अपना हमला जारी रखते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सच्चाई, हालांकि, आधारहीन आरोपों का खंडन करती है, उत्तराधिकारी को यह जानकर निराशा होगी कि महिलाओं और लड़कियों के लिए वित्त पोषण 2014-15 के बाद से तीन गुना बढ़ गया है.
इससे पहले डब्ल्यूसीडी मंत्रालय की पांच कथित 'भारी विफलताओं' को सूचीबद्ध करते हुए जयराम रमेश ने कहा, 'महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध दोगुने हो गए हैं. बजट कम कर दिया गया. आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या हो गई, कम वेतन और दुर्व्यवहार की घटना हुई, महिलाओं और बच्चों में एनीमिया में वृद्धि, महिलाओं में बेरोजगार और आय में कमी आई है.