ETV Bharat / bharat

संदीप लकड़ा मर्डर कांड में साढ़े तीन महीने बाद अंतिम संस्कार, जानिए खौफनाक वारदात की पूरी कहानी - Sandeep Lakra murder case

सीतापुर के संदीप लकड़ा मर्डर कांड में साढ़े तीन महीने बाद शनिवार को संदीप का अंतिम संस्कार हुआ. इस हत्याकांड के विरोध में 20 दिनों तक सरगुजा संभाग में विरोध प्रदर्शन जारी रहा. शुक्रवार 27 सितंबर को प्रशासन और पीड़ित पक्ष के बीच सुलह हुआ. उसके बाद शनिवार 28 सितंबर को संदीप लकड़ा को अंतिम विदाई दी गई.

SANDEEP LAKRA MURDER CASE
दीप लकड़ा मर्डर कांड (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 28, 2024, 4:28 PM IST

सरगुजा: सरगुजा के सीतापुर में 6 जून 2024 को संदीप लकड़ा की हत्या कर दी गई. उसके बाद परिजनों ने 16 जून को संदीप लकड़ा की गुमशुदगी का केस दर्ज कराया. इस केस में पांच सितंबर को आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. 6 सितंबर को संदीप लकड़ा का शव टंकी के नीचे फाउंडेशन से निकाला. उसके बाद से लगातार इस केस में सर्व आदिवासी समाज और लोगों का प्रदर्शन जारी रहा. लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद 27 सितंबर 2024 को पीड़ित पक्ष और प्रशासन के बीच सहमति बनी. 28 सितंबर 2024 शनिवार को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया.

हत्या के साढ़े तीन महीने से ज्यादा दिनों के बाद अंतिम संस्कार: हत्या के साढ़े तीन महीने से ज्यादा समय बाद संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया है. इस केस में कुल 20 दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसके बाद जिला प्रशासन और संदीप लकड़ा के परिजनों के बीच अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बनी. उसके बाद शनिवार को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में संदीप के परिजन के साथ विधायक प्रबोध मिंज और रामकुमार टोप्पो भी पहुंचे. जिला प्रशासन का अमला की मौके पर मौजूद रहा. नम आंखों से संदीप लकड़ा को अंतिम विदाई दी गई.

संदीप लकड़ा के परिजनों और प्रशासन के बीच बनी सहमति: संदीप लकड़ा मर्डर केस में 27 सितंबर को संदीप लकड़ा के परिजनों और जिला प्रशासन के बीच अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बनी. संदीप लकड़ा के परिजनों, सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बातचीत की. सीतापुर के धरना स्थल पर पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संदीप की पत्नी सलीमा को कलेक्टर दर पर नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया. इसके अलावा 25 लाख रुपये के मुआवजे पर सहमति बनी. सरकार ने संदीप लकड़ा के दोनों बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई तक का खर्चा उठाने का वादा किया. उसके बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ.

क्या है संदीप लकड़ा मर्डर केस ? : संदीप लकड़ा नाम के एक शख्स की सीतापुर में हत्या की गई. संदीप राजमिस्त्री का काम करता था. वह आदिवासी है और उसकी पत्नी का नाम सलीमा है. सलीमा भी आदिवासी है. 6 जून 2024 को संदीप की हत्या हुई. उसके तीन महीने बाद सीतापुर के पानी टंकी के नीचे से संदीप लकड़ा का शव बरामद हुआ. संदीप के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. परिवार ने शव लेने और अंतिम संस्कार से इनकार किया. परिजनों के अलावा सर्व आदिवासी समाज हत्या के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन करता रहा. 27 सितंबर तक विरोध प्रदर्शन का दौर चला.

जिला प्रशासन और संदीप के परिजनों में कैसे बनी सहमति ?: सर्व आदिवासी समाज ने इस केस में लगातार मोर्चा खोले रखा. सर्व आदिवासी समाज का आंदोलन 16 दिनों से ज्यादा समय तक चला. 20 दिनों तक शव को शवगृह में रखा गया. उसके बाद 27 सितंबर को संदीप लकड़ा के परिजनों और जिला प्रशासन के बीच सहमति बनी. सरकार के नुमाइंदे के तौर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पहुंचे. दोनों पक्षों में बातचीत हुई. मंत्री जी ने संदीप लकड़ा की पत्नी को नौकरी का प्रशस्ति पत्र दिया और मुआवजा राशि सौंपी. कुल 25 लाख मुआवजा मिलेगा. दोनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम भी सरकार करेगी.

संदीप लकड़ा मर्डर केस की पूरी जानकारी

  1. 6 जून 2024 को संदीप लकड़ा की हत्या हुई.
  2. 8 जून 2024 को संदीप लकड़ा के ठेकेदार के खिलाफ परिजनों ने केस दर्ज कराया
  3. 16 जून 2024 को संदीप की पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
  4. 21 जुलाई 2024 को सर्व आदिवासी समाज ने सीतापुर थाने का घेराव किया
  5. 21 जुलाई 2024 को पुलिस ने केस दर्ज किया
  6. 5 सितंबर 2024 को आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया
  7. 6 सितंबर 2024 को पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे से शव निकाला गया
  8. 12 सितंबर 2024 से सर्व आदिवासी समाज ने धरना शुरू किया
  9. 27 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आंदोलन खत्म कराया
  10. 28 सितंबर को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया
  11. हत्याकांड का मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय अब तक फरार

बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड, सर्व आदिवासी समाज ने निकाली न्याय यात्रा

संदीप लकड़ा हत्याकांड में नया मोड़, विधवा सलीमा ने लिखा न्याय के लिए राष्ट्रपति को खत

संदीप लकड़ा हत्याकांड: सर्व आदिवासी समाज के प्रदर्शन में शामिल हुए टीएस सिंह देव

सरगुजा: सरगुजा के सीतापुर में 6 जून 2024 को संदीप लकड़ा की हत्या कर दी गई. उसके बाद परिजनों ने 16 जून को संदीप लकड़ा की गुमशुदगी का केस दर्ज कराया. इस केस में पांच सितंबर को आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. 6 सितंबर को संदीप लकड़ा का शव टंकी के नीचे फाउंडेशन से निकाला. उसके बाद से लगातार इस केस में सर्व आदिवासी समाज और लोगों का प्रदर्शन जारी रहा. लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद 27 सितंबर 2024 को पीड़ित पक्ष और प्रशासन के बीच सहमति बनी. 28 सितंबर 2024 शनिवार को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया.

हत्या के साढ़े तीन महीने से ज्यादा दिनों के बाद अंतिम संस्कार: हत्या के साढ़े तीन महीने से ज्यादा समय बाद संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया है. इस केस में कुल 20 दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसके बाद जिला प्रशासन और संदीप लकड़ा के परिजनों के बीच अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बनी. उसके बाद शनिवार को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में संदीप के परिजन के साथ विधायक प्रबोध मिंज और रामकुमार टोप्पो भी पहुंचे. जिला प्रशासन का अमला की मौके पर मौजूद रहा. नम आंखों से संदीप लकड़ा को अंतिम विदाई दी गई.

संदीप लकड़ा के परिजनों और प्रशासन के बीच बनी सहमति: संदीप लकड़ा मर्डर केस में 27 सितंबर को संदीप लकड़ा के परिजनों और जिला प्रशासन के बीच अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बनी. संदीप लकड़ा के परिजनों, सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बातचीत की. सीतापुर के धरना स्थल पर पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संदीप की पत्नी सलीमा को कलेक्टर दर पर नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया. इसके अलावा 25 लाख रुपये के मुआवजे पर सहमति बनी. सरकार ने संदीप लकड़ा के दोनों बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई तक का खर्चा उठाने का वादा किया. उसके बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ.

क्या है संदीप लकड़ा मर्डर केस ? : संदीप लकड़ा नाम के एक शख्स की सीतापुर में हत्या की गई. संदीप राजमिस्त्री का काम करता था. वह आदिवासी है और उसकी पत्नी का नाम सलीमा है. सलीमा भी आदिवासी है. 6 जून 2024 को संदीप की हत्या हुई. उसके तीन महीने बाद सीतापुर के पानी टंकी के नीचे से संदीप लकड़ा का शव बरामद हुआ. संदीप के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. परिवार ने शव लेने और अंतिम संस्कार से इनकार किया. परिजनों के अलावा सर्व आदिवासी समाज हत्या के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन करता रहा. 27 सितंबर तक विरोध प्रदर्शन का दौर चला.

जिला प्रशासन और संदीप के परिजनों में कैसे बनी सहमति ?: सर्व आदिवासी समाज ने इस केस में लगातार मोर्चा खोले रखा. सर्व आदिवासी समाज का आंदोलन 16 दिनों से ज्यादा समय तक चला. 20 दिनों तक शव को शवगृह में रखा गया. उसके बाद 27 सितंबर को संदीप लकड़ा के परिजनों और जिला प्रशासन के बीच सहमति बनी. सरकार के नुमाइंदे के तौर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पहुंचे. दोनों पक्षों में बातचीत हुई. मंत्री जी ने संदीप लकड़ा की पत्नी को नौकरी का प्रशस्ति पत्र दिया और मुआवजा राशि सौंपी. कुल 25 लाख मुआवजा मिलेगा. दोनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम भी सरकार करेगी.

संदीप लकड़ा मर्डर केस की पूरी जानकारी

  1. 6 जून 2024 को संदीप लकड़ा की हत्या हुई.
  2. 8 जून 2024 को संदीप लकड़ा के ठेकेदार के खिलाफ परिजनों ने केस दर्ज कराया
  3. 16 जून 2024 को संदीप की पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
  4. 21 जुलाई 2024 को सर्व आदिवासी समाज ने सीतापुर थाने का घेराव किया
  5. 21 जुलाई 2024 को पुलिस ने केस दर्ज किया
  6. 5 सितंबर 2024 को आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया
  7. 6 सितंबर 2024 को पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे से शव निकाला गया
  8. 12 सितंबर 2024 से सर्व आदिवासी समाज ने धरना शुरू किया
  9. 27 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आंदोलन खत्म कराया
  10. 28 सितंबर को संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार किया गया
  11. हत्याकांड का मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय अब तक फरार

बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड, सर्व आदिवासी समाज ने निकाली न्याय यात्रा

संदीप लकड़ा हत्याकांड में नया मोड़, विधवा सलीमा ने लिखा न्याय के लिए राष्ट्रपति को खत

संदीप लकड़ा हत्याकांड: सर्व आदिवासी समाज के प्रदर्शन में शामिल हुए टीएस सिंह देव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.