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जानिए कौन है प्रेम सिंह तमांग, जिनकी बदौलत सिक्किम में SKM ने मचाई सनसनी - Sikkim Assembly Election 2024

Who Is Prem Singh Tamang : रेनॉक में प्रेम सिंह तमांग ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एसडीएफ के सोम नाथ पौड्याल पर आसान जीत हासिल की, जिन्हें 3,050 वोट मिले. सिक्किम के मुख्यमंत्री सोरेंग-चाकुंग सीट पर भी आगे चल रहे हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, जिन्हें 'गोले' के नाम से जाना जाता है, रविवार को रेनॉक विधानसभा सीट से विजयी हुए, जबकि हिमालयी राज्य में वोटों की गिनती चल रही थी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 2, 2024, 1:26 PM IST

Who Is Prem Singh Tamang
प्रेम सिंह तमांग की फाइल फोटो. (ANI)

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने शुरुआती रुझानों में बहुमत से कहीं अधिक सीटें जीत ली हैं. 19 अप्रैल को एक ही चरण में हुए चुनाव के बाद सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना अभी चल रही है.

इस जीत के साथ प्रेम सिंह तमांग दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे. 56 वर्षीय तमांग 2019 से सिक्किम के छठे और मौजूदा सीएम के रूप में काम कर रहे हैं. 2019 से ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के संस्थापक और नेता हैं. पीएस गोले के नाम से मशहूर प्रेम सिंह तमांग ने एसडीएफ नेता पवन कुमार चामलिंग के आलोचक बनने के बाद 4 फरवरी, 2013 को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की स्थापना की थी.

प्रेम सिंह तमांग जिन्हें पी.एस. गोले के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 10 फरवरी, 1968 को पश्चिम सिक्किम के सोरेंग में हुआ था. उन्होंने अपना करियर एक सरकारी कर्मचारी के रूप में शुरू किया और बाद में राजनीति में शामिल हो गए. 1993 में, उन्होंने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) राजनीतिक दल की स्थापना की. तमांग 1994 में और फिर 2019 में कई बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए हैं.

तमांग पश्चिमी सिक्किम से हैं और 1990 के दशक की शुरुआत से ही सिक्किम के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय हैं. 1993 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) में शामिल होने के बाद, उन्होंने चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से 1994 के सिक्किम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और 1999 तक पशुपालन, धार्मिक और उद्योग विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया.

उन्होंने एसडीएफ के पवन चामलिंग के खिलाफ जीत हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया था. पवन चामलिंग देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री थे. जिन्होंने 24 साल से अधिक समय तक लगातार पांच कार्यकाल हासिल किए हैं. उन्होंने एक स्कूल शिक्षक के रूप में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की. महज 26 साल की उम्र में, वे 1994 में एसडीएफ उम्मीदवार के रूप में विधानसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 2009 तक लगातार तीन कार्यकालों तक विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री के रूप में कार्य किया.

गाय वितरण घोटाला : 2017 में, उन्हें गाय वितरण योजना से संबंधित सरकारी निधियों में 9.5 लाख रुपये की हेराफेरी के लिए जेल भेजा गया था. यह घोटाला 1994 से 1999 के बीच हुआ था, जब वे पशुपालन मंत्री थे. उन्हें 10 अगस्त, 2018 को जेल से रिहा किया गया.

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इस जीत के साथ प्रेम सिंह तमांग दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे. 56 वर्षीय तमांग 2019 से सिक्किम के छठे और मौजूदा सीएम के रूप में काम कर रहे हैं. 2019 से ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के संस्थापक और नेता हैं. पीएस गोले के नाम से मशहूर प्रेम सिंह तमांग ने एसडीएफ नेता पवन कुमार चामलिंग के आलोचक बनने के बाद 4 फरवरी, 2013 को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की स्थापना की थी.

प्रेम सिंह तमांग जिन्हें पी.एस. गोले के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 10 फरवरी, 1968 को पश्चिम सिक्किम के सोरेंग में हुआ था. उन्होंने अपना करियर एक सरकारी कर्मचारी के रूप में शुरू किया और बाद में राजनीति में शामिल हो गए. 1993 में, उन्होंने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) राजनीतिक दल की स्थापना की. तमांग 1994 में और फिर 2019 में कई बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए हैं.

तमांग पश्चिमी सिक्किम से हैं और 1990 के दशक की शुरुआत से ही सिक्किम के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय हैं. 1993 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) में शामिल होने के बाद, उन्होंने चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से 1994 के सिक्किम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और 1999 तक पशुपालन, धार्मिक और उद्योग विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया.

उन्होंने एसडीएफ के पवन चामलिंग के खिलाफ जीत हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया था. पवन चामलिंग देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री थे. जिन्होंने 24 साल से अधिक समय तक लगातार पांच कार्यकाल हासिल किए हैं. उन्होंने एक स्कूल शिक्षक के रूप में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की. महज 26 साल की उम्र में, वे 1994 में एसडीएफ उम्मीदवार के रूप में विधानसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 2009 तक लगातार तीन कार्यकालों तक विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री के रूप में कार्य किया.

गाय वितरण घोटाला : 2017 में, उन्हें गाय वितरण योजना से संबंधित सरकारी निधियों में 9.5 लाख रुपये की हेराफेरी के लिए जेल भेजा गया था. यह घोटाला 1994 से 1999 के बीच हुआ था, जब वे पशुपालन मंत्री थे. उन्हें 10 अगस्त, 2018 को जेल से रिहा किया गया.

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