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बहुमत न होने से बढ़ी चुनौती! क्या बीजेपी की कार्यशैली में होंगे बड़े बदलाव? - Signs of a big change in BJP

Signs of a big change in BJP: लोकसभा चुनाव परिणामों से सबसे बड़ी बात यह रही है कि भाजपा की सीटों की संख्या में गिरावट आई. बीजेपी में इन दिनों संगठन के भविष्य को लेकर कई मुद्दों पर मंथन जारी है. वहीं, चुनाव के नतीजों के बाद संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं.

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फोटो (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 14, 2024, 10:43 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 11:01 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चेतावनी है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत पाने से चूक गई. हालांकि, देश में एनडीए की सरकार बन गई लेकिन पार्टी के भीतर ऊहापोह की स्थिति बरकरार है. ऐसे में बीजेपी बड़े फेरबदल करने के मूड में दिख रही है. कहा जा रहा है कि, पिछले 10 साल से सरकार केंद्रित रही बीजेपी की सर्जरी होगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब सरकार को संगठन केंद्रित बनाया जाएगा. बीजेपी सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सीमित न होकर खुद को विस्तार करेगी. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी संगठन में सिर्फ पार्टी अध्यक्ष बदलकर शांत नहीं होगी बल्कि पार्टी और संघ में शीर्ष स्तर पर पार्टी की कार्यशैली में बदलाव के बारे में सोचा जा रहा है. जिसको लेकर गहन मंथन जारी है. पार्टी में 'सरकार केंद्रित' संगठन की जगह कैडर केंद्रित नेतृत्व बनाने के लिए एक बड़े परिवर्तन की भूमिका निभाई जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार केंद्रित संगठन की जगह कैडर केंद्रित नेतृत्व बनाने के लिए बड़े स्तर पर परिवर्तन की तैयारी हो रही है. देखा जाए तो बीजेपी और संघ से जुड़े कई लोगों का मत है कि, दस वर्षों से बीजेपी सरकार और नेता पर आकर टिकी हुई थी. हालांकि, देखा जाए तो यह एक्सपेरिमेंट काफी हद तक सफल भी रहा. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव के परिणाम ने बीजेपी को निराश किया है. इसलिए यह साफ है कि, पार्टी सिर्फ सरकारी योजनाओं को बढ़ाने तक सीमित नहीं रह सकती है. भाजपा सरकार इन दस वर्षों में कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं तक ही केंद्रित रही. इससे इतर गंगा बचाओ जैसे कार्यक्रम को नजरअंदाज कर दिया गया. पार्टी ने कभी अपने बारे में ध्यान ही नहीं दिया. इन 10 वर्षों में पार्टी, विरोध प्रदर्शन, सरकारी योजनाओं की समीक्षा और अन्य कामों में व्यस्त रही.

बीजेपी में क्या बदलाव हो सकते हैं?
लोकसभा चुनाव में अनुमान मुताबिक सीटें नहीं मिलने के बाद ऐसा हो सकता है कि, चुनाव समिति का फीडबैक अंतिम मानकर टिकट देना बंद किया जाएगा. कैंडिडेट का फीडबैक सर्वे एजेंसियों से भी नहीं कराया जा सकता है. बता दें कि, अभी भाजपा में कुल 7 राष्ट्रीय महासचिव हैं, जिनमें बदलाव संभव है. बदलाव के बाद नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. पिछले कुछ वर्षों में महिला वोटरों का बीजेपी के तरफ रूझान देखा गया है. ऐसे में पार्टी में हर स्तर पर महिलाओं की संख्या और भागीदारी पर ध्यान दिया जाएगा. वर्तमान में बीजेपी अध्यक्ष नड्डा की टीम में शामिल 38 नेताओं में पांच राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चार राष्ट्रीय सचिव महिलाएं हैं. वहीं महासचिव पद पर कोई महिलाएं नहीं है. खबर है कि, बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और कार्यसमिति में संघ से आने वालों को तव्ज्जों दी जा सकती है. वहीं बाहर के नेताओं के टीम में शामिल करने, उन्हें टिकट या पद देने को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि, बीजेपी बाहरी नेताओं को टिकट देने की एक सीमा तय कर सकती है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में बीजेपी 442 सीटों पर चुनाव लड़ी. जिसमें से 110 बाहरी नेताओं को टिकट दिया गया. ये नेता 2014 के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे. हालांकि, इनमें से 69 बाहरी नेता चुनाव में पराजित हुए.

18वीं लोकसभा चुनाव में किसको कितनी सीटें मिलीं
अठारहवीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान होने के बाद 4 जून को 543 लोकसभा सीटों के परिणाम घोषित हुए थे. घोषित परिणामों में किसी भी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला.भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुल 294 सीट मिलीं. सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ा दल बनकर उभरी. चुनाव पूर्व घोषित भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुल 294 सीट प्राप्त हुई हैं. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस सैकड़ा भी पार नहीं कर पाई और उसे 99 सीट पर संतोष करना पड़ा. कांग्रेस के इंडी गठबंधन को कुल 232 सीट प्राप्त हुई हैं. हालांकि, देश में एनडीए की सरकार बन गई लेकिन, आगे देश का राजनीतिक भविष्य क्या होगा, ये तो समय ही तय करेगा.

ये भी पढ़ें: 'इंद्रेश कुमार का बयान आधिकारिक नहीं', RSS ने किया किनारा

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चेतावनी है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत पाने से चूक गई. हालांकि, देश में एनडीए की सरकार बन गई लेकिन पार्टी के भीतर ऊहापोह की स्थिति बरकरार है. ऐसे में बीजेपी बड़े फेरबदल करने के मूड में दिख रही है. कहा जा रहा है कि, पिछले 10 साल से सरकार केंद्रित रही बीजेपी की सर्जरी होगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब सरकार को संगठन केंद्रित बनाया जाएगा. बीजेपी सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सीमित न होकर खुद को विस्तार करेगी. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी संगठन में सिर्फ पार्टी अध्यक्ष बदलकर शांत नहीं होगी बल्कि पार्टी और संघ में शीर्ष स्तर पर पार्टी की कार्यशैली में बदलाव के बारे में सोचा जा रहा है. जिसको लेकर गहन मंथन जारी है. पार्टी में 'सरकार केंद्रित' संगठन की जगह कैडर केंद्रित नेतृत्व बनाने के लिए एक बड़े परिवर्तन की भूमिका निभाई जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार केंद्रित संगठन की जगह कैडर केंद्रित नेतृत्व बनाने के लिए बड़े स्तर पर परिवर्तन की तैयारी हो रही है. देखा जाए तो बीजेपी और संघ से जुड़े कई लोगों का मत है कि, दस वर्षों से बीजेपी सरकार और नेता पर आकर टिकी हुई थी. हालांकि, देखा जाए तो यह एक्सपेरिमेंट काफी हद तक सफल भी रहा. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव के परिणाम ने बीजेपी को निराश किया है. इसलिए यह साफ है कि, पार्टी सिर्फ सरकारी योजनाओं को बढ़ाने तक सीमित नहीं रह सकती है. भाजपा सरकार इन दस वर्षों में कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं तक ही केंद्रित रही. इससे इतर गंगा बचाओ जैसे कार्यक्रम को नजरअंदाज कर दिया गया. पार्टी ने कभी अपने बारे में ध्यान ही नहीं दिया. इन 10 वर्षों में पार्टी, विरोध प्रदर्शन, सरकारी योजनाओं की समीक्षा और अन्य कामों में व्यस्त रही.

बीजेपी में क्या बदलाव हो सकते हैं?
लोकसभा चुनाव में अनुमान मुताबिक सीटें नहीं मिलने के बाद ऐसा हो सकता है कि, चुनाव समिति का फीडबैक अंतिम मानकर टिकट देना बंद किया जाएगा. कैंडिडेट का फीडबैक सर्वे एजेंसियों से भी नहीं कराया जा सकता है. बता दें कि, अभी भाजपा में कुल 7 राष्ट्रीय महासचिव हैं, जिनमें बदलाव संभव है. बदलाव के बाद नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. पिछले कुछ वर्षों में महिला वोटरों का बीजेपी के तरफ रूझान देखा गया है. ऐसे में पार्टी में हर स्तर पर महिलाओं की संख्या और भागीदारी पर ध्यान दिया जाएगा. वर्तमान में बीजेपी अध्यक्ष नड्डा की टीम में शामिल 38 नेताओं में पांच राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चार राष्ट्रीय सचिव महिलाएं हैं. वहीं महासचिव पद पर कोई महिलाएं नहीं है. खबर है कि, बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और कार्यसमिति में संघ से आने वालों को तव्ज्जों दी जा सकती है. वहीं बाहर के नेताओं के टीम में शामिल करने, उन्हें टिकट या पद देने को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि, बीजेपी बाहरी नेताओं को टिकट देने की एक सीमा तय कर सकती है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में बीजेपी 442 सीटों पर चुनाव लड़ी. जिसमें से 110 बाहरी नेताओं को टिकट दिया गया. ये नेता 2014 के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे. हालांकि, इनमें से 69 बाहरी नेता चुनाव में पराजित हुए.

18वीं लोकसभा चुनाव में किसको कितनी सीटें मिलीं
अठारहवीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान होने के बाद 4 जून को 543 लोकसभा सीटों के परिणाम घोषित हुए थे. घोषित परिणामों में किसी भी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला.भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुल 294 सीट मिलीं. सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ा दल बनकर उभरी. चुनाव पूर्व घोषित भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुल 294 सीट प्राप्त हुई हैं. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस सैकड़ा भी पार नहीं कर पाई और उसे 99 सीट पर संतोष करना पड़ा. कांग्रेस के इंडी गठबंधन को कुल 232 सीट प्राप्त हुई हैं. हालांकि, देश में एनडीए की सरकार बन गई लेकिन, आगे देश का राजनीतिक भविष्य क्या होगा, ये तो समय ही तय करेगा.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 11:01 PM IST
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