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बिहार की हॉट पॉलिटिक्स में सत्तू की एंट्री, तेजस्वी ने अमित शाह को दी सत्तू पीने की नसीहत, दिखने लगा साइड इफेक्ट - Sattu Politics in Bihar

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 22, 2024, 9:55 PM IST

Tejahswi Yadav : बिहार में सत्तू पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है. तेजस्वी यादव ने अमित शाह को सत्तू पीने की सलाह दी है ताकि उनका दिमाग शांत और शरीर ठंडा रहे. तेजस्वी के इस बायन पर बिहार में वार-पलटवार का खेल भी चलने लगा है. जेडीयू ने अपने बयानों के 'तीर' निकाल लिए हैं और तेजस्वी यादव को घेरना शुरू कर दिया है. ऐसे में बढ़ती सियासी गर्मी के बीच यह मुद्दा शांत होता नहीं दिख रहा है. पढ़ें पूरी खबर-

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बिहार में सत्तू पॉलिटिक्स

पटना : बिहार में कब किस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो जाए किसी को नहीं पता है. अब नई सियासत सत्तू पर शुरू हुई है. जी हां, वही सत्तू जो आप घोलकर पीते हैं और लिट्टी में खाते हैं. सत्तू की सियासत शुरू की है बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने. तेजस्वी यादव ने देश के गृह मंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए एक नसीहत दे दी, वह भी सत्तू पीने की. तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि अमित शाह को अगली बार बिहार में सत्तू पीकर आना चाहिए. इससे दिमाग शांत और शरीर ठंडा रहता है.

सत्तू किसानों का भी प्रतीक है : तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद सियासत शुरू हो गई. एनडीए के नेता अभी सत्तू वाले बयान को लेकर तेजस्वी यादव पर हमलावर हो गए. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तो महागठबंधन में शामिल तमाम नेताओं पर सत्तू को लेकर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि ''जब लालू यादव जेल में थे तो वह सत्तू ही खाना पसंद करते थे और अभी हेमंत सोरेन भी जेल का सत्तू खा रहे हैं.'' दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा की ''सत्तू सिर्फ पीने और खाने भर का प्रतीक नहीं है. वह किसानों का भी प्रतीक है. जिससे लालू परिवार ने नौकरी के बदले जमीन लिखवाई है. ऐसे में वह किसान जरूर चाहेंगे कि यह लोग जेल का सत्तू खायें.''

सत्तू से दिमाग शांत और शरीर ठंडा : अब जरा सत्तू के बारे में समझ लीजिए, बिहार में प्रचंड गर्मी है, प्रचंड गर्मी में चुनाव का बिगुल बजा हुआ है. एक चरण का चुनाव हो चुका है, दूसरा चरण 26 अप्रैल को होना है. इस दिन भी बहुत गर्मी पड़ने के आसार हैं. ऐसे में बिहार के लोग इसे पेय पदार्थ के रूप में लेते हैं. इसे बिहारी हॉर्लिक्स बी कहते हैं. गरीब से लेकर अमीर तक सत्तू को पीना और खाना पसंद करता है. जिस तरह से तेजस्वी यादव ने कहा है कि इससे दिमाग शांत और शरीर ठंडा रहता है तो वाकई यह सही भी है कि सत्तू से शरीर ठंडा और दिमाग शांत जरूर रहता है. डिहाइड्रेशन नहीं होता है.

ईटीवी भारत GFX.
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सत्तू से डिहाइड्रेशन नहीं होता : सत्तू पीने और खाने की क्या खासियत है? इसको लेकर बिहार की जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर मनोज सिन्हा ने बताया कि ''सत्तू में प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है. सत्तू तुरंत डाइजेस्ट होने वाला पदार्थ नहीं है. ऐसे में जब एक बार सत्तू लोग पी लेते हैं या खा लेते हैं तो उन्हें भरपूर एनर्जी मिलती रहती है. उन्हें बराबर प्यास लगी रहती है जिससे लोग पानी पीते रहते हैं. शरीर में पानी की भरपूर मात्रा जाती है. तो ऐसे में इस प्रचंड गर्मी में सत्तू बहुत ही लाभदायक होता है और इससे लोगों को एनर्जी भी मिलती है.''

त्तू की सियासत शुरु : अब रही बात तेजस्वी यादव की नसीहत की और अमित शाह के मानने की. जिस तरह से तेजस्वी यादव ने अचानक सत्तू का जिक्र किया है इसके बाद ये मुद्दा शांत होने वाला नहीं है. सत्तू जममानस से जुड़ा हुआ खाद्य पदार्थ है. ऐसे में अगली बार अमित शाह जब बिहार में चुनावी सभा करने आएंगे तो इस सत्तू के एपिसोड को आगे जरूर बढ़ाएंगे.

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बिहार में सत्तू पॉलिटिक्स

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सत्तू किसानों का भी प्रतीक है : तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद सियासत शुरू हो गई. एनडीए के नेता अभी सत्तू वाले बयान को लेकर तेजस्वी यादव पर हमलावर हो गए. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तो महागठबंधन में शामिल तमाम नेताओं पर सत्तू को लेकर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि ''जब लालू यादव जेल में थे तो वह सत्तू ही खाना पसंद करते थे और अभी हेमंत सोरेन भी जेल का सत्तू खा रहे हैं.'' दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा की ''सत्तू सिर्फ पीने और खाने भर का प्रतीक नहीं है. वह किसानों का भी प्रतीक है. जिससे लालू परिवार ने नौकरी के बदले जमीन लिखवाई है. ऐसे में वह किसान जरूर चाहेंगे कि यह लोग जेल का सत्तू खायें.''

सत्तू से दिमाग शांत और शरीर ठंडा : अब जरा सत्तू के बारे में समझ लीजिए, बिहार में प्रचंड गर्मी है, प्रचंड गर्मी में चुनाव का बिगुल बजा हुआ है. एक चरण का चुनाव हो चुका है, दूसरा चरण 26 अप्रैल को होना है. इस दिन भी बहुत गर्मी पड़ने के आसार हैं. ऐसे में बिहार के लोग इसे पेय पदार्थ के रूप में लेते हैं. इसे बिहारी हॉर्लिक्स बी कहते हैं. गरीब से लेकर अमीर तक सत्तू को पीना और खाना पसंद करता है. जिस तरह से तेजस्वी यादव ने कहा है कि इससे दिमाग शांत और शरीर ठंडा रहता है तो वाकई यह सही भी है कि सत्तू से शरीर ठंडा और दिमाग शांत जरूर रहता है. डिहाइड्रेशन नहीं होता है.

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सत्तू से डिहाइड्रेशन नहीं होता : सत्तू पीने और खाने की क्या खासियत है? इसको लेकर बिहार की जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर मनोज सिन्हा ने बताया कि ''सत्तू में प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है. सत्तू तुरंत डाइजेस्ट होने वाला पदार्थ नहीं है. ऐसे में जब एक बार सत्तू लोग पी लेते हैं या खा लेते हैं तो उन्हें भरपूर एनर्जी मिलती रहती है. उन्हें बराबर प्यास लगी रहती है जिससे लोग पानी पीते रहते हैं. शरीर में पानी की भरपूर मात्रा जाती है. तो ऐसे में इस प्रचंड गर्मी में सत्तू बहुत ही लाभदायक होता है और इससे लोगों को एनर्जी भी मिलती है.''

त्तू की सियासत शुरु : अब रही बात तेजस्वी यादव की नसीहत की और अमित शाह के मानने की. जिस तरह से तेजस्वी यादव ने अचानक सत्तू का जिक्र किया है इसके बाद ये मुद्दा शांत होने वाला नहीं है. सत्तू जममानस से जुड़ा हुआ खाद्य पदार्थ है. ऐसे में अगली बार अमित शाह जब बिहार में चुनावी सभा करने आएंगे तो इस सत्तू के एपिसोड को आगे जरूर बढ़ाएंगे.

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