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अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को जूना अखाड़ा से किया गया बाहर, अल्मोड़ा जेल में दी गई थी दीक्षा

अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने किया बर्खास्त, जांच के बाद कमेटी ने लिया फैसला.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

UNDERWORLD DON PP PANDEY
पीपी जूना अखाड़े से आउट (Photo- ETV Bharat)

हरिद्वार: उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से बाहर कर दिया गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने खुद इसकी जानकारी दी है. हाल ही में अल्मोड़ा जेल में कार्यक्रम कर अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने दीक्षा दी थी. इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसके बाद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने जांच टीम गठित की थी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को पूरी तरह के जूना अखाड़े से बाहर कर दिया गया है. उनका अब जूना अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन संतों पर भी कोई कार्रवाई की गई, जिन्होंने अल्मोड़ा जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की तरफ से दीक्षा दी थी. इस बारे में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि उस कार्यक्रम में दशनामी कम थे और फर्जी ज्यादा थे. इस बारे में उनका बहुत ज्यादा बोलना सही नहीं है. आजकल जोड़ने का समय है, तोड़ने का नहीं.

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प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को महंत बनाने का मामला (Photo- ETV Bharat)

पवित्र छड़ी का उत्तराखंड दौरा: बता दें कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी आज 15 अक्टूबर मंगलवार को हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया देवी मंदिर से उत्तराखंड के दौरे पर रवाना हो गई. जूना अखाड़ा बीते कई सालों से पवित्र छड़ी यात्रा निकाल रहा है. इस पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास करते हुए तीर्थाटन को बढ़ावा देना है, जिससे उत्तराखंड में हो रहे पलायन को रोका जा सकता है.

महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा उत्तराखंड की उन्नति, प्रगति, विकास और उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थ की गरिमा बनाए रखने के लिए यात्रा कर रही है. इसका उद्देश्य उत्तराखंड के उपेक्षित व गुमनाम पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास कर तीर्थाटन को बढ़ावा देना है, ताकि इन क्षेत्रों से पलायन रुक सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके.

यह तभी संभव है जब आम जनता, तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को इनके पौराणिक महत्व व इतिहास की जानकारी होगी. यात्रा के माध्यम से इन पौराणिक तीर्थों के संदर्भ में जनता को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह पवित्र छड़ी यात्रा करीब 25 दिन उत्तराखंड के भ्रमण पर रहेगी, जिसमे यह छड़ी कुमाऊँ ओर गढ़वाल क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों और स्थलों का भ्रमण करेगी.

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हरिद्वार: उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से बाहर कर दिया गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने खुद इसकी जानकारी दी है. हाल ही में अल्मोड़ा जेल में कार्यक्रम कर अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने दीक्षा दी थी. इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसके बाद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने जांच टीम गठित की थी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को पूरी तरह के जूना अखाड़े से बाहर कर दिया गया है. उनका अब जूना अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन संतों पर भी कोई कार्रवाई की गई, जिन्होंने अल्मोड़ा जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की तरफ से दीक्षा दी थी. इस बारे में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि उस कार्यक्रम में दशनामी कम थे और फर्जी ज्यादा थे. इस बारे में उनका बहुत ज्यादा बोलना सही नहीं है. आजकल जोड़ने का समय है, तोड़ने का नहीं.

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प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को महंत बनाने का मामला (Photo- ETV Bharat)

पवित्र छड़ी का उत्तराखंड दौरा: बता दें कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी आज 15 अक्टूबर मंगलवार को हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया देवी मंदिर से उत्तराखंड के दौरे पर रवाना हो गई. जूना अखाड़ा बीते कई सालों से पवित्र छड़ी यात्रा निकाल रहा है. इस पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास करते हुए तीर्थाटन को बढ़ावा देना है, जिससे उत्तराखंड में हो रहे पलायन को रोका जा सकता है.

महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा उत्तराखंड की उन्नति, प्रगति, विकास और उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थ की गरिमा बनाए रखने के लिए यात्रा कर रही है. इसका उद्देश्य उत्तराखंड के उपेक्षित व गुमनाम पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास कर तीर्थाटन को बढ़ावा देना है, ताकि इन क्षेत्रों से पलायन रुक सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके.

यह तभी संभव है जब आम जनता, तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को इनके पौराणिक महत्व व इतिहास की जानकारी होगी. यात्रा के माध्यम से इन पौराणिक तीर्थों के संदर्भ में जनता को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह पवित्र छड़ी यात्रा करीब 25 दिन उत्तराखंड के भ्रमण पर रहेगी, जिसमे यह छड़ी कुमाऊँ ओर गढ़वाल क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों और स्थलों का भ्रमण करेगी.

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