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डीडी पर प्रसारित होने वाली फिल्म को लेकर बिफरे केरल के सीएम, जानें क्या है पूरा मामला - Doordarshan Kerala Story row

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By ANI

Published : Apr 5, 2024, 12:59 PM IST

Doordarshan Kerala Story Row : डीडी पर प्रसारित होने वाली एक फिल्म को लेकर केरल के सीएम ने आपत्ति दर्ज की है. इस फिल्म का नाम है- द केरल स्टोरी. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि दूरदर्शन को भाजपा और आरएसएस की 'प्रचार मशीन' नहीं बनने दिया जाना चाहिए. फिल्म आज यानी शुक्रवार को प्रसारित होनी है.

Doordarshan Kerala Story Row
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की फाइल फोटो. (IANS)

तिरुवनंतपुरम : 'द केरल स्टोरी' के प्रसारण के दूरदर्शन के फैसले पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए पर कड़ा प्रहार करते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मांग की कि विवादास्पद फिल्म की राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन की स्ट्रीमिंग से परहेज करे. उन्होंने कहा कि यह फिल्म लोकसभा चुनाव से पहले 'सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है'.

एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर मुख्यमंत्री विजयन ने पोस्ट किया कि ध्रुवीकरण भड़काने वाली फिल्म 'केरल स्टोरी' को प्रसारित करने का डीडी नेशनल का निर्णय बेहद निंदनीय है. उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय समाचार प्रसारक को भाजपा-आरएसएस की प्रचार मशीन नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकदेना चाहिए क्योंकि यह केवल आम चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का प्रयास करती है. केरल नफरत फैलाने के ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों का विरोध करने में दृढ़ रहेगा.

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिवालय ने भी फिल्म को स्ट्रीम करने के फैसले पर आपत्ति जताई और दावा किया कि इसने राज्य के लोगों का 'अपमान' किया है. बता दें कि सीपीआईएम केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) शासन में प्रमुख भागीदार है.

भाजपा पर निशाना साधते हुए, सीपीआई (एम) राज्य सचिवालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि दूरदर्शन को केरल में धार्मिक सांप्रदायिकता के बीज के माध्यम से विभाजन पैदा करने के भाजपा के प्रयास में सहयोग नहीं करना चाहिए, जहां विभिन्न धार्मिक समूह सद्भाव में रहते हैं. फिल्म ने केरल के लोगों का अपमान किया है.

बयान में आगे कहा गया है कि यह घोषणा की गई है कि फिल्म शुक्रवार, 5 अप्रैल को रात 8 बजे प्रसारित की जाएगी. यह केरल के लिए एक चुनौती है. जब फिल्म रिलीज हुई तो कड़ा विरोध जताया गया. ट्रेलर पर भी विवाद हुआ. फिल्म के माध्यम से झूठ फैलाया गया था कि '32,000 महिलाएं' आतंकवादी दल में शामिल हो गईं या उसकी शिकार हो गई.

बयान में कहा गया है कि सेंसर बोर्ड ने खुद फिल्म में 10 आपत्तिजनक दृश्यों से बचने की सिफारिश की क्योंकि यह गलत प्रचार करती है कि 'केरल आतंकवादियों के लिए स्वर्ग है'. लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक उद्देश्यों के साथ फिल्म की अचानक स्क्रीनिंग के पीछे भाजपा की चाल है. सीपीआई (एम) ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाई है, ऐसी स्थिति में दूरदर्शन नस्लीय जहर उगलने वाली फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ आगे आ रहा है.

सुदीप्तो सेन की ओर से निर्देशित, 'द केरल स्टोरी', जो 5 मई, 2023 को रिलीज हुई थी, पिछले साल बॉक्स ऑफिस पर सबसे सफल फिल्मों में से एक बनकर उभरी. हालांकि, फिल्म के ट्रेलर की कुछ हलकों से कड़ी आलोचना हुई, जिसमें विपक्षी नेताओं सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह झूठा दावा है कि केरल से लापता 32,000 महिलाओं को कथित धर्मांतरण के बाद आतंकवाद में धकेल दिया गया या आईएसआईएस की यौन दासी बना दिया गया. फिल्म को कई राज्यों में विरोध का सामना करना पड़ा, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया.

इससे पहले, केरल के विपक्षी नेता वीडी सतीसन ने भी केंद्र से दूरदर्शन पर 'द केरल स्टोरी' की स्ट्रीमिंग रोकने की मांग करते हुए कहा था कि फिल्म 'असत्य का संग्रह' है. पीएम मोदी के नेतृत्व वाले संघ परिवार प्रशासन की रणनीति फिल्म 'द केरल स्टोरी' की स्क्रीनिंग करके धर्मनिरपेक्ष समाज के भीतर विभाजन पैदा करना है, जो असत्य का संग्रह है. यह महसूस करते हुए कि विभाजन की राजनीति का उपयोग केरल में नहीं किया जा सकता है, संघ परिवार केंद्र सरकार की संस्था दूरदर्शन का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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तिरुवनंतपुरम : 'द केरल स्टोरी' के प्रसारण के दूरदर्शन के फैसले पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए पर कड़ा प्रहार करते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मांग की कि विवादास्पद फिल्म की राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन की स्ट्रीमिंग से परहेज करे. उन्होंने कहा कि यह फिल्म लोकसभा चुनाव से पहले 'सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है'.

एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर मुख्यमंत्री विजयन ने पोस्ट किया कि ध्रुवीकरण भड़काने वाली फिल्म 'केरल स्टोरी' को प्रसारित करने का डीडी नेशनल का निर्णय बेहद निंदनीय है. उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय समाचार प्रसारक को भाजपा-आरएसएस की प्रचार मशीन नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकदेना चाहिए क्योंकि यह केवल आम चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का प्रयास करती है. केरल नफरत फैलाने के ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों का विरोध करने में दृढ़ रहेगा.

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिवालय ने भी फिल्म को स्ट्रीम करने के फैसले पर आपत्ति जताई और दावा किया कि इसने राज्य के लोगों का 'अपमान' किया है. बता दें कि सीपीआईएम केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) शासन में प्रमुख भागीदार है.

भाजपा पर निशाना साधते हुए, सीपीआई (एम) राज्य सचिवालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि दूरदर्शन को केरल में धार्मिक सांप्रदायिकता के बीज के माध्यम से विभाजन पैदा करने के भाजपा के प्रयास में सहयोग नहीं करना चाहिए, जहां विभिन्न धार्मिक समूह सद्भाव में रहते हैं. फिल्म ने केरल के लोगों का अपमान किया है.

बयान में आगे कहा गया है कि यह घोषणा की गई है कि फिल्म शुक्रवार, 5 अप्रैल को रात 8 बजे प्रसारित की जाएगी. यह केरल के लिए एक चुनौती है. जब फिल्म रिलीज हुई तो कड़ा विरोध जताया गया. ट्रेलर पर भी विवाद हुआ. फिल्म के माध्यम से झूठ फैलाया गया था कि '32,000 महिलाएं' आतंकवादी दल में शामिल हो गईं या उसकी शिकार हो गई.

बयान में कहा गया है कि सेंसर बोर्ड ने खुद फिल्म में 10 आपत्तिजनक दृश्यों से बचने की सिफारिश की क्योंकि यह गलत प्रचार करती है कि 'केरल आतंकवादियों के लिए स्वर्ग है'. लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक उद्देश्यों के साथ फिल्म की अचानक स्क्रीनिंग के पीछे भाजपा की चाल है. सीपीआई (एम) ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाई है, ऐसी स्थिति में दूरदर्शन नस्लीय जहर उगलने वाली फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ आगे आ रहा है.

सुदीप्तो सेन की ओर से निर्देशित, 'द केरल स्टोरी', जो 5 मई, 2023 को रिलीज हुई थी, पिछले साल बॉक्स ऑफिस पर सबसे सफल फिल्मों में से एक बनकर उभरी. हालांकि, फिल्म के ट्रेलर की कुछ हलकों से कड़ी आलोचना हुई, जिसमें विपक्षी नेताओं सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह झूठा दावा है कि केरल से लापता 32,000 महिलाओं को कथित धर्मांतरण के बाद आतंकवाद में धकेल दिया गया या आईएसआईएस की यौन दासी बना दिया गया. फिल्म को कई राज्यों में विरोध का सामना करना पड़ा, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया.

इससे पहले, केरल के विपक्षी नेता वीडी सतीसन ने भी केंद्र से दूरदर्शन पर 'द केरल स्टोरी' की स्ट्रीमिंग रोकने की मांग करते हुए कहा था कि फिल्म 'असत्य का संग्रह' है. पीएम मोदी के नेतृत्व वाले संघ परिवार प्रशासन की रणनीति फिल्म 'द केरल स्टोरी' की स्क्रीनिंग करके धर्मनिरपेक्ष समाज के भीतर विभाजन पैदा करना है, जो असत्य का संग्रह है. यह महसूस करते हुए कि विभाजन की राजनीति का उपयोग केरल में नहीं किया जा सकता है, संघ परिवार केंद्र सरकार की संस्था दूरदर्शन का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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