ETV Bharat / bharat

शिरडी : श्री राम नवमी उत्सव के मुख्य दिन भक्तों के लिए पूरी रात खुला रहेगा साईं मंदिर - Ram navami in Shirdi

Ram navami in Shirdi : रामनवमी पर शिरडी का साईं मंदिर 17 अप्रैल को भक्तों के लिए रातभर खुला रहेगा. तीन दिन तक चलने वाले राम नवमी उत्सव के लिए मंदिर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Ram navami in Shirdi
शिरडी का साईं मंदिर
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 10:03 PM IST

शिरडी: साईं संस्थान ने शिरडी के साईं बाबा मंदिर में तीन दिवसीय श्रीराम नवमी उत्सव की तैयारी की है. साईं बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने कहा, उत्सव के मुख्य दिन, 17 अप्रैल को साईं बाबा का मंदिर पूरी रात भक्तों के लिए खुला रखा जाएगा.

शिरडी साईंबाबा संस्थान 16 से 18 अप्रैल तीन दिनों तक श्री राम नवमी उत्सव मनाने जा रहा है. इस साल 113वां श्री राम नवमी उत्सव है और इस दौरान तीन दिन लाखों भक्त साईं बाबा के दर्शन के लिए आएंगे.

इस महोत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आएंगे. वहीं, साईं बाबा संस्थान ने भक्तों के लिए आवास, भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था की है क्योंकि श्री रामनवमी उत्सव के लिए महाराष्ट्र के कनाको से काफी लंबा जुलूस शिरडी में प्रवेश करेगा. साईबाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने यह घोषणा की.

शिरडी साईंबाबा संस्थान हर साल श्री राम नवमी उत्सव मनाता है. यह तीन प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार तीन दिनों तक मनाया जाता है. माना जाता है कि इस त्यौहार की परंपरा सदियों पुरानी है और इसकी शुरुआत स्वयं साईं बाबा के आदेश से हुई है. इसीलिए इसका असाधारण महत्व है. साईंबाबा संस्थान इस त्यौहार को एक बड़े त्यौहार की तरह मनाता है. हर साल, श्री राम नवमी उत्सव के अवसर पर देश भर से हजारों तीर्थयात्री लगभग 250 से 300 जुलूसों में शिरडी पहुंचते हैं. साईं बाबा संस्थान द्वारा आयोजित तीन त्योहारों, श्री रामनवमी, गुरुपूर्णिमा और पुण्यतिथि के अलावा, साईं भक्त पूरे वर्ष साईं बाबा की मूर्ति के दर्शन करते हैं.

साल भर में 500 पालकी शिरडी पहुंचती हैं: पहली पालकी 'साईसेवक मंडल' की है, जो 1981 में साईं भक्त बाबासाहेब शिंदे के मार्गदर्शन में शुरू हुई थी और 43 भक्तों के साथ मुंबई के सैनिकेतन दादर से शुरू हुई थी. रामनवमी उत्सव के लिए हर साल मुंबई और उसके उपनगरों से लगभग 100 से 150 पलाख शिरडी आते हैं और पूरे वर्ष लगभग 500 पलाख शिरडी आते हैं.

इसके अलावा, साईंबाबा पालकी सोहाला समिति पुणे पिछले 35 वर्षों से हर गुरु पूर्णिमा उत्सव पर शिरडी में इस पालकी का आयोजन करती आ रही है. महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश से बड़ी संख्या में पालाख (पालकी) साल भर शिरडी आते हैं. इस प्रकार, उत्सव का आकर्षण वे पैदल यात्री हैं जो पिछले कुछ वर्षों से साईं की बारात निकालते आ रहे हैं.

संस्थान की तदर्थ समिति की अध्यक्षता मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधाकर यरलागड्डा ने की. समिति के सदस्य और जिला कलेक्टर सिद्धराम सलीमथ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर और उप प्रमुख कार्यकारी अधिकारी तुकाराम हुलवाले के मार्गदर्शन में संस्थान के सभी सदस्य प्रशासनिक अधिकारी, रक्षा अधिकारी, विभागाध्यक्ष और सभी कर्मचारी तैयारियों में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें

शिरडी: साईं संस्थान ने शिरडी के साईं बाबा मंदिर में तीन दिवसीय श्रीराम नवमी उत्सव की तैयारी की है. साईं बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने कहा, उत्सव के मुख्य दिन, 17 अप्रैल को साईं बाबा का मंदिर पूरी रात भक्तों के लिए खुला रखा जाएगा.

शिरडी साईंबाबा संस्थान 16 से 18 अप्रैल तीन दिनों तक श्री राम नवमी उत्सव मनाने जा रहा है. इस साल 113वां श्री राम नवमी उत्सव है और इस दौरान तीन दिन लाखों भक्त साईं बाबा के दर्शन के लिए आएंगे.

इस महोत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आएंगे. वहीं, साईं बाबा संस्थान ने भक्तों के लिए आवास, भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था की है क्योंकि श्री रामनवमी उत्सव के लिए महाराष्ट्र के कनाको से काफी लंबा जुलूस शिरडी में प्रवेश करेगा. साईबाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने यह घोषणा की.

शिरडी साईंबाबा संस्थान हर साल श्री राम नवमी उत्सव मनाता है. यह तीन प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार तीन दिनों तक मनाया जाता है. माना जाता है कि इस त्यौहार की परंपरा सदियों पुरानी है और इसकी शुरुआत स्वयं साईं बाबा के आदेश से हुई है. इसीलिए इसका असाधारण महत्व है. साईंबाबा संस्थान इस त्यौहार को एक बड़े त्यौहार की तरह मनाता है. हर साल, श्री राम नवमी उत्सव के अवसर पर देश भर से हजारों तीर्थयात्री लगभग 250 से 300 जुलूसों में शिरडी पहुंचते हैं. साईं बाबा संस्थान द्वारा आयोजित तीन त्योहारों, श्री रामनवमी, गुरुपूर्णिमा और पुण्यतिथि के अलावा, साईं भक्त पूरे वर्ष साईं बाबा की मूर्ति के दर्शन करते हैं.

साल भर में 500 पालकी शिरडी पहुंचती हैं: पहली पालकी 'साईसेवक मंडल' की है, जो 1981 में साईं भक्त बाबासाहेब शिंदे के मार्गदर्शन में शुरू हुई थी और 43 भक्तों के साथ मुंबई के सैनिकेतन दादर से शुरू हुई थी. रामनवमी उत्सव के लिए हर साल मुंबई और उसके उपनगरों से लगभग 100 से 150 पलाख शिरडी आते हैं और पूरे वर्ष लगभग 500 पलाख शिरडी आते हैं.

इसके अलावा, साईंबाबा पालकी सोहाला समिति पुणे पिछले 35 वर्षों से हर गुरु पूर्णिमा उत्सव पर शिरडी में इस पालकी का आयोजन करती आ रही है. महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश से बड़ी संख्या में पालाख (पालकी) साल भर शिरडी आते हैं. इस प्रकार, उत्सव का आकर्षण वे पैदल यात्री हैं जो पिछले कुछ वर्षों से साईं की बारात निकालते आ रहे हैं.

संस्थान की तदर्थ समिति की अध्यक्षता मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधाकर यरलागड्डा ने की. समिति के सदस्य और जिला कलेक्टर सिद्धराम सलीमथ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर और उप प्रमुख कार्यकारी अधिकारी तुकाराम हुलवाले के मार्गदर्शन में संस्थान के सभी सदस्य प्रशासनिक अधिकारी, रक्षा अधिकारी, विभागाध्यक्ष और सभी कर्मचारी तैयारियों में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.