देहरादून: उत्तराखंड राज्य में स्थित फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं. दरअसल, देश भर में फार्मा कंपनियों की ओर से बनाई जा रही दवाइयों की गुणवत्ता और मानकों को लेकर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन लगातार जांच कर रहा है.
इसी क्रम में मई महीने में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने तमाम फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल लिए थे. दवाओं के सैंपल की जांच के बाद मानक नियंत्रण संगठन ने रिपोर्ट जारी कर दी है. जारी रिपोर्ट के अनुसार देश भर में निर्मित 39 दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी है. इसके चलते दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है.
उत्तराखंड राज्य की बात करें तो पिछले 3 महीने से हर महीने उत्तराखंड राज्य में बने दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं. मार्च महीने में उत्तराखंड में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. इसी तरह अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे. अब मई महीने में उत्तराखंड में निर्मित 7 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. यानी पिछले 3 महीने में 30 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, जो उत्तराखंड में स्थित फार्मा कंपनियों में बनाए गए हैं. जिन फार्मा कंपनियों की दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, वो फार्मा कंपनियां रुड़की, हरिद्वार और देहरादून में स्थित हैं.
देखें- केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की ओर से जारी रिपोर्ट
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, रुड़की स्थित कंपनी की लक्जुलोज सॉल्यूशन और ओफ्लाक्सासिन ओरेंटाजोले टेबलेट, हरिद्वार स्थित कंपनी की एमाक्सीसिलिन एंड पोटैशियम क्लेवुलेनेट, हरिद्वार स्थित एक लैब्स एंड फार्मा की मेट्रोनिडाजोल एक्सटेंडेड रिलीज, देहरादून स्थित कंपनी की एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन, हरिद्वार स्थित एक हेल्थकेयर की फ्लूकोनाजोले टैबलेट, हरिद्वार स्थित लैबोरेटरी की कैल्शियम- विटामिन डी टैबलेट के सैंपल फेल हुए हैं.
ये भी पढ़ें:
- उत्तराखंड के अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों की होगी जांच, एफडीए ने गठित की टीमें
- उत्तराखंड की 9 फार्मा कंपनियों की 11 दवाइयों के सैंपल फेल, उत्पाद लाइसेंस निलंबित
- उत्तराखंड की 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल, ड्रग्स कंट्रोलर ने उत्पाद लाइसेंस किए निरस्त
- पतंजलि के सोन पापड़ी का सैंपल फेल, कर्मचारी समेत तीन लोगों को हुई जेल
- सरसों तेल का सैंपल फेल होने पर विक्रेता और कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जांच में मानकों पर नहीं उतरा खरा