बेमेतरा: बेमेतरा जिला के साजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बेलगांव में 17 बंदरों की हत्या कर दी गई है.बताया जा रहा है कि खेत की रखवाली करने वाले ने बंदरों को एयरगन से शूट किया है. मामला सामने आने के बाद साजा तहसीलदार और वन विभाग की टीम ने बेलगांव जाकर शव का पंचनामा किया. घटना की गंभीरता को देखते हुए वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. वन विभाग केस की जांच कर रही है.
शिकारी के फायरिंग से हुई बंदरों की मौत: बेलगांव के वार्ड क्रमांक 05 के पंच सीताराम वर्मा ने बताया कि जब वे अपने खेत से घर आ रहे थे. तभी बंदूकधारी 02 लोग बंदरों पर निशाना साध रहे थे . पूछताछ करने पर बंदूकधारियों ने उन्हें बताया कि गांव में खेतों के फसल की रक्षा करने के लिए ग्रामीणों ने रखवार नियुक्त किया है.सीताराम वर्मा ने बताया कि गांव में बैठक कर 1-1 किलो चावल देने के बदले खेतों में फसलों की रक्षा के लिए रखवार नियुक्त किए गए हैं.
'' घटना के संबंध में बेमेतरा वन विभाग को सूचना दी गई थी. 2 लोग आए थे जो सरपंच के घर बैठकर बिना कार्रवाई के चले गए. लगातार फायरिंग से अब तक 17 बंदरों की मौत हुई है. 5 से 10 बंदरों के शव पड़े हुए है. गांव में बंदरों की मौत से बदबू है. बाहर नहाने में भी परेशानी हो रही है.''- सीताराम वर्मा,पंच
घटना की सूचना के बाद वनमंडलाधिकारी दुर्ग चंद्रशेखर शंकरसिंह परदेशी ने जांच के लिए वनविभाग के अफसरों को निर्देशित किया है.बंदरों की मौत के मामले को लेकर वन परिक्षेत्र साजा के डिप्टी रेंजर श्रवन कुमार मंडावी एवं वन रक्षक गजेंद्र सिंह राजपूत को बेलगांव जाकर मामले में जांच में जुटे हैं.
''गांव से अब तक चार बंदरों के सड़े हुए शव बरामद किए गए हैं. 18-19 बंदरों की मौत की जानकारी का आकलन करने के लिए इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है. शवों का पोस्टमार्टम संभव नहीं था. क्योंकि वे पूरी तरह से सड़ चुके थे. केवल कंकाल बचे हैं. नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं और आगे की जांच चल रही है. बंदरों की मौत की परिस्थितियों और समय के बारे में पुष्टि का इंतजार है.''- चंद्रशेखर शंकरसिंह परदेशी, वनमंडलाधिकारी दुर्ग
वहीं एसडीएम टेकराम महेश्वरी ने बताया कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने पर तहसीलदार को मौके में भेजा था. वन विभाग की टीम भी मौके पर गई थी.खेत में बंदरों के शव के अवशेष मिले हैं. बेलगांव में बंदरों की मौत के कारण की जांच की जा रही है. घटना के संबंध में कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और दोषियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
डीएफओ और वन, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जानकारी लेने के लिए रविवार को बेलगांव गांव का दौरा किया. नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य गांव के प्रतिनिधि ने दावा किया कि जब मजदूरों ने बंदरों के खिलाफ बंदूकों का इस्तेमाल किया तो ग्रामीण हैरान रह गए. अतीत में बंदरों के आतंक से निपटने के लिए काम करने वाले मजदूर उन्हें डराने के लिए बांस की छड़ियों का इस्तेमाल करते थे.