ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मुठभेड़ में आतंकियों के मारे जाने से लश्कर को बड़ा झटका: सेना - SECURITY FORCES

जम्मू-कश्मीर में सेना ने कहा कि अनंतनाग मुठभेड़ में आतंकियों के मारे जाने लश्कर-ए-तैयबा और पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट को बड़ा झटका लगा है.

security forces
जम्मू-कश्मीर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते सेना के अधिकारी (ETV Bharat Urdu Desk)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2024, 11:24 AM IST

काजीगुंड: अनंतनाग जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में दो आतंकवादियों के मारे जाने पर सेना ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) को बड़ा झटका लगा है. सेना के आरआर सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध चौहान ने कहा आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों के लारू में पहुंचने की पक्की सूचना के बाद ऑपरेशन हलकान गली चलाया गया. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक कठिन इलाके में एक सफल संयुक्त अभियान चलाया. इस दौरान दोनों आतंकी मारे गए. आतंकवादियों के पास से भारी गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए. दोनों आतंकवादियों की पहचान हसनपोरा बिजबेहरा के जाहिद अहमद रेशी और कुलगाम के कैमोह के अरबाज अहमद मीर के रूप में हुई.

इन दोनों ने पहले अक्टूबर 2023 में कुलगाम में एक भारतीय सेना के शिविर पर हमला किया था और कई गैर-स्थानीय लोगों की हत्या में शामिल थे. अनिरुद्ध चौहान ने कहा कि 8 अक्टूबर को मारे गए आतंकवादियों में से एक अरबाज मीर ने राइफल मैन हिलाल अहमद की हत्या कर दी थी और वह दूसरे के साथ कुलगाम भाग गया था.

सेना अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से एक अमेरिकी निर्मित एम-4 राइफल और एक एके राइफल के अलावा अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. उन्होंने कहा, 'अरबाज नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ चला गया था. और वह पिछले साल वापस लौटा था. दक्षिण कश्मीर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जावेद अहमद मट्टू ने कहा 'दोनों आतंकवादी गैर-स्थानीय मजदूरों पर हमलों सहित कई हमलों में शामिल थे.

जाहिद राशिद इस साल अप्रैल में गैर-स्थानीय लोगों की हत्या में शामिल था और फिर वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया. अरबाज 2018 से लापता था. ये दोनों आतंकवादी कई अपराधों में शामिल थे. यह पूछे जाने पर कि क्या कोई तीसरा आतंकवादी भी है, उन्होंने कहा कि केवल दो के बारे में इनपुट था और दोनों मारे गए.

यह भी पूछे जाने पर कि कश्मीर में मुठभेड़ों और हमलों में हाल ही में क्यों वृद्धि देखी जा रही है, डीआईजी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादियों को गंभीर झटका लगा है और अब वे अपनी उपस्थिति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनका पीछा कर रहे हैं और बचे हुए आतंकियों को भी खत्म कर देंगे.

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर: श्रीनगर में सुरक्षाबलों से मुठभेड़, लश्कर का आतंकी ढेर, दो पुलिसकर्मी और दो जवान घायल

काजीगुंड: अनंतनाग जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में दो आतंकवादियों के मारे जाने पर सेना ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) को बड़ा झटका लगा है. सेना के आरआर सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध चौहान ने कहा आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों के लारू में पहुंचने की पक्की सूचना के बाद ऑपरेशन हलकान गली चलाया गया. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक कठिन इलाके में एक सफल संयुक्त अभियान चलाया. इस दौरान दोनों आतंकी मारे गए. आतंकवादियों के पास से भारी गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए. दोनों आतंकवादियों की पहचान हसनपोरा बिजबेहरा के जाहिद अहमद रेशी और कुलगाम के कैमोह के अरबाज अहमद मीर के रूप में हुई.

इन दोनों ने पहले अक्टूबर 2023 में कुलगाम में एक भारतीय सेना के शिविर पर हमला किया था और कई गैर-स्थानीय लोगों की हत्या में शामिल थे. अनिरुद्ध चौहान ने कहा कि 8 अक्टूबर को मारे गए आतंकवादियों में से एक अरबाज मीर ने राइफल मैन हिलाल अहमद की हत्या कर दी थी और वह दूसरे के साथ कुलगाम भाग गया था.

सेना अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से एक अमेरिकी निर्मित एम-4 राइफल और एक एके राइफल के अलावा अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. उन्होंने कहा, 'अरबाज नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ चला गया था. और वह पिछले साल वापस लौटा था. दक्षिण कश्मीर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जावेद अहमद मट्टू ने कहा 'दोनों आतंकवादी गैर-स्थानीय मजदूरों पर हमलों सहित कई हमलों में शामिल थे.

जाहिद राशिद इस साल अप्रैल में गैर-स्थानीय लोगों की हत्या में शामिल था और फिर वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया. अरबाज 2018 से लापता था. ये दोनों आतंकवादी कई अपराधों में शामिल थे. यह पूछे जाने पर कि क्या कोई तीसरा आतंकवादी भी है, उन्होंने कहा कि केवल दो के बारे में इनपुट था और दोनों मारे गए.

यह भी पूछे जाने पर कि कश्मीर में मुठभेड़ों और हमलों में हाल ही में क्यों वृद्धि देखी जा रही है, डीआईजी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादियों को गंभीर झटका लगा है और अब वे अपनी उपस्थिति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनका पीछा कर रहे हैं और बचे हुए आतंकियों को भी खत्म कर देंगे.

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर: श्रीनगर में सुरक्षाबलों से मुठभेड़, लश्कर का आतंकी ढेर, दो पुलिसकर्मी और दो जवान घायल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.