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'परीक्षा रद्द करने से लाखों ईमानदार...', NEET-UG 2024 पर सुप्रीम कोर्ट से बोला केंद्र - Supreme Court

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By Sumit Saxena

Published : Jul 5, 2024, 5:52 PM IST

NEET-UG 2024:सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि नीट यूजी परीक्षा के रद्द होने से लाखों ईमानदार परीक्षार्थियों को दिक्कत होगी.

Pradhan
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (ANI)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अखिल भारतीय मेडिकल परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी सबूत के अभाव में पूरी NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा, क्योंकि परीक्षा के परिणाम पहले ही घोषित किए जा चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है. पैन-इंडिया परीक्षा में गोपनीयता के किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन के सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा को रद्द करना तर्क संगत नही होगा, वह भी तब जब परीक्षा का रिज्लट घोषित किया जा चुका है."

छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाए
हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी परीक्षा में कॉम्पेटिंग राइट्स बनाए गए हैं. इसके चलते बड़ी संख्या में उन छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने किसी भी कथित अनुचित साधन को अपनाए बिना परीक्षा दी है. केंद्र ने कहा कि वह उन लाखों छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने निष्पक्ष रूप से प्रश्नपत्र हल किया है. हलफनामे में कहा गया है, "परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में प्रश्नपत्र हल करने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को नुकसान होगा."

उच्च स्तरीय समिति गठित

केंद्र सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षाओं के पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन के लिए प्रभावी उपाय सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. सरकार ने कहा कि समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी. समिति का नेतृत्व इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन कर रहे हैं और यह दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.

हलफनामे में कहा गया है कि समिति ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और पहले ही चार बैठकें हो चुकी हैं और हितधारकों, खासकर छात्रों, के साथ परामर्श भी शुरू कर दिया है. इसके अलावा 7 जुलाई तक ऑनलाइन सुझाव और विचार भी मांगे गए हैं.

8 जुलाई को मुख्य जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ 26 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. कई याचिकाकर्ताओं ने मेडिकल परीक्षा में कथित विसंगतियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

कब हुई थी परीक्षा
बता दें NEET-UG परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित कोर्स में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है. इस साल NEET-UG, 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था और इसमें लगभग 2.4 मिलियन उम्मीदवार शामिल हुए थे.

आंसर शीट के मूल्यांकन का काम जल्दी पूरा होने के कारण परिणाम 4 जून को घोषित किए गए. इस बीच पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच वाद-विवाद हुआ.

यह भी पढ़ें- NEET PG 2024 एग्जाम की नई तारीखों का ऐलान, पिछले महीने हुई थी स्थगित

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अखिल भारतीय मेडिकल परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी सबूत के अभाव में पूरी NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा, क्योंकि परीक्षा के परिणाम पहले ही घोषित किए जा चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है. पैन-इंडिया परीक्षा में गोपनीयता के किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन के सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा को रद्द करना तर्क संगत नही होगा, वह भी तब जब परीक्षा का रिज्लट घोषित किया जा चुका है."

छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाए
हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी परीक्षा में कॉम्पेटिंग राइट्स बनाए गए हैं. इसके चलते बड़ी संख्या में उन छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने किसी भी कथित अनुचित साधन को अपनाए बिना परीक्षा दी है. केंद्र ने कहा कि वह उन लाखों छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने निष्पक्ष रूप से प्रश्नपत्र हल किया है. हलफनामे में कहा गया है, "परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में प्रश्नपत्र हल करने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को नुकसान होगा."

उच्च स्तरीय समिति गठित

केंद्र सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षाओं के पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन के लिए प्रभावी उपाय सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. सरकार ने कहा कि समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी. समिति का नेतृत्व इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन कर रहे हैं और यह दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.

हलफनामे में कहा गया है कि समिति ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और पहले ही चार बैठकें हो चुकी हैं और हितधारकों, खासकर छात्रों, के साथ परामर्श भी शुरू कर दिया है. इसके अलावा 7 जुलाई तक ऑनलाइन सुझाव और विचार भी मांगे गए हैं.

8 जुलाई को मुख्य जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ 26 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. कई याचिकाकर्ताओं ने मेडिकल परीक्षा में कथित विसंगतियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

कब हुई थी परीक्षा
बता दें NEET-UG परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित कोर्स में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है. इस साल NEET-UG, 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था और इसमें लगभग 2.4 मिलियन उम्मीदवार शामिल हुए थे.

आंसर शीट के मूल्यांकन का काम जल्दी पूरा होने के कारण परिणाम 4 जून को घोषित किए गए. इस बीच पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच वाद-विवाद हुआ.

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