जमुई : बिहार में शिक्षा व्यवस्था का हाल क्या है, ये जमुई जिले की स्थिति को देखकर समझा जा सकता है. ताजा मामला जमुई जिले के खैरा प्रखंड के सुदूर बरदौन गांव का है. जहां हेडमास्टर साहिबा ने ऐसा कुछ कर दिया जिसे देख और सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जहां स्कूल भवन के कमरे में बच्चों की पढ़ाई होनी चाहिए लेकिन यहां स्कूल की हेड मास्टर ने कमरे में अपना आशियाना बना रखा है. यहां तीन कमरे के स्कूल स्कूल में 134 बच्चों का नामांकन है. उसी में क्लास चल रही. सोचिए बच्चे कैसे पढ़ रहे होंगे.
जमुई में क्लास को बनाया बेडरूम : दरअसल, यह पूरा मामला बिहार के जमुई जिला के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन का है. जहां से यह तस्वीर सामने आई है. विद्यालय में प्रधानाध्यापक (प्रिंसिपल) के पद पर कार्यरत शिक्षिका शीला हेंब्रम ने विद्यालय के उस कमरे में जहां कार्यालय होना चाहिए था, उसे अपना घर बना लिया है. कमरे में ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं लगाई गई है.
क्लास में ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं : बरदौन के उत्क्रिम मध्य विद्यालय के इस क्लास रूम में जहां ब्लैक बोर्ड. डस्टर, चॉक, किताब और पेंसिल होना चाहिए, वहां बिस्तर सजा है, बेड पर कंबल और तकिया करीने से रखा गया है. दूसरी तरफ आलमीरा, स्टोव, फ्रिज रखा हुआ है. एक तरफ कोने में टीवी भी रखा है. तस्वीरें बताती है कि किस तरह से स्कूल कि प्रिंसिपल ने अपने कार्यालय को बेडरूम में बदल दिया है. इस कमरे में शिक्षिका शीला हेंब्रम अपने पति के साथ रहती हैं.
3 क्लास रूम में 134 बच्चे : जानकारी के अनुसार उक्त उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल में 134 बच्चों का नामांकन है. प्रत्येक दिन 50 से 60 बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई के लिए आते हैं. इस विद्यालय में तीन कमरे है पहले कमरे में कक्षा एक से कक्षा तीन, दूसरे कमरे में कक्षा चार से कक्षा पांच तक और तीसरे कमरे में कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक की पढ़ाई होती है. प्रिसिंपल से जब यह सवाल पूछा गया कि क्लास रूम को घर को बनाया तो उन्होंने कहा, नया घर बन रहा है, जल्द उसमें शिफ्ट हो जाएंगे.
"पहले में जमुई से ही स्कूल आना-जाना करती थी. अभी स्कूल के बगल में ही उनका घर बन रहा है.उनके पास कोई जगह नहीं थी तो उन्होंने स्कूल के कमरे का इस्तेमाल कर लिया. ताकि स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ बन रहे अपने घर की देखरेख भी हो सके. जैसे ही मेरा अपना घर बन कर तैयार हो जाता तो वहां शिफ्ट हो जाऊंगी."- शीला हेंब्रम, विद्यालय प्रधान
''कुछ ग्रामीणों के द्वारा मामले का वीडियो मिला था, हम खुद डीईओ के साथ जांच के लिए यहां पहुंचे है, लेकिन शायद उनलोगों को जांच होगी ऐसी जानकारी मिल गई थी. सामान हटा दिया गया है. स्कूल में मात्र तीन कमरे हैं और 134 बच्चों का नामांकन है. एक रूम में खुद शिक्षिका रह रही हैं. बच्चों को तो दिक्कत होता ही होगा इसपर हम एक्शन लेंगे." - राकेश कुमार, डीएम, जमुई
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