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दिल्ली शराब घोटाला : सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को करेगा सुनवाई - Delhi liquor policy case

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By Sumit Saxena

Published : Apr 13, 2024, 3:46 PM IST

SC to hear Kejriwals plea : एक्साइज पॉलिसी स्कैम से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. शीर्ष कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

SC to hear Kejriwals plea
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने कथित एक्साइज पॉलिसी स्कैम के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

शीर्ष अदालत पर अपलोड की गई वाद सूची से संकेत मिलता है कि केजरीवाल की याचिका 15 अप्रैल को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है. केजरीवाल ने 9 अप्रैल को पारित उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. केजरीवाल की याचिका में उनकी गिरफ्तारी के समय पर जोर दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि आम चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के कुछ ही दिनों बाद गिरफ्तारी की गई.

केजरीवाल की याचिका में तर्क दिया गया है कि उनकी गिरफ्तारी से सत्तारूढ़ दल को आगामी चुनावों में अनुचित लाभ मिला, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत के विपरीत है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी से केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को आगामी चुनावों में अन्यायपूर्ण बढ़त मिलेगी.

मामले में शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए याचिका में तर्क दिया गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' और 'संघवाद' पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर एक अभूतपूर्व हमला है. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि ये दोनों संविधान की मूल संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं.

याचिका में तर्क दिया गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद भाजपा का आचरण दर्शाता है कि राजनीतिक विपक्ष को खत्म करने के 'परोक्ष उद्देश्य' के लिए किस तरह से कानून की मशीनरी का उपयोग किया गया है.

'शक्तियों का दुरुपयोग किया' : याचिका में कहा गया है कि ये इस बात का उत्कृष्ट मामला है कि कैसे सत्तारूढ़ दल के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कुचलने के लिए पीएमएलए के तहत केंद्रीय एजेंसी और इसकी व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया है. याचिका में आगामी लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा गया है कि जब राजनीतिक गतिविधि अपने चरम पर है, तो याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी से याचिकाकर्ता के राजनीतिक दल पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास 'थोड़ा विकल्प' बचा था.

हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता की ईडी द्वारा गिरफ्तारी और उसके बाद संघीय एजेंसी की हिरासत में रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है.

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने कथित एक्साइज पॉलिसी स्कैम के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

शीर्ष अदालत पर अपलोड की गई वाद सूची से संकेत मिलता है कि केजरीवाल की याचिका 15 अप्रैल को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है. केजरीवाल ने 9 अप्रैल को पारित उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. केजरीवाल की याचिका में उनकी गिरफ्तारी के समय पर जोर दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि आम चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के कुछ ही दिनों बाद गिरफ्तारी की गई.

केजरीवाल की याचिका में तर्क दिया गया है कि उनकी गिरफ्तारी से सत्तारूढ़ दल को आगामी चुनावों में अनुचित लाभ मिला, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत के विपरीत है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी से केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को आगामी चुनावों में अन्यायपूर्ण बढ़त मिलेगी.

मामले में शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए याचिका में तर्क दिया गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' और 'संघवाद' पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर एक अभूतपूर्व हमला है. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि ये दोनों संविधान की मूल संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं.

याचिका में तर्क दिया गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद भाजपा का आचरण दर्शाता है कि राजनीतिक विपक्ष को खत्म करने के 'परोक्ष उद्देश्य' के लिए किस तरह से कानून की मशीनरी का उपयोग किया गया है.

'शक्तियों का दुरुपयोग किया' : याचिका में कहा गया है कि ये इस बात का उत्कृष्ट मामला है कि कैसे सत्तारूढ़ दल के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कुचलने के लिए पीएमएलए के तहत केंद्रीय एजेंसी और इसकी व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया है. याचिका में आगामी लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा गया है कि जब राजनीतिक गतिविधि अपने चरम पर है, तो याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी से याचिकाकर्ता के राजनीतिक दल पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास 'थोड़ा विकल्प' बचा था.

हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता की ईडी द्वारा गिरफ्तारी और उसके बाद संघीय एजेंसी की हिरासत में रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है.

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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