ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट का CEC और EC की नियुक्ति पर नए कानून पर रोक लगाने से इनकार - New law of CEC and ECs

new law on appointment of CEC and ECs: एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह कानून शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के उस फैसले के विपरीत है, जिसने निर्देश दिया था कि सीजेआई उस समिति का हिस्सा होंगे, जो सीईसी और ईसी की नियुक्ति करेगा.

SC declines to stay new law on appointment of CEC and ECs
CEC और EC की नियुक्ति का नया कानून
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2024, 4:51 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से संबंधित नये कानून के अमल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. नये कानून में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति ऐसी समिति द्वारा किये जाने का प्रावधान है, जिसमें प्रधान न्यायाधीश शामिल नहीं होंगे.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एक गैर-सरकारी संगठन 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की ओर से दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और इस याचिका को इसी विषय पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ अप्रैल में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है.

एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह कानून शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के उस फैसले के विपरीत है, जिसने निर्देश दिया था कि सीजेआई उस समिति का हिस्सा होंगे, जो सीईसी और ईसी की नियुक्ति करेगा. उन्होंने कहा कि दो चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होने वाले हैं और यदि कानून के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाई गई, तो याचिका निरर्थक हो जाएगी.

जब भूषण ने कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने पर जोर दिया, तो पीठ ने कहा, 'माफ करें, हम आपको इस मामले में अंतरिम राहत नहीं दे सकते. संवैधानिक वैधता का मामला कभी भी निरर्थक नहीं होता. हम अंतरिम राहत देने के अपने मानकों को जानते हैं.'

नये कानून में कहा गया है, 'मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री इसके सदस्य होंगे.

पढ़ें: क्या तलाकशुदा मुस्लिम महिला CrPC के तहत मांग सकती है गुजारा भत्ता, SC करेगा विचार

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से संबंधित नये कानून के अमल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. नये कानून में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति ऐसी समिति द्वारा किये जाने का प्रावधान है, जिसमें प्रधान न्यायाधीश शामिल नहीं होंगे.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एक गैर-सरकारी संगठन 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की ओर से दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और इस याचिका को इसी विषय पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ अप्रैल में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है.

एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह कानून शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के उस फैसले के विपरीत है, जिसने निर्देश दिया था कि सीजेआई उस समिति का हिस्सा होंगे, जो सीईसी और ईसी की नियुक्ति करेगा. उन्होंने कहा कि दो चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होने वाले हैं और यदि कानून के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाई गई, तो याचिका निरर्थक हो जाएगी.

जब भूषण ने कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने पर जोर दिया, तो पीठ ने कहा, 'माफ करें, हम आपको इस मामले में अंतरिम राहत नहीं दे सकते. संवैधानिक वैधता का मामला कभी भी निरर्थक नहीं होता. हम अंतरिम राहत देने के अपने मानकों को जानते हैं.'

नये कानून में कहा गया है, 'मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री इसके सदस्य होंगे.

पढ़ें: क्या तलाकशुदा मुस्लिम महिला CrPC के तहत मांग सकती है गुजारा भत्ता, SC करेगा विचार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.