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एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को सौंपा

SBI submits data to EC on electoral bonds : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने मंगलवार को इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधित डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया. चुनाव आयोग 15 मार्च को इसे सार्वजनिक करेगा.

electoral bonds
इलेक्टोरल बॉन्ड
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By IANS

Published : Mar 12, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 7:42 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किए गए योगदान का डेटा भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंप दिया. चुनाव आयोग अब अदालत के आदेश के अनुसार शुक्रवार शाम 5 बजे इसे जारी करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डेटा जमा करने की 6 मार्च की डेडलाइन बढ़ाने की एसबीआई की याचिका खारिज कर दी थी. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश न मानने को लेकर बैंक की कड़ी आलोचना की और कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

एसबीआई ने दावा किया था कि डेटा को इकट्ठा करने, क्रॉस-चेक करने और जारी करने में काफी समय लगेगा, जिसे गोपनीयता बनाए रखने के लिए दो साइलो में संग्रहीत किया गया है. 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया था और एसबीआई को तुरंत बॉन्ड ईशू करने से रोकने का आदेश दिया.

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. उनका कहना था कि इस बॉन्ड के जरिए सत्ताधारी दल भाजपा को फायदा मिल रहा है, जबकि अन्य पार्टियों को नुकसान होता है. उनका ये भी कहना था कि इसके जरिए क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा मिल रहा है. इन पार्टियों का कहना था कि जिन्होंने भी चंदा दिया, बहुत संभव है कि उन कंपनियों को सरकार ने फायदा पहुंचाया होगा.

ये भी पढ़ें : चुनावी बॉन्ड मामला : एसबीआई को बड़ा झटका, चुनावी चंदे की पूरी जानकारी कल तक देने के आदेश

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किए गए योगदान का डेटा भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंप दिया. चुनाव आयोग अब अदालत के आदेश के अनुसार शुक्रवार शाम 5 बजे इसे जारी करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डेटा जमा करने की 6 मार्च की डेडलाइन बढ़ाने की एसबीआई की याचिका खारिज कर दी थी. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश न मानने को लेकर बैंक की कड़ी आलोचना की और कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

एसबीआई ने दावा किया था कि डेटा को इकट्ठा करने, क्रॉस-चेक करने और जारी करने में काफी समय लगेगा, जिसे गोपनीयता बनाए रखने के लिए दो साइलो में संग्रहीत किया गया है. 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया था और एसबीआई को तुरंत बॉन्ड ईशू करने से रोकने का आदेश दिया.

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. उनका कहना था कि इस बॉन्ड के जरिए सत्ताधारी दल भाजपा को फायदा मिल रहा है, जबकि अन्य पार्टियों को नुकसान होता है. उनका ये भी कहना था कि इसके जरिए क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा मिल रहा है. इन पार्टियों का कहना था कि जिन्होंने भी चंदा दिया, बहुत संभव है कि उन कंपनियों को सरकार ने फायदा पहुंचाया होगा.

ये भी पढ़ें : चुनावी बॉन्ड मामला : एसबीआई को बड़ा झटका, चुनावी चंदे की पूरी जानकारी कल तक देने के आदेश

Last Updated : Mar 12, 2024, 7:42 PM IST
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