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सावन कब से शुरू हो रहा है, सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि, श्रावण मास का महत्व जानें - Shravan Maas 2024 Date

Sawan Somwar Vrat Date हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र माना गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आप भोलेनाथ को थोड़ी सी भक्ति से ही प्रसन्न कर सकते हैं.इस बार सावन का महीना बेहद खास भी होने वाला है.क्योंकि सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है.लिहाजा भक्तों को पूरे पांच सोमवार भोलेनाथ की कृपा पाने का मौका मिलेगा.Shravan Significance Puja Vidhi

Shravan Significance Puja Vidhi
सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 3, 2024, 3:39 PM IST

रायपुर : भगवान भोलेनाथ सृष्टि के संहारक माने गए हैं.ऐसा कहा जाता है कि देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ भक्ति और श्रद्धा ही काफी होती है.हर साल हमारे देश में श्रावण का पवित्र मास आता है.जिसमें भक्त बारिश की फुहारों के बीच भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं.सावन में अमरनाथ से लेकर बैद्यनाथ धाम तक भक्त यात्राएं करते हैं. लेकिन साल 2024 का श्रावण मास काफी खास है.इस दौरान आप भी भोलेनाथ से मनोकामना मांग सकते हैं.आईए जानते हैं आखिर सावन के महीने में क्या है खास.

सावन कब से शुरू हो रहा है: साल 2024 में सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होगी.वहीं सावन का आखिरी समापन 19 अगस्त के दिन होगा.इस दौरान पूरे महीने में पांच सोमवार पड़ेंगे.

सावन में शुभ योगों का संयोग : इस बार सावन का महीना अद्भुत संयोग लेकर आ रहा है.क्योंकि सावन के महीने की शुरुआत सोमवार से शुरु होकर सोमवार को ही समाप्त होगी. साथ ही साथ सावन के महीने में सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग और प्रीति योग भी बन रहे हैं.



पांच सोमवार का होगा श्रावण मास : सावन मास में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवालयों में आराधना करते हैं. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी के मुताबिक उदया तिथि 22 जुलाई को पड़ रही है. ऐसे में सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. जबकि इसका समापन 19 अगस्त को होगा. इस दौरान सावन के महीने में पांच सोमवार आएंगे.

Sawan Somwar Vrat Date
सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन सोमवार की तिथियां

  • 22 जुलाई 2024: सावन का पहला सोमवार
  • 29 जुलाई 2024: सावन का दूसरा सोमवार
  • 5 अगस्त 2024: सावन का तीसरा सोमवार
  • 12 अगस्त 2024: सावन का चौथा सोमवार
  • 19 अगस्त 2024: सावन का पांचवां सोमवार

'' श्रवण नक्षत्र जब पूर्णिमा में पड़े तो श्रवण कहलाता है. इसका सीधा मतलब यही होता है कि सभी प्रकार के ताप, श्राप और पापों का निदान होता है. सावन का महीना भगवान शिव के लिए समर्पित माना गया है. भगवान शिव की आराधना पूजन पाठ के लिए जाना जाता है. लिंगाष्टक शिव तांडव पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय इस तरह के मंत्रो का जाप करने से सभी प्रकार के दुखों का निदान होता है. - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी,ज्योतिषाचार्य

सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन में कैसे करें शिव की पूजा : भगवान शिव को पंचामृत, दूध, दही, आंक के फूल समेत पूजा सामग्री से विधि विधान से पूजा करना चाहिए.इस दौरान शिव का जलाभिषेक करें. सावन के महीने में रुद्राभिषेक करें. ऐसा कहा जाता है कि जब से नीलकंठ ने हलाहल को धारण किया है, तब से भगवान भोलेनाथ को गर्मी खूब लगती है. ऐसे में भगवान शिव को ज्यादा से ज्यादा जलाभिषेक किया जाता है. इसी वजह से भगवान शिव ने अपना निवास स्थान कैलाश चुना.



सावन में जलाभिषेक का विशेष महत्व : सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करना काफी महत्व रखता है. सोमवार के दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में इकट्ठा होकर जलाभिषेक करते हैं. सावन के मास में पार्थिव पूजन, पारस पूजन, स्फटिक पूजन और नर्मदेश्वर का पूजन भी होता है. ये सभी भगवान शिव के स्वरूप है. कुछ लिंग स्वरूप हैं और कुछ वास्तविक देह स्वरूप में पूजन करते हैं.


शिव की पूजा से विशेष फल : सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने का विशेष फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही सावन के महीने में सोमवार के दिन का विशेष महत्व है. इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करता है, तो उसको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि सावन के माह में ही घोर तप के बाद पार्वती ने शिव को पाया था.इसलिए इस महीने शिव पूजा से जल्दी प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. राहु केतु के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है.

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रायपुर : भगवान भोलेनाथ सृष्टि के संहारक माने गए हैं.ऐसा कहा जाता है कि देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ भक्ति और श्रद्धा ही काफी होती है.हर साल हमारे देश में श्रावण का पवित्र मास आता है.जिसमें भक्त बारिश की फुहारों के बीच भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं.सावन में अमरनाथ से लेकर बैद्यनाथ धाम तक भक्त यात्राएं करते हैं. लेकिन साल 2024 का श्रावण मास काफी खास है.इस दौरान आप भी भोलेनाथ से मनोकामना मांग सकते हैं.आईए जानते हैं आखिर सावन के महीने में क्या है खास.

सावन कब से शुरू हो रहा है: साल 2024 में सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होगी.वहीं सावन का आखिरी समापन 19 अगस्त के दिन होगा.इस दौरान पूरे महीने में पांच सोमवार पड़ेंगे.

सावन में शुभ योगों का संयोग : इस बार सावन का महीना अद्भुत संयोग लेकर आ रहा है.क्योंकि सावन के महीने की शुरुआत सोमवार से शुरु होकर सोमवार को ही समाप्त होगी. साथ ही साथ सावन के महीने में सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग और प्रीति योग भी बन रहे हैं.



पांच सोमवार का होगा श्रावण मास : सावन मास में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवालयों में आराधना करते हैं. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी के मुताबिक उदया तिथि 22 जुलाई को पड़ रही है. ऐसे में सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. जबकि इसका समापन 19 अगस्त को होगा. इस दौरान सावन के महीने में पांच सोमवार आएंगे.

Sawan Somwar Vrat Date
सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन सोमवार की तिथियां

  • 22 जुलाई 2024: सावन का पहला सोमवार
  • 29 जुलाई 2024: सावन का दूसरा सोमवार
  • 5 अगस्त 2024: सावन का तीसरा सोमवार
  • 12 अगस्त 2024: सावन का चौथा सोमवार
  • 19 अगस्त 2024: सावन का पांचवां सोमवार

'' श्रवण नक्षत्र जब पूर्णिमा में पड़े तो श्रवण कहलाता है. इसका सीधा मतलब यही होता है कि सभी प्रकार के ताप, श्राप और पापों का निदान होता है. सावन का महीना भगवान शिव के लिए समर्पित माना गया है. भगवान शिव की आराधना पूजन पाठ के लिए जाना जाता है. लिंगाष्टक शिव तांडव पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय इस तरह के मंत्रो का जाप करने से सभी प्रकार के दुखों का निदान होता है. - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी,ज्योतिषाचार्य

सावन सोमवार तारीख और पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन में कैसे करें शिव की पूजा : भगवान शिव को पंचामृत, दूध, दही, आंक के फूल समेत पूजा सामग्री से विधि विधान से पूजा करना चाहिए.इस दौरान शिव का जलाभिषेक करें. सावन के महीने में रुद्राभिषेक करें. ऐसा कहा जाता है कि जब से नीलकंठ ने हलाहल को धारण किया है, तब से भगवान भोलेनाथ को गर्मी खूब लगती है. ऐसे में भगवान शिव को ज्यादा से ज्यादा जलाभिषेक किया जाता है. इसी वजह से भगवान शिव ने अपना निवास स्थान कैलाश चुना.



सावन में जलाभिषेक का विशेष महत्व : सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करना काफी महत्व रखता है. सोमवार के दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में इकट्ठा होकर जलाभिषेक करते हैं. सावन के मास में पार्थिव पूजन, पारस पूजन, स्फटिक पूजन और नर्मदेश्वर का पूजन भी होता है. ये सभी भगवान शिव के स्वरूप है. कुछ लिंग स्वरूप हैं और कुछ वास्तविक देह स्वरूप में पूजन करते हैं.


शिव की पूजा से विशेष फल : सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने का विशेष फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही सावन के महीने में सोमवार के दिन का विशेष महत्व है. इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करता है, तो उसको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि सावन के माह में ही घोर तप के बाद पार्वती ने शिव को पाया था.इसलिए इस महीने शिव पूजा से जल्दी प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. राहु केतु के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है.

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