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सर्व आदिवासी समाज ने फूंका सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल, फ्राइडे को जेल भरो आंदोलन - Sarva Adivasi Samaj - SARVA ADIVASI SAMAJ

सर्व आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है. 14 जून को सर्व आदिवासी समाज ने जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया है. संगठन की ओर से दावा किया गया है कि जेल भरो आंदोलन में हजारों लोग शामिल होंगे.

Sarva Adivasi Samaj
फ्राइडे को जेल भरो आंदोलन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 12, 2024, 5:55 PM IST

रायपुर: 14 जून के सर्व आदिवासी समाज मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में जेल भरो आंदोलन करने जा रही है. सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि सरकार आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है. आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के चलते आदिवासी अब छत्तीसगढ़ से पलायन करने का मूड बनाने लगे हैं. सर्व आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस चाहे किसी की भी सरकार हो आदिवासी हमेशा हाशिए पर रहते हैं. जेल भरो आंदोलन तय होने के पहले समाज के लोग पुलिस और प्रशासन से बातचीत करने को भी तैयार थे लेकिन बात नहीं बनी. आखिरकार सर्व आदिवासी समाज ने 14 जून को जेल भरो आंदोलन करने का फैसला किया है. सर्व आदिवासी समाज के मुताबिक मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के आदिवासियों के साथ ही प्रदेश भर के आदिवासी इस जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे. इस आंदोलन में लगभग 40 हजार आदिवासियों के पहुंचने का दावा संगठन की ओर से किया गया है.

फ्राइडे को जेल भरो आंदोलन (ETV Bharat)


''सरकार पलायन के लिए कर रही मजबूर'': सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने बताया कि "आदिवासी पुलिस और प्रशासन के द्वारा लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं. इससे ऐसा लगता है कि चाहे कोई भी सरकार हो बीजेपी या फिर कांग्रेस पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं. सरकार आदिवासियों के लिए कई योजनाएं बनाती है लेकिन धरातल तक नहीं पहुंच पाती. आदिवासियों के पास नहीं फैक्ट्री है ना उद्योग धंधे हैं और नहीं कारखाना. आदिवासी जंगल में रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं और उनकी कोई बड़ी इच्छा भी नहीं है. वर्तमान समय में विकास के नाम पर आदिवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. कभी नक्सलियों के नाम पर तो कभी किसी और कारण बताकर बस्तर क्षेत्र में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मार दिया जाता है. ग्रामीण आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल भेज दिया जाता है."


''वर्तमान में जेल भरो आंदोलन का यह कार्यक्रम मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले से जुड़ा हुआ है. यहां के निर्दोष आदिवासियों को टीआई और एसपी का हवाला देकर कभी दिन में कभी रात में थाने बुलाकर घंटे बैठाया जाता है. पुलिस के द्वारा आदिवासियों के घर जाकर उन्हें डराया जाता है धमकाया जाता है और बाद में नक्सली बताकर उन्हें अंदर कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं हो रही है. इससे ऐसा लगता है कि आदिवासियों का आदिवासी होना कलंक हो गया है. इसके साथ ही पुलिस गांव में नक्सलियों के नाम पर पहुंचकर गांव वालों को घर से बेघर करना जैसे काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से निर्दोष आदिवासी काफी पीड़ित और प्रताड़ित है.'' - बीएस रावटे, कार्यकारी अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज

सर्व आदिवासी समाज के आरोपों के पीछे क्या है वजह: मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले की पुलिस के द्वारा जो रवैया अपनाया जा रहा है उसको लेकर सरकार से बातचीत की पहल आदिवासियों ने की थी. सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में आदिवासी उग्र होकर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले 14 जून को प्रदेश स्तर पर जेल भरो आंदोलन करने जा रहे हैं. यह कार्यक्रम भले ही 14 जून हो रहा हो लेकिन पुलिस और प्रशासन के द्वारा तमाम जगहों पर अभी से बेरीकेडिंग की जा रही है और लोगों को रास्ते में रोका जा रहा है. सर्व आदिवासी समाज का साफ कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जेल भरो आंदोलन कर रहे हैं. अगर हमें रोका जाता है या हमारे साथ कुछ गलत होता है तो हम लोग उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसकी सारी जवाबदारी पुलिस और प्रशासन के साथ ही सरकार की होगी.

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रायपुर: 14 जून के सर्व आदिवासी समाज मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में जेल भरो आंदोलन करने जा रही है. सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि सरकार आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है. आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के चलते आदिवासी अब छत्तीसगढ़ से पलायन करने का मूड बनाने लगे हैं. सर्व आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस चाहे किसी की भी सरकार हो आदिवासी हमेशा हाशिए पर रहते हैं. जेल भरो आंदोलन तय होने के पहले समाज के लोग पुलिस और प्रशासन से बातचीत करने को भी तैयार थे लेकिन बात नहीं बनी. आखिरकार सर्व आदिवासी समाज ने 14 जून को जेल भरो आंदोलन करने का फैसला किया है. सर्व आदिवासी समाज के मुताबिक मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के आदिवासियों के साथ ही प्रदेश भर के आदिवासी इस जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे. इस आंदोलन में लगभग 40 हजार आदिवासियों के पहुंचने का दावा संगठन की ओर से किया गया है.

फ्राइडे को जेल भरो आंदोलन (ETV Bharat)


''सरकार पलायन के लिए कर रही मजबूर'': सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने बताया कि "आदिवासी पुलिस और प्रशासन के द्वारा लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं. इससे ऐसा लगता है कि चाहे कोई भी सरकार हो बीजेपी या फिर कांग्रेस पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं. सरकार आदिवासियों के लिए कई योजनाएं बनाती है लेकिन धरातल तक नहीं पहुंच पाती. आदिवासियों के पास नहीं फैक्ट्री है ना उद्योग धंधे हैं और नहीं कारखाना. आदिवासी जंगल में रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं और उनकी कोई बड़ी इच्छा भी नहीं है. वर्तमान समय में विकास के नाम पर आदिवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. कभी नक्सलियों के नाम पर तो कभी किसी और कारण बताकर बस्तर क्षेत्र में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मार दिया जाता है. ग्रामीण आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल भेज दिया जाता है."


''वर्तमान में जेल भरो आंदोलन का यह कार्यक्रम मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले से जुड़ा हुआ है. यहां के निर्दोष आदिवासियों को टीआई और एसपी का हवाला देकर कभी दिन में कभी रात में थाने बुलाकर घंटे बैठाया जाता है. पुलिस के द्वारा आदिवासियों के घर जाकर उन्हें डराया जाता है धमकाया जाता है और बाद में नक्सली बताकर उन्हें अंदर कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं हो रही है. इससे ऐसा लगता है कि आदिवासियों का आदिवासी होना कलंक हो गया है. इसके साथ ही पुलिस गांव में नक्सलियों के नाम पर पहुंचकर गांव वालों को घर से बेघर करना जैसे काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से निर्दोष आदिवासी काफी पीड़ित और प्रताड़ित है.'' - बीएस रावटे, कार्यकारी अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज

सर्व आदिवासी समाज के आरोपों के पीछे क्या है वजह: मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले की पुलिस के द्वारा जो रवैया अपनाया जा रहा है उसको लेकर सरकार से बातचीत की पहल आदिवासियों ने की थी. सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में आदिवासी उग्र होकर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले 14 जून को प्रदेश स्तर पर जेल भरो आंदोलन करने जा रहे हैं. यह कार्यक्रम भले ही 14 जून हो रहा हो लेकिन पुलिस और प्रशासन के द्वारा तमाम जगहों पर अभी से बेरीकेडिंग की जा रही है और लोगों को रास्ते में रोका जा रहा है. सर्व आदिवासी समाज का साफ कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जेल भरो आंदोलन कर रहे हैं. अगर हमें रोका जाता है या हमारे साथ कुछ गलत होता है तो हम लोग उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसकी सारी जवाबदारी पुलिस और प्रशासन के साथ ही सरकार की होगी.

12 ग्रामीणों की हत्या के विरोध में सर्व आदिवासी समाज का बंद, पीडिया मुठभेड़ को बताया फर्जी - Pedia Fake Encounter
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