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बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा पर संत समिति ने जताई आपत्ति, कहा-बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई करें सरकार - Bangladesh Riots

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर भारत में हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश है. अखिल भारतीय सन्त समिति और विश्व हिंदू परिषद ने भारत सरकार से मदद की मांग की है.

स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी.
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 6:03 PM IST

स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी/मेरठः पड़ोसी बांग्लादेश के वर्तमान हालात के बीच वहां पर हिंदुओं की स्थिति को लेकर लगातार भारत में हड़कंप की स्थिति है. विपक्ष इस मुद्दे पर भले ही खामोश हो लेकिन संत समाज इस पर आपत्ति जाता रहा है. अखिल भारतीय सन्त समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है. शेख हसीना के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. संकट की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि 3 करोड़ से अधिक बांग्लादेशियों को बांग्लादेश भेज देना चाहिए. इसके साथ बांग्लादेश के 1 करोड़ 30 लाख हिंदुओं को भारत में लाकर बसाना चाहिए.

स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यकों की हत्याएं और महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है. मन्दिर और गुरुद्वारों को भी क्षति पहुंचाई जा रही है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो. बांग्लादेश में हिन्दू जो कभी 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं. ये भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करें.

जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हिंसा और उनके उत्पीड़न पर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष, वामपन्थी और लिबरलों की चुप्पी को भारतीय समाज देख रहा है. बांग्लादेश में पीड़ित अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के उलट INDI गठबन्धन के नेताओं द्वारा भारत में भी तख्तापलट करने के बयान देकर देश का वातावरण खराब किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर उत्तेजक और भड़काऊ पोस्ट लिखे जा रहे हैं. ऐसे लोगों पर प्रशासन कठोर कानूनी कर्रवाई करे.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस के मणि शंकर अय्यर और कई नेता बयानबाजी कर रहे हैं, वह शर्मनाक है. बांग्लादेश की स्थिति को लेकर भारत की स्थिति भी ऐसी होने को लेकर बातें कहना भारत की अस्मिता और अखंडता को तोड़ने वाला है. इसलिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है. मणि शंकर अय्यर, राहुल गांधी, अखिलेश यादव ओवैसी यदि इस तरह की कोई बात करता है तो भारत सरकार को तत्काल इस पर एक्शन लेना चाहिए. जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आंखें मूंद कर नहीं रह सकता. भारत ने परम्परा से ही विश्वभर के उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है.

उन्होंने कहा कि हमारी कामना है कि बांग्लादेश में जल्दी से जल्दी लोकतन्त्र स्थापित हो और वहां की सरकार धर्मनिरपेक्ष हो कर कार्य करे. वहां के समाज को मानवाधिकार मिलें और बांग्लादेश की निरन्तर हो रही आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आये. भारत का समाज और सरकार इस विषय में निरन्तर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे.

बंग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर हिन्दू परिषद गरजा
बंग्लादेश में हुए तख्ता पलट के बाद अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मुद्दों पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता की. पदाधिकारी राजकुमार डूंगर ने कहा कि जिस तरह बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी ताकते अपना जन्म ले रही है और बहन बेटियों की अस्मत के साथ दरिंदगी की गई. उसका हम विरोध करते है और सरकार से मांग करते है कि इस मुद्दे को गहनता से लेकर अल्पसंख्यको की सुरक्षा को लेकर बात करें और लोगो को वहां सुरक्षित रखने का समाधान पर चर्चा हो. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर मकान, दुकान, ऑफिस में महिला बच्चे व उनके पास था और विश्वास के केंद्र मंदिर तक सुरक्षित नहीं है. पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत बस से बेहतर होती जा रही है यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है.


स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी/मेरठः पड़ोसी बांग्लादेश के वर्तमान हालात के बीच वहां पर हिंदुओं की स्थिति को लेकर लगातार भारत में हड़कंप की स्थिति है. विपक्ष इस मुद्दे पर भले ही खामोश हो लेकिन संत समाज इस पर आपत्ति जाता रहा है. अखिल भारतीय सन्त समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है. शेख हसीना के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. संकट की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि 3 करोड़ से अधिक बांग्लादेशियों को बांग्लादेश भेज देना चाहिए. इसके साथ बांग्लादेश के 1 करोड़ 30 लाख हिंदुओं को भारत में लाकर बसाना चाहिए.

स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यकों की हत्याएं और महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है. मन्दिर और गुरुद्वारों को भी क्षति पहुंचाई जा रही है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो. बांग्लादेश में हिन्दू जो कभी 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं. ये भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करें.

जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हिंसा और उनके उत्पीड़न पर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष, वामपन्थी और लिबरलों की चुप्पी को भारतीय समाज देख रहा है. बांग्लादेश में पीड़ित अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के उलट INDI गठबन्धन के नेताओं द्वारा भारत में भी तख्तापलट करने के बयान देकर देश का वातावरण खराब किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर उत्तेजक और भड़काऊ पोस्ट लिखे जा रहे हैं. ऐसे लोगों पर प्रशासन कठोर कानूनी कर्रवाई करे.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस के मणि शंकर अय्यर और कई नेता बयानबाजी कर रहे हैं, वह शर्मनाक है. बांग्लादेश की स्थिति को लेकर भारत की स्थिति भी ऐसी होने को लेकर बातें कहना भारत की अस्मिता और अखंडता को तोड़ने वाला है. इसलिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है. मणि शंकर अय्यर, राहुल गांधी, अखिलेश यादव ओवैसी यदि इस तरह की कोई बात करता है तो भारत सरकार को तत्काल इस पर एक्शन लेना चाहिए. जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आंखें मूंद कर नहीं रह सकता. भारत ने परम्परा से ही विश्वभर के उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है.

उन्होंने कहा कि हमारी कामना है कि बांग्लादेश में जल्दी से जल्दी लोकतन्त्र स्थापित हो और वहां की सरकार धर्मनिरपेक्ष हो कर कार्य करे. वहां के समाज को मानवाधिकार मिलें और बांग्लादेश की निरन्तर हो रही आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आये. भारत का समाज और सरकार इस विषय में निरन्तर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे.

बंग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर हिन्दू परिषद गरजा
बंग्लादेश में हुए तख्ता पलट के बाद अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मुद्दों पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता की. पदाधिकारी राजकुमार डूंगर ने कहा कि जिस तरह बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी ताकते अपना जन्म ले रही है और बहन बेटियों की अस्मत के साथ दरिंदगी की गई. उसका हम विरोध करते है और सरकार से मांग करते है कि इस मुद्दे को गहनता से लेकर अल्पसंख्यको की सुरक्षा को लेकर बात करें और लोगो को वहां सुरक्षित रखने का समाधान पर चर्चा हो. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर मकान, दुकान, ऑफिस में महिला बच्चे व उनके पास था और विश्वास के केंद्र मंदिर तक सुरक्षित नहीं है. पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत बस से बेहतर होती जा रही है यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है.


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