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प.बंगाल संदेशखाली हमला : राज्य की जांच एजेंसी पर ईडी को संदेह

Sandeshkhali attack ED may move Calcutta HC : पश्चिम बंगाल में ईडी की टीम पर हुए हमले को लेकर एजेंसी हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटा सकती है. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य की एजेंसी के साथ संयुक्त जांच का आदेश दिया था. एजेंसी चाहती है कि इस मामले की जांच सीबीआई करे.

Mamata Banerjee
ममता बनर्जी
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By IANS

Published : Jan 22, 2024, 2:35 PM IST

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संदेशखाली में ईडी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों पर 5 जनवरी को हुए हमले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से स्वतंत्र जांच पर जोर देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में जाने पर विचार कर रहा है.

सूत्रों ने कहा कि उस मामले में केंद्रीय एजेंसी 17 जनवरी को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च पीठ का रुख करेगी, जिसमें हमले के मामले की जांच के लिए सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) को निर्देश दिया गया था.

एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के अनुसार, एसआईटी का नेतृत्व अधीक्षक स्तर के दो अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए, जिनमें से एक को सीबीआई द्वारा और दूसरे को राज्य पुलिस द्वारा नामित किया जाएगा. हालांकि राज्य पुलिस निदेशालय ने इस्लाम जिला पुलिस अधीक्षक जसप्रीत सिंह को एसआईटी के लिए नामित किया है, लेकिन सीबीआई ने अभी तक इसके लिए अधीक्षक स्तर के किसी व्यक्ति को नामित नहीं किया है.

सूत्रों ने कहा कि ईडी के शीर्ष अधिकारियों की राय है कि संयुक्त जांच से कुछ नहीं निकलेगा क्योंकि हमले के 17 दिन बाद भी मास्टरमाइंड और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां फरार हैं. इस बीच, संदेशखाली इलाके में रहने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने इलाके में ही अलग-अलग स्थानों पर फरार नेता को देखा है.

ईडी ने पहले ही इस आशंका में शाहजहां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है कि वह पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग सकता है, जिसकी भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा उसके आवास के काफी करीब है, जहाँ 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला हुआ था.

ये भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल में महिला का अधजला शव पाए जाने पर मीनाक्षी लेखी ने ममता बनर्जी और INDIA पर साधा निशाना, कही ये बात

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संदेशखाली में ईडी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों पर 5 जनवरी को हुए हमले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से स्वतंत्र जांच पर जोर देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में जाने पर विचार कर रहा है.

सूत्रों ने कहा कि उस मामले में केंद्रीय एजेंसी 17 जनवरी को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च पीठ का रुख करेगी, जिसमें हमले के मामले की जांच के लिए सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) को निर्देश दिया गया था.

एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के अनुसार, एसआईटी का नेतृत्व अधीक्षक स्तर के दो अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए, जिनमें से एक को सीबीआई द्वारा और दूसरे को राज्य पुलिस द्वारा नामित किया जाएगा. हालांकि राज्य पुलिस निदेशालय ने इस्लाम जिला पुलिस अधीक्षक जसप्रीत सिंह को एसआईटी के लिए नामित किया है, लेकिन सीबीआई ने अभी तक इसके लिए अधीक्षक स्तर के किसी व्यक्ति को नामित नहीं किया है.

सूत्रों ने कहा कि ईडी के शीर्ष अधिकारियों की राय है कि संयुक्त जांच से कुछ नहीं निकलेगा क्योंकि हमले के 17 दिन बाद भी मास्टरमाइंड और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां फरार हैं. इस बीच, संदेशखाली इलाके में रहने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने इलाके में ही अलग-अलग स्थानों पर फरार नेता को देखा है.

ईडी ने पहले ही इस आशंका में शाहजहां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है कि वह पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग सकता है, जिसकी भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा उसके आवास के काफी करीब है, जहाँ 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला हुआ था.

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