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नक्सलगढ़ में विकास से देंगे आतंक को मात, केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में बोले साय, मांगा विशेष अनुदान - Central Finance Commission meeting - CENTRAL FINANCE COMMISSION MEETING

केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयोग से छत्तीसगढ़ के लिए विशेष अनुदान की मांग की. सीएम ने कहा कि ''नियद नेल्लानार योजना के के तहत बस्तर में डेवलपेंट का काम तेजी से चल रहा है. रेल, सड़क और दूरसंचार जैसी सुविधाओं को डेवलप किया जाना बहुत जरुरी है. विकास के पैमाने पर ही नक्सलवाद की जड़ों को खत्म किया जा सकता है''.

CM demand for special grant for Niyad Nellanar
नियद नेल्लानार के लिए छत्तीसगढ़ को चाहिए मदद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 12, 2024, 9:27 PM IST

रायपुर: केंद्रीय वित्त आयोग के अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की शुक्रवार को अहम बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री साय ने वित्त आयोग से छत्तीसगढ़ के लिए विशेष अनुदान की मांग रखी. सीएम ने वित्त आयोग से कहा कि ''छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थिति और रेल, सड़क और दूरसंचार जैसी परियोजनाएं चल रही हैं. विकास के इन कामों के लिए छत्तीसगढ़ को विशेष सुविधाएं और धन की जरुरत है. सीएम ने कहा कि खनिजों का उत्पादन छत्तीसगढ़ में ज्यादा होता है पर राजस्व लाभ के मामले में वो पिछड़ जाता है. इसका फायदा वैल्यू एडिशन और खपत वाले राज्यों को मिलता है. वित्त आयोग से सीएम ने नवा रायपुर के विकास के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.''

छत्तीसगढ़ के डेवलपमेंट पर हुई बात: केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया और सीएम साय के बीच लंबी चर्चा हुई. दोनों के बीच छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास के कार्यों, मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को लेकर बात हुई. सीएम ने पनगढ़िया से कहा कि ''छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है. इस राज्य की बड़ी आबादी जनजातीय है. पहाड़ और जंगल के चलते विकास के कामों में लागत ज्यादा आती है. लिहाजा छत्तीसगढ़ को ज्यादा सुविधाओं की जरुरत है. नक्सल प्रभावित राज्य होने के चलते भी छत्तीसगढ़ को काफी दिक्कतों का सामाना करना पड़ता है.''

''माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास का काम चल रहा है. माओवाद के खात्मे के लिए हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमारे ऊपर अतिरिक्त खर्च का भार आता है. नियद नेल्लानार योजना के तहत हम गांवों तक बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को पहुंचा रहे हैं. इन तमाम कामों के लिए सुविधाएं चाहिए.'' - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री

सीएम ने की वित्तीय सहायता बढ़ाने की मांग: सीएम ने वित्त आयोग से गुजारिश की है कि उनको अधिक से अधिक वित्तीय सहायता दी जाए. वित्तीय सहायता में मदद मिलने पर छत्तीसगढ़ में जो विकास का विजन है वो और मजबूत होगा. सीएम ने कहा कि ''साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29 हजार 539 करोड़ की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरूआत की. साल 2023-24 में राज्य 5 लाख 9 हजार करोड़ के जीएसडीपी के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है. आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.'' बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, सीएम विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी समेत कैबिनेट के कई मंत्री शामिल हुए.

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छत्तीसगढ़ के डेवलपमेंट पर हुई बात: केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया और सीएम साय के बीच लंबी चर्चा हुई. दोनों के बीच छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास के कार्यों, मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को लेकर बात हुई. सीएम ने पनगढ़िया से कहा कि ''छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है. इस राज्य की बड़ी आबादी जनजातीय है. पहाड़ और जंगल के चलते विकास के कामों में लागत ज्यादा आती है. लिहाजा छत्तीसगढ़ को ज्यादा सुविधाओं की जरुरत है. नक्सल प्रभावित राज्य होने के चलते भी छत्तीसगढ़ को काफी दिक्कतों का सामाना करना पड़ता है.''

''माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास का काम चल रहा है. माओवाद के खात्मे के लिए हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमारे ऊपर अतिरिक्त खर्च का भार आता है. नियद नेल्लानार योजना के तहत हम गांवों तक बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को पहुंचा रहे हैं. इन तमाम कामों के लिए सुविधाएं चाहिए.'' - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री

सीएम ने की वित्तीय सहायता बढ़ाने की मांग: सीएम ने वित्त आयोग से गुजारिश की है कि उनको अधिक से अधिक वित्तीय सहायता दी जाए. वित्तीय सहायता में मदद मिलने पर छत्तीसगढ़ में जो विकास का विजन है वो और मजबूत होगा. सीएम ने कहा कि ''साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29 हजार 539 करोड़ की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरूआत की. साल 2023-24 में राज्य 5 लाख 9 हजार करोड़ के जीएसडीपी के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है. आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.'' बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, सीएम विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी समेत कैबिनेट के कई मंत्री शामिल हुए.

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