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सिवान और शिवहर की जंग में साहब बीवी और गैंगस्टर, जानें कौन किस पर भारी? - lok sabha election 2024

Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में बिहार की दो लोकसभा सीट सिवान और शिवहर का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. एक तरफ जहां सिवान में आरजेडी का खेल बिगाड़ने के लिए साहेब की बेगम हिना शहाब निर्दलीय ताल ठोक रही है तो दूसरी तरफ शिवहर सीट पर बाहुबली की पत्नी लवली आनंद हैं. इस तरह इस सीट पर साहब, बीबी और गैंगस्टर के बीच जंग बन गई है.

सिवान और शिवहर की जंग में साहब बीवी और गैंगस्टर
सिवान और शिवहर की जंग में साहब बीवी और गैंगस्टर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 21, 2024, 8:00 PM IST

सिवान और शिवहर की जंग में साहब बीवी और गैंगस्टर की जंग (ETV Bharat)

पटना: बिहार में 2004 में तीन महिलाओं ने लोकसभा का चुनाव जीता था. 2009 में संख्या बढ़कर चार हो गई, लेकिन 2014 और 2019 में केवल तीन-तीन महिला सांसद ही बन पाई. बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है जबकि महिला लगातार वोट डालने में पुरुषों को मात दे रही हैं.

शिवहर और सिवान में साहब, बीवी का चुनाव!: इस बार भी महिलाओं की कुछ ही सीटों पर लड़ाई में दिख रही है और कुछ सीटों पर उनका जीतना तय माना जा रहा है क्योंकि लड़ाई दो महिलाओं के बीच ही है. इसमें शिवहर में जहां बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद के सामने आरजेडी की रितु जायसवाल हैं तो सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब जदयू की विजय लक्ष्मी का सामना कर रही हैं.

मजबूत महिला उम्मीदवारों ने मुकाबला बनाया रोचक : ऐसे तो इस बार समस्तीपुर, सारण, पाटलिपुत्र, जमुई और वैशाली में भी मजबूत महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. वैशाली से वीणा सिंह 2019 में चुनाव भी जीत चुकी हैं. लोजपा रामविलास की टिकट पर फिर से मैदान में हैं. वहीं सारण और पाटलिपुत्र दोनों स्थान पर लालू प्रसाद यादव की बेटी चुनाव लड़ रही हैं. पाटलिपुत्र से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती तीसरी बार चुनाव मैदान में है तो वहीं सारण से लालू प्रसाद यादव की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ठोक रही ताल : समस्तीपुर से लोजपा रामविलास ने जदयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. राजद ने जमुई से अर्चना रविदास को टिकट दिया है. ऐसे आधा दर्जन लोकसभा सीट महिला उम्मीदवारों के कारण चर्चा में है लेकिन जिन दो लोकसभा सीट की सबसे अधिक चर्चा है वह शिवहर और सिवान लोकसभा सीट है. शिवहर में बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनाव मैदान में है. लवली आनंद पहले भी सांसद रह चुकी हैं.

जीत के लिए हिना शहाब का भगवा रंग से लगाव बढ़ा!
जीत के लिए हिना शहाब का भगवा रंग से लगाव बढ़ा! (Etv Bharat)

सिवान से महिला उम्मीदवार का चुना जाना तय!: उनका मुकाबला राजद की रितु जायसवाल से है. इन्हीं दोनों के बीच हार जीत होना है. ऐसे में इस सीट पर एक महिला सांसद का चुना जाना तय माना जा रहा है तो सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. सिवान से इस बार जदयू ने 2019 में जीत हासिल करने वाली कविता सिंह को टिकट नहीं देकर विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारा है. ऐसे तो आरजेडी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है लेकिन मुकाबला विजयलक्ष्मी और हिना शहाब के बीच ही होना है. ऐसे में सिवान से भी किसी एक महिला सांसद का चुना जाना तय माना जा रहा है.

शिवहर में वैश्य वोट अधिक लेकिन राजपूत का दबदबा: बदलते हालात में लवली आनंद के लिए इस सीट को निकालना बहुत ज्यादा आसान नहीं है तो नामुमकिन भी नहीं है. शिवहर में 1686215 वोटर्स हैं. इसमें पुरुष मतदाता 896691 और महिला मतदाताओं की संख्या 789456 है.

लवली आनंद Vs रितु जायसवाल
लवली आनंद Vs रितु जायसवाल (Etv Bharat)

शिवहर का जातीय समीकरण: अब जातीय समीकरण की बात करें तो शिवहर लोकसभा में सबसे अधिक वैश्य मतदाता हैं जो 25 फीसद के करीब हैं. दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर हैं जो करीब 18 फीसद हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा और पिछड़ा वोटर्स को जोड़ दिया जाए तो 30 से 35 फीसद के आसपास हैं. राजपूत वोटर 2 लाख के करीब हैं.

शिवहर में राजपूतों का दबदबा: शिवहर लोकसभा में राजपूत की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन इस लोकसभा में तीन विधायक राजपूत जाति से हैं. इसमें एक लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद भी हैं. संख्या भले कम है लेकिन राजपूतों का दबदबा शिवहर में आज भी बरकरार है.

RJD ने रितु जायसवाल पर क्यों खेला दांव?: 1996 और 1998 में आनंद मोहन शिवहर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. राजपूत और वैश्य समीकरण के तहत जब वैश्य से रमा देवी को लाया गया तो भाजपा ने शिवहर लोकसभा से वर्ष 2009, 2014 और 2019 लोकसभा के तीनों चुनाव जीते. इस बार रमा देवी के स्थान पर ही लवली आनंद को मैदान में उतारा गया है. रामा देवी के टिकट कटने के बाद राजद ने चालाकी दिखाते हुए रितु जायसवाल को मैदान में उतारा है जो वैश्य समाज से आती हैं.

लवली आनंद Vs रितु जायसवाल: ऐसे तो शिवहर सीट पर राजद की रितु जायसवाल और एनडीए की लवली आनंद के बीच ही मुख्य मुकाबला है. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने राणा रंजीत सिंह को शिवहर में कैंडिडेट बनाया है, जिनके भाई राणा रणधीर सिंह इसी लोकसभा के अंदर मधुबन सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं.

वैश्य समाज में नाराजगी: राणा रंजीत सिंह के भाई चुनाव में गठबंधन धर्म निभाते हुए लवली आनंद का प्रचार कर रहे हैं. लवली आनंद और राणा रंजीत सिंह राजपूत हैं, जबकि रितु जायसवाल वैश्य. यदि राणा रणजीत सिंह राजपूत वोट काटने में सफल रहे तो लवली आनंद के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि वैश्य समाज रमा देवी के टिकट कटने से खुश नहीं है.

सिवान में 18 लाख मतदाता: जहां तक सिवान लोकसभा सीट की बात है सिवान लोकसभा में सिवान, बड़हरिया, दरौंदा, जीरादेई, रघुनाथपुर और दरौली विधानसभा सीट शामिल है. जिले में करीब 24 लाख से ज्यादा वोटर हैं. सिवान लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख मतदाता हैं. इसमें 9,85,125 पुरुष और 7,90,829 महिला मतदाता हैं.

हिना शहाब Vs विजय लक्ष्मी कुशवाहा: जातियों के आधार पर संख्या देखें तो मुस्लिम 3 लाख, यादव 2.5, कुशवाहा 1.25 लाख, सहनी 80 हजार, अपर कास्ट 4 लाख और ईबीस 2.5 लाख है. एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी कुशवाहा की बात करें तो वे पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति की शुरुआत माले से हुई.

पहली बार सांसद की जंग लड़ रहे अवध बिहारी चौधरी: बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया और 2015 में वो जेडीयू के टिकट पर जीरादेई से चुनाव लड़कर विधायक बने. 2020 में ये सीट माले को चली गई और अमरजीत कुशवाहा यहां से विधायक बने. आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है. अवध बिहारी चौधरी सिवान सदर से छह बार विधायक रहे हैं. एक बार मंत्री और एक बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने अभी तक एक बार भी सांसद का चुनाव नहीं लड़ा है. पहली बार वे सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं.

तीन बार हार.. चौथी बार मैदान में: बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. हिना शहाब आरजेडी के टिकट पर लगातार तीन बार लड़ीं लेकिन हर बार हार गईं. 2009, 2014, 2019 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. शहाबुद्दीन के निधन के बाद हिना शहाब और लालू परिवार में दूरियां बढ़ने लगी और इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में दांव आजमा रही है.

हिना शहाब के साथ बड़ा वोट बैंक: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर चंद्रभूषण राय का कहना है शिवहर और सिवान की स्थिति दूसरे लोकसभा क्षेत्र से पूरी तरह अलग है. मुख्य मुकाबले में जो दो महिलाओं उम्मीदवार हैं दोनों के पति बाहुबली माने जाते रहे हैं तो एक के पति अधिकारी रहे हैं तो एक के विधायक. सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन कई बार सांसद रह चुके हैं हालांकि उनका निधन हो चुका है, लेकिन उनकी पत्नी अब चुनाव मैदान में है तो उनके साथ भी बड़ा वोट बैंक है.

"जदयू की उम्मीदवार विजयलक्ष्मी के पति विधायक रह चुके हैं और कुशवाहा समाज से आते हैं इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई काम किया है महिला सशक्तिकरण के किए हुए काम के कारण ही महिलाओं के बीच दोनों नेता आज लोकप्रिय हैं लेकिन लड़ाई कांटे की है पढ़ रहा है किसका भारी होगा कहना मुश्किल है."- प्रो चंद्रभूषण राय, प्रोफेसर, राजनीतिक शास्त्र, पटना विश्वविद्यालय

'बीजेपी ने महिलाओं को अनदेखा किया'- RJD: आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है "इस बार लोकसभा चुनाव में राजद ने महिला को टिकट देने के मामले में सभी दल को पीछे छोड़ दिया है. बीजेपी जो महिला आरक्षण के लिए बात करती रही है एक भी टिकट महिला को नहीं दी है."

JDU का अपना तर्क: वहीं नीतीश कुमार के नजदीकी जदयू एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे ज्यादा काम किया है. पंचायत में आरक्षण से लेकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण तक की व्यवस्था उनके लिए की है. पूर्ण शराबबंदी महिलाओं के कहने पर ही लागू किया गया है.

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आगे बढ़ाने में चाहे वह राजनीतिक हो सामाजिक हो या दूसरा कोई भी क्षेत्र हर संभव प्रयास किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महिलाओं के विकास के लिए कई योजना लागू किए हैं. बिहार में एनडीए की तरफ से महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है और वह जीत कर भी आएंगी. अगले लोकसभा चुनाव में तो महिलाओं के लिए आरक्षण की भी व्यवस्था एनडीए की तरफ से कर दिया गया है."-संजय गांधी, जदयू एमएलसी

टिकट देने में राजद आगे: राजद ने इस बार राजद ने 6 महिलाओं को मौका दिया है. लोजपा राम विलास ने दो सीटों पर महिला उम्मीदवार को उतारा है, वहीं जदयू ने भी दो सीटों पर महिलाओं को मौका दिया है. इस मामले में इस बार बीजेपी पीछे रह गई है . बीजेपी ने किसी महिला को टिकट नहीं दिया है.

इन सीटों पर कभी महिला सांसद नहीं बनी: बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से 22 सीट ऐसी है जिस पर कभी भी महिला सांसद नहीं बनी है उसमें पाटलिपुत्र, पटना साहिब, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, उजियारपुर, काराकाट, सारण, बक्सर, जमुई, बाल्मीकि नगर , सीतामढ़ी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, मधेपुर, अररिया, हाजीपुर, किशनगंज, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और नालंदा शामिल है.

1952 से लेकर अब तक 25 महिलाएं सांसद: मोतिहारी से रामादेवी 1998 में चुनाव जीती थी लेकिन अब मोतिहारी के स्थान पर पूर्वी चंपारण सीट हो गया है, जिस पर कोई महिला सांसद नहीं जीती है. हालांकि 18 लोकसभा सीट ऐसी हैं जिस पर कभी न कभी महिला सांसद चुनी गई हैं. 1952 से लेकर अब तक 25 महिलाएं सांसद बनी है.

पतियों की प्रतिष्ठा का सवाल: बीजेपी और जदयू ने 2019 में जीती दो महिला सांसदों का टिकट इस बार काट दिया है. ऐसे एनडीए की तरफ से चार महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं महागठबंधन की तरफ से 6, ऐसे एक दर्जन से अधिक महिला लोकसभा चुनाव भाग्य आजमा रही हैं उसमें कुछ निर्दलीय भी है . लेकिन सब की नजर शिवहर और सिवान में है, जहां बाहुबलियों की बीवी एक तरफ है तो दूसरी तरफ अधिकारी और पूर्व विधायक की बीवी. अब देखना है किसका पलड़ा भारी होता है.

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पटना: बिहार में 2004 में तीन महिलाओं ने लोकसभा का चुनाव जीता था. 2009 में संख्या बढ़कर चार हो गई, लेकिन 2014 और 2019 में केवल तीन-तीन महिला सांसद ही बन पाई. बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है जबकि महिला लगातार वोट डालने में पुरुषों को मात दे रही हैं.

शिवहर और सिवान में साहब, बीवी का चुनाव!: इस बार भी महिलाओं की कुछ ही सीटों पर लड़ाई में दिख रही है और कुछ सीटों पर उनका जीतना तय माना जा रहा है क्योंकि लड़ाई दो महिलाओं के बीच ही है. इसमें शिवहर में जहां बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद के सामने आरजेडी की रितु जायसवाल हैं तो सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब जदयू की विजय लक्ष्मी का सामना कर रही हैं.

मजबूत महिला उम्मीदवारों ने मुकाबला बनाया रोचक : ऐसे तो इस बार समस्तीपुर, सारण, पाटलिपुत्र, जमुई और वैशाली में भी मजबूत महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. वैशाली से वीणा सिंह 2019 में चुनाव भी जीत चुकी हैं. लोजपा रामविलास की टिकट पर फिर से मैदान में हैं. वहीं सारण और पाटलिपुत्र दोनों स्थान पर लालू प्रसाद यादव की बेटी चुनाव लड़ रही हैं. पाटलिपुत्र से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती तीसरी बार चुनाव मैदान में है तो वहीं सारण से लालू प्रसाद यादव की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ठोक रही ताल : समस्तीपुर से लोजपा रामविलास ने जदयू मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. राजद ने जमुई से अर्चना रविदास को टिकट दिया है. ऐसे आधा दर्जन लोकसभा सीट महिला उम्मीदवारों के कारण चर्चा में है लेकिन जिन दो लोकसभा सीट की सबसे अधिक चर्चा है वह शिवहर और सिवान लोकसभा सीट है. शिवहर में बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनाव मैदान में है. लवली आनंद पहले भी सांसद रह चुकी हैं.

जीत के लिए हिना शहाब का भगवा रंग से लगाव बढ़ा!
जीत के लिए हिना शहाब का भगवा रंग से लगाव बढ़ा! (Etv Bharat)

सिवान से महिला उम्मीदवार का चुना जाना तय!: उनका मुकाबला राजद की रितु जायसवाल से है. इन्हीं दोनों के बीच हार जीत होना है. ऐसे में इस सीट पर एक महिला सांसद का चुना जाना तय माना जा रहा है तो सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. सिवान से इस बार जदयू ने 2019 में जीत हासिल करने वाली कविता सिंह को टिकट नहीं देकर विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारा है. ऐसे तो आरजेडी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है लेकिन मुकाबला विजयलक्ष्मी और हिना शहाब के बीच ही होना है. ऐसे में सिवान से भी किसी एक महिला सांसद का चुना जाना तय माना जा रहा है.

शिवहर में वैश्य वोट अधिक लेकिन राजपूत का दबदबा: बदलते हालात में लवली आनंद के लिए इस सीट को निकालना बहुत ज्यादा आसान नहीं है तो नामुमकिन भी नहीं है. शिवहर में 1686215 वोटर्स हैं. इसमें पुरुष मतदाता 896691 और महिला मतदाताओं की संख्या 789456 है.

लवली आनंद Vs रितु जायसवाल
लवली आनंद Vs रितु जायसवाल (Etv Bharat)

शिवहर का जातीय समीकरण: अब जातीय समीकरण की बात करें तो शिवहर लोकसभा में सबसे अधिक वैश्य मतदाता हैं जो 25 फीसद के करीब हैं. दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर हैं जो करीब 18 फीसद हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा और पिछड़ा वोटर्स को जोड़ दिया जाए तो 30 से 35 फीसद के आसपास हैं. राजपूत वोटर 2 लाख के करीब हैं.

शिवहर में राजपूतों का दबदबा: शिवहर लोकसभा में राजपूत की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन इस लोकसभा में तीन विधायक राजपूत जाति से हैं. इसमें एक लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद भी हैं. संख्या भले कम है लेकिन राजपूतों का दबदबा शिवहर में आज भी बरकरार है.

RJD ने रितु जायसवाल पर क्यों खेला दांव?: 1996 और 1998 में आनंद मोहन शिवहर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. राजपूत और वैश्य समीकरण के तहत जब वैश्य से रमा देवी को लाया गया तो भाजपा ने शिवहर लोकसभा से वर्ष 2009, 2014 और 2019 लोकसभा के तीनों चुनाव जीते. इस बार रमा देवी के स्थान पर ही लवली आनंद को मैदान में उतारा गया है. रामा देवी के टिकट कटने के बाद राजद ने चालाकी दिखाते हुए रितु जायसवाल को मैदान में उतारा है जो वैश्य समाज से आती हैं.

लवली आनंद Vs रितु जायसवाल: ऐसे तो शिवहर सीट पर राजद की रितु जायसवाल और एनडीए की लवली आनंद के बीच ही मुख्य मुकाबला है. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने राणा रंजीत सिंह को शिवहर में कैंडिडेट बनाया है, जिनके भाई राणा रणधीर सिंह इसी लोकसभा के अंदर मधुबन सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं.

वैश्य समाज में नाराजगी: राणा रंजीत सिंह के भाई चुनाव में गठबंधन धर्म निभाते हुए लवली आनंद का प्रचार कर रहे हैं. लवली आनंद और राणा रंजीत सिंह राजपूत हैं, जबकि रितु जायसवाल वैश्य. यदि राणा रणजीत सिंह राजपूत वोट काटने में सफल रहे तो लवली आनंद के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि वैश्य समाज रमा देवी के टिकट कटने से खुश नहीं है.

सिवान में 18 लाख मतदाता: जहां तक सिवान लोकसभा सीट की बात है सिवान लोकसभा में सिवान, बड़हरिया, दरौंदा, जीरादेई, रघुनाथपुर और दरौली विधानसभा सीट शामिल है. जिले में करीब 24 लाख से ज्यादा वोटर हैं. सिवान लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख मतदाता हैं. इसमें 9,85,125 पुरुष और 7,90,829 महिला मतदाता हैं.

हिना शहाब Vs विजय लक्ष्मी कुशवाहा: जातियों के आधार पर संख्या देखें तो मुस्लिम 3 लाख, यादव 2.5, कुशवाहा 1.25 लाख, सहनी 80 हजार, अपर कास्ट 4 लाख और ईबीस 2.5 लाख है. एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी कुशवाहा की बात करें तो वे पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति की शुरुआत माले से हुई.

पहली बार सांसद की जंग लड़ रहे अवध बिहारी चौधरी: बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया और 2015 में वो जेडीयू के टिकट पर जीरादेई से चुनाव लड़कर विधायक बने. 2020 में ये सीट माले को चली गई और अमरजीत कुशवाहा यहां से विधायक बने. आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है. अवध बिहारी चौधरी सिवान सदर से छह बार विधायक रहे हैं. एक बार मंत्री और एक बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने अभी तक एक बार भी सांसद का चुनाव नहीं लड़ा है. पहली बार वे सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं.

तीन बार हार.. चौथी बार मैदान में: बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. हिना शहाब आरजेडी के टिकट पर लगातार तीन बार लड़ीं लेकिन हर बार हार गईं. 2009, 2014, 2019 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. शहाबुद्दीन के निधन के बाद हिना शहाब और लालू परिवार में दूरियां बढ़ने लगी और इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में दांव आजमा रही है.

हिना शहाब के साथ बड़ा वोट बैंक: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर चंद्रभूषण राय का कहना है शिवहर और सिवान की स्थिति दूसरे लोकसभा क्षेत्र से पूरी तरह अलग है. मुख्य मुकाबले में जो दो महिलाओं उम्मीदवार हैं दोनों के पति बाहुबली माने जाते रहे हैं तो एक के पति अधिकारी रहे हैं तो एक के विधायक. सिवान में बाहुबली शहाबुद्दीन कई बार सांसद रह चुके हैं हालांकि उनका निधन हो चुका है, लेकिन उनकी पत्नी अब चुनाव मैदान में है तो उनके साथ भी बड़ा वोट बैंक है.

"जदयू की उम्मीदवार विजयलक्ष्मी के पति विधायक रह चुके हैं और कुशवाहा समाज से आते हैं इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई काम किया है महिला सशक्तिकरण के किए हुए काम के कारण ही महिलाओं के बीच दोनों नेता आज लोकप्रिय हैं लेकिन लड़ाई कांटे की है पढ़ रहा है किसका भारी होगा कहना मुश्किल है."- प्रो चंद्रभूषण राय, प्रोफेसर, राजनीतिक शास्त्र, पटना विश्वविद्यालय

'बीजेपी ने महिलाओं को अनदेखा किया'- RJD: आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है "इस बार लोकसभा चुनाव में राजद ने महिला को टिकट देने के मामले में सभी दल को पीछे छोड़ दिया है. बीजेपी जो महिला आरक्षण के लिए बात करती रही है एक भी टिकट महिला को नहीं दी है."

JDU का अपना तर्क: वहीं नीतीश कुमार के नजदीकी जदयू एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे ज्यादा काम किया है. पंचायत में आरक्षण से लेकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण तक की व्यवस्था उनके लिए की है. पूर्ण शराबबंदी महिलाओं के कहने पर ही लागू किया गया है.

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आगे बढ़ाने में चाहे वह राजनीतिक हो सामाजिक हो या दूसरा कोई भी क्षेत्र हर संभव प्रयास किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महिलाओं के विकास के लिए कई योजना लागू किए हैं. बिहार में एनडीए की तरफ से महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है और वह जीत कर भी आएंगी. अगले लोकसभा चुनाव में तो महिलाओं के लिए आरक्षण की भी व्यवस्था एनडीए की तरफ से कर दिया गया है."-संजय गांधी, जदयू एमएलसी

टिकट देने में राजद आगे: राजद ने इस बार राजद ने 6 महिलाओं को मौका दिया है. लोजपा राम विलास ने दो सीटों पर महिला उम्मीदवार को उतारा है, वहीं जदयू ने भी दो सीटों पर महिलाओं को मौका दिया है. इस मामले में इस बार बीजेपी पीछे रह गई है . बीजेपी ने किसी महिला को टिकट नहीं दिया है.

इन सीटों पर कभी महिला सांसद नहीं बनी: बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से 22 सीट ऐसी है जिस पर कभी भी महिला सांसद नहीं बनी है उसमें पाटलिपुत्र, पटना साहिब, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, उजियारपुर, काराकाट, सारण, बक्सर, जमुई, बाल्मीकि नगर , सीतामढ़ी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, मधेपुर, अररिया, हाजीपुर, किशनगंज, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और नालंदा शामिल है.

1952 से लेकर अब तक 25 महिलाएं सांसद: मोतिहारी से रामादेवी 1998 में चुनाव जीती थी लेकिन अब मोतिहारी के स्थान पर पूर्वी चंपारण सीट हो गया है, जिस पर कोई महिला सांसद नहीं जीती है. हालांकि 18 लोकसभा सीट ऐसी हैं जिस पर कभी न कभी महिला सांसद चुनी गई हैं. 1952 से लेकर अब तक 25 महिलाएं सांसद बनी है.

पतियों की प्रतिष्ठा का सवाल: बीजेपी और जदयू ने 2019 में जीती दो महिला सांसदों का टिकट इस बार काट दिया है. ऐसे एनडीए की तरफ से चार महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं महागठबंधन की तरफ से 6, ऐसे एक दर्जन से अधिक महिला लोकसभा चुनाव भाग्य आजमा रही हैं उसमें कुछ निर्दलीय भी है . लेकिन सब की नजर शिवहर और सिवान में है, जहां बाहुबलियों की बीवी एक तरफ है तो दूसरी तरफ अधिकारी और पूर्व विधायक की बीवी. अब देखना है किसका पलड़ा भारी होता है.

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