जयपुर. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जयपुर, लखनऊ और हरियाणा में डबल इंजन फेल हुआ है. मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणामों को अगर आप ध्यान से देखें, तो इन परिणामों का संदेश क्या था. भाजपा 303 सांसदों के साथ चुनाव में गई और दावा किया गया कि 370 सीट जीतेंगे और एनडीए 400 सीट लेकर आएगा. जब नतीजे आए तो भाजपा के 60-70 सांसद कम आए और गठबंधन का आंकड़ा भी कम हुआ, जो जनादेश आया है. वह गठबंधन और भाजपा के खिलाफ आया है. भाजपा की नीतियों और जिन शब्दों के साथ वो चुनाव में गए. उसे लोगों ने पसंद नहीं किया.
कांग्रेस के मुद्दों को मिला जनता का समर्थन : पायलट ने कहा कि "इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन को भरपूर आशीर्वाद मिला है. एमएसपी पर कानून बनाने, अग्निपथ योजना को खत्म करने, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दों पर हमने पूरे चुनाव में फोकस किया. भाजपा का प्रचार मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुसलमान और मंगलसूत्र. इन बातों को लोगों ने स्वीकार नहीं किया. इनकी सरकार ने विपक्ष के प्रति जो रवैया अपनाया. विपक्ष के बैंक खातों को सीज करना, चुने हुए मुख्यमंत्रियों को जेल में डाल देना. सरकारी एजेंसीज का दुरूपयोग करना. इन सब बातों को जनता ने अस्वीकार किया है."
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ा दल : पायलट ने कहा कि "हमारा संख्याबल अब दोगुना हो गया है. यह संदेश है कि जनता ने हमारे मुद्दों और मेनिफेस्टो को बेहतर समझा. जिन राज्यों में भाजपा का संख्याबल बहुत घटा है. उनमें राजस्थान भी है. उत्तर प्रदेश में आज समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है. जयपुर, हरियाणा और लखनऊ में डबल इंजन फेल हुआ है. राजस्थान में कांग्रेस व सहयोगी पार्टियों ने 11 सीट जीती है. पिछली बार हमारी एक भी सीट नहीं जीती थी. हमारा जो प्रत्याशियों का चयन था. प्रचार अभियान था. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो प्रचार किया. सबका सामूहिक नेतृत्व और मिलजुलकर हमने जो मेहनत की. उसका परिणाम था कि हम बेहतर प्रदर्शन कर पाए."
भाजपा को आत्मचिंतन की दरकार : सचिन पायलट ने कहा कि "जहां हमारा प्रदर्शन कमजोर रहा है, वहां आगे काम करने की संभावना है. इस चुनाव में इंडिया अलायंस और कांग्रेस को जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला है. जनता का कायल हूं. तमाम बाधाओं के बावजूद, दबाव आया, प्रलोभन आया, उसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिम्मत नहीं हारी और शानदार प्रदर्शन किया. भाजपा को आत्मचिंतन करना चाहिए."
राजीव गांधी के बहाने भाजपा को नसीहत : सचिन पायलट ने कहा कि "1989 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और चुनाव हुआ था. वो अकेले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनके पास 400 सांसद थे. इसके बाद जब अगला चुनाव हुआ तो वे 200 सीटों पर आ गए थे. उस समय राष्ट्रपति ने राजीव गांधी को कहा कि आपकी सबसे बड़ी पार्टी है. आप सरकार बनाइए, लेकिन राजीव गांधी ने कहा था कि भले ही हमारी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन यह जनादेश हमारे खिलाफ है. मेरा संख्याबल कम हुआ है. इसलिए उन्होंने सरकार बनाने से इनकार कर दिया और राष्ट्रपति ने अगले दल को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया. यह उस समय की बात है. आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं."
चुनाव का संदेश भाजपा-एनडीए के खिलाफ : सचिन पायलट ने कहा कि "इस चुनाव का संदेश भाजपा और एनडीए के खिलाफ है. अग्निवीर जैसे मुद्दों को कुछ लोग देश का मुद्दा मानते हैं. यह भाजपा-कांग्रेस और पक्ष-विपक्ष का मुद्दा नहीं है. राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए पायलट ने ने कहा, एग्जिट पोल और शेयर मार्केट में उछाल का बहुत बड़ा घपला है. मार्केट बढ़ा और फिर एकदम से क्रैश हुआ, इसमें मैनिपुलेशन की गुंजाइश है. इसकी जांच होनी चाहिए. चाहे जेपीसी हो या कोई और एजेंसी से. लेकिन जांच होनी चाहिए."
अगली बार मेहनत कर जीतेंगे वैभव : वैभव गहलोत के चुनाव हारने पर पायलट ने कहा कि "हम जहां नहीं जीत पाए हैं. अगली बार मेहनत करके जीतेंगे. हम बांसवाड़ा-डूंगरपुर में जीते, बनासकांठा से जीते. जिन सीटों पर हम नहीं जीत पाए. वहां और मेहनत करेंगे. हर कैंडिडेट ने अच्छा चुनाव लड़ा. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बेहतर प्रयास किया. सामूहिक प्रयास का ही परिणाम है कि हम चुनाव जीते."
इंडिया के बाद भाजपा को लगा एनडीए जरूरी : सचिन पायलट ने कहा कि "नरेंद्र मोदी का 10 साल का राज सहयोगी दलों के लिए कंफर्टेबल नहीं था. जब कांग्रेस ने इंडिया एलाइंस बनाया, तब भाजपा को लगा कि विपक्ष की एकता है. हमे भी एनडीए की जरूरत है. अटल बिहारी वाजपेयी के समय एनडीए अलग था. शिवसेना और अन्य पुराने साथी तो छोड़ चुके थे. हमारे अलायंस के बाद उन्होंने नए सिरे से एनडीए बनाया. भविष्य में क्या होगा. एनडीए साथ चलेगा या नहीं. मुझे नहीं पता, लेकिन यह मैं जानता हूं कि पार्लियामेंट डिबेट, डिस्कशन और चर्चा के लिए होता है. सार्थक चर्चा होनी चाहिए. लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की बराबर भूमिका होती है."
नीट परीक्षा के परिणाम पर उठाए सवाल : सचिन पायलट ने कहा कि "समय से पहले परिणाम घोषित किए गए. जो अंक आए, वो आ नहीं सकते. लाखों-करोड़ों बच्चों के भविष्य का मुद्दा है. इस पर समय गंवाए बिना जांच होनी चाहिए. ऐसे संभव नहीं है कि जो नंबर आए. वह आ जाएं. कहीं इस मामले में गड़बड़ी हो सकती है. नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है."
बिजली पानी के लिए मची है त्राहि-त्राहि : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुई भर्तियों की जांच के भजनलाल सरकार के फैसले पर पायलट ने कहा कि "कितनी भी जांच कर लो, लेकिन आज बिजली पानी से लोग त्राहिमाम हैं. टोंक से आ रहा हूं. वहां पानी की स्थिति ठीक नहीं है. कंटीजेंसी प्लानिंग एक चीज होती है. बिजली-पानी की सप्लाई हो नहीं रही. लोगों को परेशानी हो रही है. प्रबंधन में सरकार फेल रही है. समय रहते काम करना था. जांच कितनी भी कर लो. हमें परवाह नहीं है. लेकिन जिस काम के लिए आपको चुना गया है वह तो कर लो."
दौसा की जीत को लेकर कही यह बात : दौसा सीट पर मुरारीलाल मीना की जीत को लेकर पायलट बोले कि मुझे गर्व है कि "मैं जहां से सांसद रहा. राजेश पायलट सांसद रहे. वहां से कांग्रेस जीती. जहां जीते, वहां सबने मिलकर मेहनत की. किसी एक की मेहनत से कोई नहीं जीत सकता. संगठन काम करता है तो जीतते हैं. मुझे खुशी है कि नौजवानों को मौका दिया और जहां नौजवानों को मौका दिया. वहां पार्टी मजबूत हुई है. सचिन पायलट ने कहा कि संजना जाटव दलित परिवार की है. अगर वह 26 साल की सांसद बनी और मेरा रिकॉर्ड टूटा है तो रिकॉर्ड तो टूटने के लिए होते हैं."