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महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला टला - Wrestler Sexual Harassment Case - WRESTLER SEXUAL HARASSMENT CASE

Wrestler Sexual Harassment Case: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला टाल दिया है. अब इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होगी. कोर्ट ने बृजभूषण की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें बृजभूषण ने इस मामले की फिर से जांच की मांग की थी.

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बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला टला (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 7, 2024, 3:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला टाल दी है. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 10 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें बृजभूषण ने इस मामले की फिर से जांच की मांग की थी. दरअसल, 18 अप्रैल को बृजभूषण की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया था कि 7 सितंबर 2022 को घटना वाले दिन वह भारत में नहीं था. बृजभूषण ने इस तथ्य की दिल्ली पुलिस से जांच करने का आदेश देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने 4 अप्रैल को आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि अगर हम चाहते तो आरोपियों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे, लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती. इसका विरोध करते हुए बृजभूषण भूषण शरण सिंह के वकील ने कहा था कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. बृजभूषण की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. बृजभूषण की तरफ से कहा गया था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई. उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. बृजभूषण की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है.

ये भी पढ़ें : साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह पर फिर साधा निशाना, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जताई नाराजगी

शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है, क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है.

बता दें कि कोर्ट ने 20 जुलाई 2023 को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपी विनोद तोमर को जमानत दी थी. 7 जुलाई 2023 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल किया.

ये भी पढ़ें : बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज पॉक्सो मामले में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला एक बार फिर टला

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला टाल दी है. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 10 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें बृजभूषण ने इस मामले की फिर से जांच की मांग की थी. दरअसल, 18 अप्रैल को बृजभूषण की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया था कि 7 सितंबर 2022 को घटना वाले दिन वह भारत में नहीं था. बृजभूषण ने इस तथ्य की दिल्ली पुलिस से जांच करने का आदेश देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने 4 अप्रैल को आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि अगर हम चाहते तो आरोपियों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे, लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती. इसका विरोध करते हुए बृजभूषण भूषण शरण सिंह के वकील ने कहा था कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. बृजभूषण की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. बृजभूषण की तरफ से कहा गया था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई. उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. बृजभूषण की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है.

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शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है, क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है.

बता दें कि कोर्ट ने 20 जुलाई 2023 को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपी विनोद तोमर को जमानत दी थी. 7 जुलाई 2023 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल किया.

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