पटना: बिहार में पल-पल सियासी संकट गहराता जा रहा है. सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार 28 जनवरी को कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. ऐसे में आरजेडी और जेडीयू गठबंधन का टूटना तय माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि एनडीए में वापसी को लेकर डील लगभग तय हो चुकी है. इसे लेकर शुक्रवार को पटना से दिल्ली तक बैठकों का दौर चला. इस बीच एक बड़ी खबर आई कि शनिवार को नीतीश कुमार से पहले लालू-तेजस्वी राज्यपाल के सामने अपने विधायकों की परेड करा सकते हैं और सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
अब लालू यादव भी एक्टिव मोड में: वहीं, शुक्रवार को दोपहर 1 बजे आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक होने वाली है. सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद आरजेडी सरकार से समर्थन वापस ले सकती है. चर्चा है कि बैठक के बाद लालू यादव राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड करना चाहते हैं, यही नहीं उसके बाद तेजस्वी यादव राजभवन में अपनी सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं.
'असमंजस की स्थिति जल्द खत्म होगी' : बिहार में तमाम सियासी अटकलों के बीच आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ''सब कुछ ठीक है. संशय, असमंजस की स्थिति बहुत जल्द खत्म हो जाएगी. आगे जो भी परिस्थिति उत्पन्न होगी उसका सामना करने के लिए हमारी पार्टी तैयार है.'' दूसरी तरफ आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज है कि मैं तो इसे अफवाह ही मानूंगा, जो संशय की स्थिति है वो संशय असहज कर रहा है और इस असहजता को दूर करने का निदान सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है."
''बिहार पूरे देश में अच्छे कारणों से चर्चा का विषय है. मुझे इसमें कोई दरार नहीं दिखती, आखिर इस 'महागठबंधन' के मुखिया नीतीश कुमार हैं. इसकी बुनियाद उन्होंने, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने मिलकर रखी थी.'' - मनोज झा, राज्यसभा सांसद, आरजेडी
राबड़ी आवास पर चला बैठकों का दौरः बिहार में हर घंटे बदल रहे सियासी उठापटक के बीच लालू यादव भी एक्टिव हैं और तमाम हलचल पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने की खबर के बीच आरजेडी ने गुरुवार और शुक्रवार को अपने नेताओं और विधायकों की बैठक की थी. गुरुवार को तमाम बड़े नेताओं के साथ राबड़ी देवी के आवास पर बैठक चली जहां आगे की रणनीति तय की गई. वहीं शुक्रवार को भी राबड़ी आवास पर राजद की बड़ी बैठक हुई. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को राबड़ी आवास बुलाया. जहां तेज प्रताप यादव के अलावा पार्टी कई बड़े नेताओं के साथ पिता-पुत्र ने काफी देर तक मंथन किया.
'जनता के बीच बहुत कन्फ्यूजन हो रहा है': वहीं बैठक के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि गठबंधन में बने संशय को दूर किजीए, क्योंकि आम जनता के बीच बहुत कन्फ्यूजन हो रहा है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपलोगों को लगता है कि नीतीश कुमार 'खेला' करेंगे, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल ही नहीं उठाता है. वहीं आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंनद तिवारी ने भी कहा कि नीतीश कुमार ऐसा करेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी. उनसे मिलने का समय भी मांगा था, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
"9 अगस्त 2022 को जब ये गठबंधन बना तब इसकी बुनियाद की ईंट लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने रखी. इस ईंट की तासीर थी कि हमें भाजपा की भय, भूख और घृणा वाली राजनीति को विराम देना है. मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) भी टेलीविजन देख रहे होंगे. मुझे यकीन है कि वे शाम तक इसका खंडन कर देंगे."- मोनज झा, आरजेडी सांसद
विधानसभा में सीटों की स्थितिः हालांकि वर्तमान में जो विधानसभा में सीटों की स्थिति है, उससे तो साफ है कि बहुमत नीतीश कुमार के पास है. इसकी संभावना भी कम है कि नीतीश कुमार के विधायक राजद की तरफ चले जाएं. इस समय भाजपा के विधायकों की संख्या 78 और राजद के पास 79 विधायक हैं. जेडीयू 45, कांग्रेस 19, लेफ्ट 16, हम 4, और एआईएमआईएम के पास 1 सीट है. भाजपा के साथ जदयू और अन्य दल जुड़ जाएंगे तो 128 संख्या हो जाती है और राजद के 117 सीट रह जाती है. जिससे साफ है कि आरजेडी के लिए सरकार बनाना मुश्किल है.
ये भी पढ़ेंः
'बिहार में BJP-JDU के बीच सब कुछ तय, 28 जनवरी को बदल जाएगी सरकार'
'बिहार में खेला होगा', दो पूर्व डिप्टी CM ने एक सुर में कहा- 'राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते'
बिहार की राजनीति में अगला 48 घंटा अहम, जानें किस पार्टी ने कब बुलाई विधानमंडल दल की बैठक
नीतीश कुमार फिर NDA में जाएंगे? RJD की दो टूक- 'कंफ्यूजन दूर करें मुख्यमंत्री'