रीवा। आप लोगों ने अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो देखी ही होगी. फिल्म को जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से फिल्माया गया था. फिल्म में महिलाओं और बेटियों को होने वाले मासिक धर्म और उसके लिए उपयोग किए जाने वाले सैनिटरी पैड को लेकर एक खास मैसेज दिया गया था. सिनेमा घरों में रिलीज होने के बाद फिल्म ने काफी सुर्खियां भी बटोरी थी. अब हम बात करेंगे के बिहार के पटना में रहने वाले के उस सख्स के बारे में जो पिछले दो सालों से पैडमैन की भूमिका निभा रहा है. लोगों में महिलाओं और बेटियों के मासिक धर्म को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से पटना से पैदल यात्रा की शुरुआत की है, जो मुंबई में समाप्त होगी.
पदयात्रा पर निकला पटना का 'पैडमैन'
पटना के पैडमैन ने हाथ में तिरंगा लेकर पटना से मुंबई तक 2200 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की है. पटना से जागरुकता संदेश देने के लिए निकले विशेखानंद विशु खगड़िया जिले के निवासी हैं. 700 किलोमीटर की यात्रा करके वह पटना से एमपी के रीवा पहुंचे. इसके बाद वह रीवा से 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा करके महाराष्ट्र के मुंबई पहुचेंगे. मुंबई पहुंचकर वह उद्योग पति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी से इस गंभीर विषय पर चर्चा करेगें. 28 मई को इंटरनेशनल पीरियड डे था और उसी दिन उन्होंने पटना से इस पदयात्रा की शुरुआत की थी.
पटना से मुंबई की यात्रा कर रहे हैं विशेखानंद विशु
ईटीवी भारत से बात करते हुए पटना निवासी विशेखानंद विशु बताया ने कि पटना से "चुप्पी तोड़ो पद यात्रा" की शुरुआत की है और उत्तर प्रदेश होते हुए वह मध्य प्रदेश एमपी के रीवा में प्रवेश हुए हैं. इसके बाद रीवा से मुंबई के लिए पैदल यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह यात्रा महिलाओं और बेटियों को होने वाली माहवारी के लिए लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए है. यह मुद्दा हमारे समाज में एक चुप्पी का विषय बना हुआ है और समाज में बहुत से लोग इस विषय में आज भी चर्चा नहीं करना चाहते हैं. इसके साथ ही महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अशुद्ध समझा जाता है और इसी चुप्पी को तोड़ने के लिए इस पदयात्रा की शुरुआत की है.''
मासिक धर्म के प्रति जागरुकता पदयात्रा
विशु कहते हैं कि ''इस क्षेत्र में पिछले 2 सालों से कार्य कर रहा हूं. पटना के अलग अलग क्षेत्रों में जो भी गरीब महिलाएं और बहनें होती हैं और वह सैनिटरी पैड नहीं खरीद सकती हैं. उन्हें मेरी ओर से नि:शुल्क सैनिटरी पैड उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही जिस बेटी का पहला पीरियड शुरु होता है, उसे वह सेलीब्रेट भी करते हैं, ताकी चुप्पी को तोड़ा जा सके और इस विषय को लेकर समाज में जो भी भ्रांतियां फैलाई गई हैं, उसे समाप्त करने के उद्देश्य लेकर पैदल यात्रा कर रहा हूं. जिस तरह से मुकेश अंबानी ने JIO की सिम लांच करके घर-घर इंटरनेट पहुंचाया है, उसी तरह महिलाओं के लिए नि:शुल्क सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जाए. जिससे समाज के एक तबके का भला हो सके, क्योंकि आज भी गरीब महिलाएं और बहनें माहवारी के दौरान गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं.''
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5 हजार से ज्यादा महिलाओं को बांट चुके हैं सैनिटरी पैड
विशेखानंद अब तक 5 हजार से ज्यादा महिलाओं को नि:शुल्क सैनिटरी पैड बांट चुके हैं. पैडमेन विशु बताते है कि पटना के अलग-अलग स्थानों में वह "लाज शर्म छोड़ो पीरियड्स पर चुप्पी तोड़ो" का पोस्टर लेकर तकरीबन 4 घंटे के लिए खड़े होते हैं और उस परिश्रम से जो भी धनराशि एकत्रित होती है उससे सैनिटरी पैड खरीदकर गरीब बस्तियों में बांट देते हैं.