नई दिल्ली : भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर की गई अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणी को 'अनुचित' करार देते हुए गुरुवार को कहा कि उसे अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है और वह इन्हें किसी भी प्रकार के अनावश्यक बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारतीय विदेश विभाग के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान गिरफ्तारी पर वाशिंगटन की टिप्पणी को लेकर नई दिल्ली के रुख के बारे में पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा की गई टिप्पणी के संबंध में कल अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और इसका विरोध किया.'
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग का बयान 'अनुचित' है. उन्होंने कहा कि देश की चुनावी और कानूनी प्रक्रिया पर इस तरह का बाहरी प्रभाव पूरी तरह अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा, 'भारत को अपने स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है. हम इन्हें किसी भी प्रकार के अनुचित बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.'
'रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रोत्साहन जारी रखेंगे' : वहीं, रूस यूक्रेन मुद्दे पर भारत ने कहा कि वह 'बातचीत और राजनय' के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रोत्साहन जारी रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में भारत के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, 'हम बातचीत और राजनय के माध्यम से रूसी-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करते रहेंगे.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और राजनय ही आगे का रास्ता है.
मोदी ने हालिया चुनाव में पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए पुतिन को बधाई देने की खातिर टेलीफोन पर बातचीत की थी. उसके बाद प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को फोन किया था और मौजूदा संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने तथा शांति के लिए सभी प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन से अवगत कराया था.
जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने देश की संप्रभुता के समर्थन के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि भारत को स्विट्जरलैंड में पहले शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेते देखना यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण होगा.