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UCC पर विपक्ष की प्रतिक्रिया, 'कूड़ेदान में डाल देना चाहिए इस बिल को, वोटों के ध्रुवीकरण से तंग आ चुकी जनता'

Uniform Civil Code Uttarakhand 2024 समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक उत्तराखंड को लेकर राजनेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. कांग्रेस, एसपी और एआईयूडीएफ के नेताओं ने जहां इस बिल को गलत बताया है तो वहीं बीजेपी के नेताओं ने धामी सरकार के इस फैसला का स्वागत किया है.

UCC पर विपक्षी की प्रतिक्रिया
UCC पर विपक्षी की प्रतिक्रिया
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 7:30 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 7:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज 6 फरवरी मंगलवार को बड़ा फैसला लिया. धामी सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक सदन के पटल पर रखा, जिसके बाद इस विधेयक पर सदन में चर्चा की गई. समान नागरिक संहिता 2024 बिल उत्तराखंड पर 7 फरवरी को भी चर्चा जारी रहेगी. वहीं इस बिल के सदन में पेश होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. एक तरफ जहां बीजेपी यूसीसी को धामी सरकार का एतिहासिक कदम बता रही है तो वहीं विपक्षी इसे संविधान के खिलाफ बता रहे हैं.

राजस्थान बीजेपी के विधायक स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने उत्तराखंड में यूसीसी बिल का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है. उन्हें विश्वास है कि यूसीसी बिल राजस्थान में भी आएगा. यूसीसी को राजस्थान में भी लागू किया जाना चाहिए.

वहीं, असम से सांसद और ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल से भी जब यूसीसी उत्तराखंड को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को खुश करने और सीएम की कुर्सी पर कुछ दिन बने रहने के लिए ऐसा किया जा रहा है. इस बिल का कोई मतलब नहीं है. इस बिल को कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए.

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूसीसी बिल के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने सभी वादें पूरे कर रही है, चाहे वो रामलला के मंदिर की बात हो या फिर धारा 370 का मुद्दा. आने वाले समय में सबसे के लिए एक कानून होगा.

महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रतापगढ़ी का कहना है कि उत्तराखंड सरकार महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था समेत सभी मुद्दों पर विफल रही है. इन सब मुद्दों से बचने के लिए उत्तराखंड में बीजेपी ने यूसीसी का मुद्दा उठाया है, लेकिन इसके बाद भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार की सामना ही करना पड़ेगा.

वहीं, असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने कहा कि बीजेपी ध्रुवीकरण के लिए यूसीसी लाते हैं, लेकिन इसे लागू करना संभव नहीं है. वहीं बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने यूसीसी बिल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई या सिख की महिलाओं के लिए अच्छी खबर है. महिलाएं पिछले कई सालों से कई चीजों से वंचित थीं.

यूसीसी बिल उत्तराखंड पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, तो वो उससे सहमत नहीं होंगे. एसटी हसन ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वोटों के ध्रुवीकरण से जनता तंग आ चुकी है.

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देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज 6 फरवरी मंगलवार को बड़ा फैसला लिया. धामी सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक सदन के पटल पर रखा, जिसके बाद इस विधेयक पर सदन में चर्चा की गई. समान नागरिक संहिता 2024 बिल उत्तराखंड पर 7 फरवरी को भी चर्चा जारी रहेगी. वहीं इस बिल के सदन में पेश होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. एक तरफ जहां बीजेपी यूसीसी को धामी सरकार का एतिहासिक कदम बता रही है तो वहीं विपक्षी इसे संविधान के खिलाफ बता रहे हैं.

राजस्थान बीजेपी के विधायक स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने उत्तराखंड में यूसीसी बिल का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है. उन्हें विश्वास है कि यूसीसी बिल राजस्थान में भी आएगा. यूसीसी को राजस्थान में भी लागू किया जाना चाहिए.

वहीं, असम से सांसद और ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल से भी जब यूसीसी उत्तराखंड को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को खुश करने और सीएम की कुर्सी पर कुछ दिन बने रहने के लिए ऐसा किया जा रहा है. इस बिल का कोई मतलब नहीं है. इस बिल को कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए.

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूसीसी बिल के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने सभी वादें पूरे कर रही है, चाहे वो रामलला के मंदिर की बात हो या फिर धारा 370 का मुद्दा. आने वाले समय में सबसे के लिए एक कानून होगा.

महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रतापगढ़ी का कहना है कि उत्तराखंड सरकार महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था समेत सभी मुद्दों पर विफल रही है. इन सब मुद्दों से बचने के लिए उत्तराखंड में बीजेपी ने यूसीसी का मुद्दा उठाया है, लेकिन इसके बाद भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार की सामना ही करना पड़ेगा.

वहीं, असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने कहा कि बीजेपी ध्रुवीकरण के लिए यूसीसी लाते हैं, लेकिन इसे लागू करना संभव नहीं है. वहीं बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने यूसीसी बिल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई या सिख की महिलाओं के लिए अच्छी खबर है. महिलाएं पिछले कई सालों से कई चीजों से वंचित थीं.

यूसीसी बिल उत्तराखंड पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, तो वो उससे सहमत नहीं होंगे. एसटी हसन ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वोटों के ध्रुवीकरण से जनता तंग आ चुकी है.

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Last Updated : Feb 6, 2024, 7:45 PM IST
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